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UPS VS NPS: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर... NPS से UPS में स्विच करने का आखिरी मौका

NPS to UPS switch Deadline: 30 सितंबर 2025 तक आपको तय करना है कि आप UPS चुनना चाहते हैं या NPS में ही रहना चाहते हैं. ये फैसला आपकी पूरी रिटायरमेंट लाइफ को बदल सकता है.

UPS VS NPS: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर... NPS से UPS में स्विच करने का आखिरी मौका
NPS vs UPS: अगर आप सुरक्षित और गारंटीड पेंशन चाहते हैं तो UPS सही विकल्प है. लेकिन अगर आप मार्केट में रिस्क लेकर ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो NPS बेहतर है.
नई दिल्ली:

रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलने वाली पेंशन आपकी लाइफ की सबसे बड़ी सिक्योरिटी होती है. अभी तक नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के पास ये सिक्योरिटी मार्केट के उतार-चढ़ाव पर टिकी रहती थी. लेकिन अब सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme)का  एक नया ऑप्शन दिया है, जिसमें पेंशन गारंटी के साथ मिलेगी. 

सरकार ने इस साल यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शुरू की है और 30 सितंबर 2025 तक आपको तय करना है कि आप UPS चुनना चाहते हैं या NPS में ही रहना चाहते हैं. ये फैसला आपकी पूरी रिटायरमेंट लाइफ को बदल सकता है. तो चलिए  इससे जुड़ी हर जरूरी बात जानते हैं...

UPS क्या है और किसे मिलेगा इसका फायदा?

UPS यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम, 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है. यह उन सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए है जो 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नौकरी में आए और अभी NPS में हैं. UPS चुनने वालों को रिटायरमेंट के बाद हर महीने गारंटीड पेंशन मिलेगी.

अगर आपके पास कम से कम 10 साल की सर्विस है तो कम से कम 10,000 रुपये महीना पेंशन तय है. वहीं 25 साल या उससे ज्यादा नौकरी करने वालों को उनकी आखिरी 12 महीने की औसत सैलरी का 50% पेंशन मिलेगा.

NPS और UPS में क्या अंतर है?

NPS पूरी तरह मार्केट से जुड़ा है. यानि शेयर, बॉन्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश से आपकी रकम बढ़ती है. इसका फायदा ये है कि लंबे समय में ज्यादा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन इसमें मार्केट रिस्क भी है.

वहीं UPS सुरक्षित है क्योंकि यहां आपको पेंशन गारंटी के साथ मिलती है. इसमें सरकार भी कर्मचारियों के योगदान के साथ 8.5% अतिरिक्त योगदान देगी ताकि हर महीने की पेंशन तय रहे.

टैक्स बेनिफिट

NPS और UPS दोनों में ही कर्मचारी और सरकार का योगदान टैक्स डिडक्शन के दायरे में आता है. NPS में 80C और 80CCD के तहत छूट है, और UPS में भी वही नियम लागू होंगे. फर्क बस इतना है कि UPS में आपको अश्योर्ड पेआउट (assured payout) मिलेगा.

NPS से UPS में कैसे शिफ्ट करें? 

  • सरकार ने इसके लिए eNPS पोर्टल पर ऑनलाइन सुविधा दी है.
  • सबसे पहले eNPS पोर्टल पर जाएं.
  • NPS to UPS Migration पर क्लिक करें.
  • PRAN नंबर, जन्मतिथि और कैप्चा डालकर वेरिफाई करें.
  • OTP वेरिफिकेशन करें.
  • डिक्लेरेशन पढ़कर e-Sign करें.
  • आपका रिक्वेस्ट सबमिट हो जाएगा और आपको एक एक्नॉलेजमेंट नंबर मिलेगा.

NPS VS UPS: किसके लिए सही है कौन सा ऑप्शन?

अगर आप सुरक्षित और गारंटीड पेंशन चाहते हैं तो UPS सही विकल्प है. लेकिन अगर आप मार्केट में रिस्क लेकर ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो NPS बेहतर है.आपके पास UPS या NPS में से किसी एक के चुनने के लिए बहुत कम वक्त बचा है. 30 सितंबर 2025 आखिरी तारीख है.लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ये फैसला आपकी पूरी रिटायरमेंट लाइफ को प्रभावित करेगा. इसलिए सोच-समझकर सही स्कीम चुनें.

अगर 30 सितंबर तक ऑप्शन नहीं चुना तो क्या होगा?

अगर आप 30 सितंबर 2025 तक UPS में शिफ्ट करने का ऑप्शन नहीं चुनते तो आपको ऑटोमैटिकली NPS में माना जाएगा. यानि मौका एक बार मिस हुआ तो वापस ऑप्शन नहीं मिलेगा. अगर ये डेट मिस हो गई तो आप हमेशा के लिए NPS में ही लॉक हो जाएंगे और ये माना जाएगा कि आप NPS में ही बने रहना चाहते हैं.

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