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सावधान! WhatsApp पर चल रहा नया स्क्रीन मिररिंग फ्रॉड, एक क्लिक में खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट

WhatsApp Screen Mirroring Fraud: ‘स्क्रीन मिररिंग स्कैम’ नाम का यह नया तरीका बहुत तेजी से फैल रहा है, जिसमें ठग किसी भरोसेमंद व्यक्ति या बैंक अधिकारी बनकर आपकी मोबाइल स्क्रीन का एक्सेस ले लेते हैं. इसके कुछ ही मिनटों में आपके अकाउंट से पैसे गायब हो सकते हैं.

सावधान! WhatsApp पर चल रहा नया स्क्रीन मिररिंग फ्रॉड, एक क्लिक में खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट
WhatsApp Screen Mirroring Scams: किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर कभी भी वॉट्सएप स्क्रीन शेयर न करें.
नई दिल्ली:

ऑनलाइन स्कैम के तरीके समय के साथ लगातार बदल रहे हैं. साइबर ठग अब व्हाट्सऐप के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट तक अपनी पहुंच बना रहे हैं. इन दिनों ‘स्क्रीन मिररिंग स्कैम' बहुत तेजी से फैल रहा है, जिसमें ठग किसी भरोसेमंद व्यक्ति या बैंक अधिकारी बनकर आपकी मोबाइल स्क्रीन का एक्सेस ले लेते हैं. इसके कुछ ही मिनटों में आपके अकाउंट से पैसे गायब हो सकते हैं.

फ्रेंडली मैसेज से होती है ठगी की शुरुआत

यह फ्रॉड आमतौर पर एक फ्रेंडली या भरोसेमंद मैसेज से शुरू होती है. स्कैमर खुद को बैंक कर्मचारी या किसी कंपनी के कस्टमर सर्विस रिप्रेजेंटेटिव बताते हैं. वे आपको यह कहकर बात में फंसा लेते हैं कि आपके अकाउंट या ऐप में कोई टेक्निकल इश्यू है और वे इसे ठीक करने में मदद करेंगे. इस तरह वो आपको अपने फोन की स्क्रीन शेयर करने के लिए मना लेते हैं.

एक क्लिक में मिल जाता है फोन का पूरा कंट्रोल

जैसे ही आप उनके कहने पर स्क्रीन शेयरिंग या मिररिंग चालू करते हैं, स्कैमर्स को आपके फोन की पूरी स्क्रीन रियल टाइम में दिखने लगती है. वह देख सकता है कि आप कौन-से ऐप खोल रहे हैं, क्या टाइप कर रहे हैं, यहां तक कि आपके OTP या पासवर्ड भी आसानी से पढ़े जा सकते हैं.

आपके पर्सनल और फाइनेंशियल डेटा तक तुरंत पहुंच

स्क्रीन शेयरिंग के दौरान आपकी सभी संवेदनशील जानकारियां जैसे UPI पिन, बैंक अकाउंट नंबर, डेबिट कार्ड डिटेल और प्राइवेट मैसेज उनके सामने खुल जाते हैं. इस जानकारी का इस्तेमाल वे तुरंत या बाद में आपके अकाउंट से पैसा निकालने के लिए करते हैं.

छिपे हुए ऐप से ट्रैक करते रहते हैं आपकी हर एक्टिविटी

कई बार ठग आपको कोई ऐप डाउनलोड करने को भी कहते हैं, जो दिखने में साधारण लगता है, लेकिन  यह एक “रिमोट एक्सेस” या “की-लॉगिंग” ऐप होता है. ये ऐप आपके फोन में हर टाइपिंग या एक्टिविटी को रिकॉर्ड कर स्कैमर्स तक भेजते रहते हैं.

इन सावधानियों से बच सकते हैं बड़े नुकसान से

  • किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर कभी भी स्क्रीन शेयर न करें
  • किसी लिंक पर क्लिक करने या ऐप डाउनलोड करने से पहले जांच लें
  • बैंक या ग्राहक सेवा से जुड़ी कॉल की पुष्टि आधिकारिक नंबर से करें
  • किसी संदिग्ध मैसेज या कॉल को तुरंत ब्लॉक करें और साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट करें
  • सिर्फ थोड़ी सी सतर्कता से आप अपने मेहनत की कमाई को ऐसे डिजिटल ठगों से बचा सकते हैं.


 

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