कोरोनावायरस के कारण फैली महामारी को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा दो बार बढ़ाई गई थी. पहले 31 जुलाई से इसे 30 सितंबर 2021 किया गया और फिर इसे 31 दिसंबर, 2021 तक के लिये बढ़ा दिया गया. ऐसे में अब ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2021 है.
अगर किसी कारण से आप 31 दिसंबर, 2021 की समय सीमा से पहले अपना आईटीआर दाखिल नहीं कर पाते हैं तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है. नए लॉन्च किए गए आयकर पोर्टल पर कोरोनावायरस महामारी और गड़बड़ियों के कारण, सरकार ने Belated ITR दाखिल करने की नियत तारीख को भी 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया है.
देना होता है जुर्माना
आपको पता होना चाहिए कि सरकार ने देर से आईटीआर दाखिल करने पर लेट फीस वसूलने की व्यवस्था की है. आयकर कानून की धारा-234A के अंतर्गत करदाता को टैक्स की राशि पर एक फीसदी की साधारण दर से हर महीने ब्याज चुकाना होगा. अगर आप सरकार द्वारा तय अंतिम तिथि के बाद आईटीआर फाइल करते हैं तो आपसे 5,000 रुपये लेट फाइलिंग फीस वसूली जाएगी.
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देर से ITR फाइल करने के हैं ये नुकसान
आईटीआर दाखिल करने में देरी होने पर करदाता को जुर्माना तो भरना ही होता है साथ ही कई तरह की इनकम टैक्स छूट भी ऐसे लोगों को नहीं मिलती. जुर्माने के साथ ही साथ आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट भी नहीं मिल पाती है. वहीं, धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के अंतर्गत मिलने वाली छूट भी ऐसे लोगों को नहीं मिलती.
साथ ही साथ देर से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की वजह से करदाता को आईटी एक्ट की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ भी नहीं मिलता.
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