बरेली में बुलडोजर फिर से गरजने लगा है. मौलाना तौकीर रजा की अगुआई में हुए उपद्रव के बाद से उनके करीबियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. मंगलवार-बुधवार को तौकीर रजा और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के करीबी बताए जा रहे लोगों के बारातघरों को ध्वस्त कर दिया गया. उन्होंने प्रशासन पर महज 2 दिन के नोटिस पर बुलडोजर चलाने का आरोप लगाया है.
बरेली प्रशासन ने अवैध निर्माण के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए दो बारातघरों में अनधिकृत कंस्ट्रक्शन को ढहा दिया. इनमें से एक राशिद खान का गुड मैरिज हॉल और दूसरा सरफराज वली खान का बारातघर ऐवान-ए-फरहत है.
बताया जा रहा है कि बारातघरों को ध्वस्त करने का आदेश 2011 में हुआ था. ऐवान-ए-फरहत के मालिक सरफराज वली खान ने NDTV से बातचीत में दावा किया कि अधिकारी कह रहे हैं कि 2011 में इस प्रॉपर्टी का जजमेंट हुआ था, लेकिन तब से लेकर आज तक हमें कोई सूचना नहीं दी गई और अचानक कार्रवाई कर दी गई.
सरफराज वली खान का कहना है कि 29 नवंबर शनिवार को एक पुलिसवाला एक पर्चा दे गया था. 30 तारीख को रविवार था, और सोमवार से कार्रवाई शुरू कर दी गई. हमें अपनी बात कहने तक का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने प्रशासन पर जुल्म करने का आरोप भी लगाया.
तौकीर और आजम खां से संबंधों के सवाल पर सरफराज खान का कहना था कि हमारा तौकीर मियां से कोई वास्ता नहीं है. न हम उनके घर जाते हैं, न वो हमारे घर आते हैं. हम समाजवादी हैं. आजम खां और अखिलेश यादव हमारे नेता हैं. इस नाते उनसे संबंध है.
याद दिला दें, बरेली में 26 सितंबर को ‘आई लव मोहम्मद' के नाम पर उग्र प्रदर्शन किया गया था और शहर को उपद्रव की आग में झोंकने की साजिश की गई थी. कई जगह पत्थरबाजी भी हुई थी. पुलिस ने लाठीचार्ज करके हालात काबू किए थे. इस मामले में करीब 10 एफआईआर दर्ज करके मौलाना तौकीर समेत 92 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
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