बुलंदशहर (Bulandshahr) घटना के दरम्यान सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे.
नई दिल्ली/लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr) में जिस वक्त गोकशी की अफवाह के बाद अराजक स्थिति पैदा हुई और पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की हत्या कर दी गई, उसके कुछ घंटों बाद प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) गोरखपुर में लाइट और साउंड शो का आनंद ले रहे थे. एक तरफ, बुलंदशहर में अफरातफरी का माहौल था तो दूसरी तरफ सीएम राजस्थान में चुनाव प्रचार के बाद सीधे शो में शामिल होने के लिए गोरखपुर पहुंचे. तस्वीरों में दिख रहा है कि गोरखनाथ मंदिर में आयोजित शो में उनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद हैं. बुलंदशहर (Bulandshahr) में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा और इंस्पेक्टर की मौत का मामला उछलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मुआवजे की घोषणा की. उसके बाद वे गोरखपुर में आयोजित एक कबड्डी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे.
आपको बता दें कि बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर उत्पात और पुलिस इंस्पेक्टर की हमले में मौत के मामले में एक और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है. गोकशी को लेकर दर्ज़ की गई FIR में कुल सात लोगों के नाम हैं, जिनमें दो नाम हैं साजिद और अनस के. जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि इन दोनों में से साजिद 11 साल का है और अनस 12 साल का. यह FIR हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज की शिकायत पर दर्ज़ की गई थी.
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VIDEO: बुलंदशहर हिंसा: उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर उठ रहे सवाल
गोरखपुर में लाइट एंड साउंड शो में मौजूद सीएम योगी आदित्यनाथ.
गौरतलब है कि बुलंदशहर में हुई हिंसा (Bulandshahr Violence) के बाद यूपी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए लखनऊ में एक बैठक भी बुलाई. इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बुलंदशहर (Bulandshahr) की घटना पर कहा कि "वहां पर जो कुछ हुआ है वह एक ऐसा संकेत है जिस पर पूरी राज्य सरकार को और हमारे वहां के मुख्यमंत्री योगी जी को विचार करना पड़ेगा. एक जमावड़ा हुआ वहां, बहुत बड़े तब्लीगी इज्तिमा के नाम से. वह जमावड़ा इतना रहस्यमय रखा गया कि वहां मीडिया को इजाजत नहीं दी गई. छह-सात किलोमीटर के दायरे में टेंट बनाकर 10-15 लाख लोग वहां पर रहे. उसी समय वहां पर एक घटना हुई है. आसपास के गांव में कहीं पर जहां लोगों को गाय के अंग मिले, तो यह तो बहुत गंभीर चिंता का विषय है. मैं चाहती हूं राज्य ठीक से इसको डील करे, इससे ज्यादा मैं इसके डिटेल में नहीं जाऊंगी.''
गौरतलब है कि बुलंदशहर में हुई हिंसा (Bulandshahr Violence) के बाद यूपी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए लखनऊ में एक बैठक भी बुलाई. इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बुलंदशहर (Bulandshahr) की घटना पर कहा कि "वहां पर जो कुछ हुआ है वह एक ऐसा संकेत है जिस पर पूरी राज्य सरकार को और हमारे वहां के मुख्यमंत्री योगी जी को विचार करना पड़ेगा. एक जमावड़ा हुआ वहां, बहुत बड़े तब्लीगी इज्तिमा के नाम से. वह जमावड़ा इतना रहस्यमय रखा गया कि वहां मीडिया को इजाजत नहीं दी गई. छह-सात किलोमीटर के दायरे में टेंट बनाकर 10-15 लाख लोग वहां पर रहे. उसी समय वहां पर एक घटना हुई है. आसपास के गांव में कहीं पर जहां लोगों को गाय के अंग मिले, तो यह तो बहुत गंभीर चिंता का विषय है. मैं चाहती हूं राज्य ठीक से इसको डील करे, इससे ज्यादा मैं इसके डिटेल में नहीं जाऊंगी.''
कबड्डी प्रतियोगिता में मौजूद सीएम योगी आदित्यनाथ.
आपको बता दें कि बुलंदशहर में कथित गोकशी को लेकर उत्पात और पुलिस इंस्पेक्टर की हमले में मौत के मामले में एक और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है. गोकशी को लेकर दर्ज़ की गई FIR में कुल सात लोगों के नाम हैं, जिनमें दो नाम हैं साजिद और अनस के. जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि इन दोनों में से साजिद 11 साल का है और अनस 12 साल का. यह FIR हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज की शिकायत पर दर्ज़ की गई थी.
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