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मालेगांव ब्लास्टः CM योगी को भी फंसाने की हो रही थी साजिश, गवाह ने किया खुलासा

ऑर्डर की कॉपी के मुताबिक, मिलिंद ने अदालत को बताया था कि एटीएस के अधिकारी उस पर दबाव बना रहे थे कि इस केस में योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश कुमार, साध्वी, काका जी, असीमानंद और प्रोफेसर देवधर का नाम लें.

मालेगांव ब्लस्ट मामले में सीएम योगी को लेकर बड़ा खुलासा.

  • मुंबई की विशेष अदालत ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है.
  • मामले के एक गवाह मिलिंद जोशी ने बताया कि योगी आदित्यनाथ को फंसाने की साजिश रची जा रही थी.
  • ATS ने मिलिंद को हिरासत में रखकर दबाव डाला कि वह पांच व्यक्तियों के नाम ले तभी उसे रिहा किया जाएगा.
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मुंबई:

महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए धमाके मामले (Malegaon Blast Case)  में मुंबई की एक विशेष अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. इस बीच यूपी के सीएम योगी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसके बाद मामले की जांच करने वाली ATS की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. इस केस के एक गवाह ने खुलासा किया है कि मालेगांव ब्लास्ट मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को फंसाने की साजिश रची जा रही थी. NDTV को मिली फैसले के ऑर्डर की कॉपी में अभिनव भारत के जुड़े मिलिंद जोशीराव के उस बयान का जिक्र है.

ये भी पढ़ें- RSS प्रमुख मोहन भागवत को भी गिरफ्तार करने का... मालेगांव पर फैसले के बाद पूर्व ATS अफसर का बड़ा खुलासा

मालेगांव ब्लास्ट केस में सीएम योगी को फंसाने की हुई कोशश

ऑर्डर की कॉपी के मुताबिक, मिलिंद ने अदालत को बताया था कि एटीएस के अधिकारी उस पर दबाव बना रहे थे कि इस केस में योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश कुमार, साध्वी, काका जी, असीमानंद और प्रोफेसर देवधर का नाम लें. मिलिंद ने अपने बयान में यह भी कहा कि एटीएस ने 7 दिनों तक उसे गैर कानूनी तरीके से अपनी हिरासत में रखा और कहा कि अगर वह इन पांच लोगों का नाम लेता है तो उसे जाने दिया जाएगा.

मोहन भागवत की गिरफ्तारी का भी था दबाव

बता दें कि इससे पहले मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरएसएस चीफ मोहन भागवत को फंसाने की कोशिश का भी खुलासा हआ था. अदालत का फैसला आने के बाद इस मामले की जांच में शामिल रहे पूर्व ATS अधिकारी महबूब मुजावर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को ये बड़ा खुलासा किया. उन्होंने बताया कि उस दौरान उनके ऊपर RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का दबाव था. उन्हें ऐसा करने के लिए बड़े अधिकारियों से आदेश भी मिला था.

 पूर्व ATS अधिकारी ने खोल दी पोल

 पूर्व ATS अधिकारी के मुताबिक, RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश उनके सीनियर अधिकारी और मालेगांव ब्लास्ट केस के प्रमुख जांच अधिकारी परमवीर सिंह ने दिया था. मुजावर ने दावा किया भगवा आतंकवाद की थ्योरी पूरी तरह से झूठी थी. इस मामले में उनके ऊपर कई फर्जी केस भी लगाए गए. लेकिन बाद में कोर्ट से में वह निर्दोष साबित हुए.

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