विज्ञापन

वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों के लिए बड़ी खबर: RFID कार्ड मिलते ही 10 घंटे में शुरू करनी होगी चढ़ाई, 24 घंटे में वापसी! जानें नए नियम

Vaishno Devi yatra New Rule 2025 : श्राइन बोर्ड ने साफ कहा है कि नए नियमों का मकसद श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाना है. बोर्ड चाहता है कि हर यात्री सुरक्षित रहे और सभी को बिना ज्यादा इंतजार के दर्शन का मौका मिले.

वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों के लिए बड़ी खबर: RFID कार्ड मिलते ही 10 घंटे में शुरू करनी होगी चढ़ाई, 24 घंटे में वापसी! जानें नए नियम
Mata Vaishno Devi yatra 2025: नया नियम न्यू ईयर के मौके पर माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत साबित हो सकता है.
नई दिल्ली:

Vaishno Devi New Yatra Rule: नए साल पर माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह खबर बहुत जरूरी है. नए साल के मौके पर माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कटड़ा पहुंचते हैं. हर साल बढ़ती भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. बोर्ड का कहना है कि इसका मकसद श्रद्धालुओं को रोकना नहीं बल्कि उनकी यात्रा को सुरक्षित और आसान बनाना है ताकि दर्शन बिना परेशानी के हो सकें.

RFID कार्ड के बाद समय की सीमा तय

नए नियम के मुताबिक अब RFID यात्रा कार्ड मिलने के बाद श्रद्धालुओं को 10 घंटे के अंदर अपनी यात्रा शुरू करनी होगी. इसके साथ ही दर्शन करने के बाद 24 घंटे के भीतर कटड़ा बेस कैंप लौटना भी जरूरी होगा. ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं और सभी श्रद्धालुओं को इसका पालन करना होगा.

सभी श्रद्धालुओं पर लागू होगा नियम

श्राइन बोर्ड ने साफ किया है कि यह नियम हर श्रद्धालु के लिए है. चाहे कोई पैदल यात्रा करे या हेलिकॉप्टर और बैटरी कार जैसी सुविधा का इस्तेमाल करे सभी को तय समय के अंदर यात्रा पूरी करनी होगी. रजिस्ट्रेशन सेंटर पर मौजूद कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर यात्री को इन नए नियमों के बारे में बार बार जानकारी दें.

पहले क्या था नियम?

पहले RFID कार्ड मिलने के बाद यात्रा शुरू करने की कोई सख्त समय सीमा नहीं थी. श्रद्धालु अपनी सुविधा से कभी भी यात्रा शुरू कर सकते थे और दर्शन के बाद लौटने का भी कोई तय समय नहीं था. कई लोग भवन क्षेत्र में लंबे समय तक रुक जाते थे जिससे ट्रैक पर बहुत ज्यादा भीड़ हो जाती थी और बाकी यात्रियों को परेशानी होती थी.

न्यू ईयर से पहले क्यों लिया गया ये फैसला

श्राइन बोर्ड के अनुसार, न्यू ईयर से तीन चार दिन पहले यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है. ट्रैक पर भीड़ ज्यादा होने से सुरक्षा और किसी भी इमरजेंसी में मदद पहुंचाना मुश्किल हो जाता है. इसी वजह से यह समय आधारित सिस्टम लागू किया गया है ताकि भीड़ को सही तरीके से संभाला जा सके.

सामान्य यात्रा में कितना समय लगता है?

कटड़ा से भवन तक की दूरी करीब 13 किलोमीटर है. पैदल जाने में ऊपर चढ़ने में आमतौर पर 6 से 8 घंटे लगते हैं और नीचे आने में भी इतना ही समय लगता है. दर्शन की लाइन में 2 से 6 घंटे लग सकते हैं जो भीड़ में और बढ़ सकता है. इस तरह एक सामान्य यात्रा 24 से 36 घंटे में पूरी हो जाती है जबकि न्यू ईयर की भीड़ में यह समय 48 घंटे तक भी पहुंच सकता है.

नए नियम से श्रद्धालुओं को क्या फायदा होगा?

  • इस नए नियम से ट्रैक पर जाम कम होगा और यात्रा ज्यादा आसान बनेगी. 
  • खराब मौसम या तबीयत बिगड़ने जैसी स्थिति में मदद जल्दी पहुंचाई जा सकेगी. 
  • ज्यादा देर तक ठंड में रुकने से होने वाली परेशानी भी कम होगी. 
  • महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों के लिए यात्रा पहले से ज्यादा सुरक्षित होगी.

रजिस्ट्रेशन सेंटर की टाइमिंग भी बढ़ी

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कटड़ा रेलवे स्टेशन पर बना रजिस्ट्रेशन सेंटर अब रात 12 बजे तक खुला रहेगा. इससे देर रात पहुंचने वाले यात्रियों को भी आसानी होगी और उन्हें लाइन में ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com