प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली रुकने का नाम नहीं ले रही है. तमाम तरह की धांधलियों में कई बार परीक्षार्थी के स्थान पर कोई सॉल्वर परीक्षा दे रहा होता है. ऐसे में जांच करने वाले भी कभी-कभी जांचने में चूक जाते हैं और फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा देकर अपना काम कर जाते हैं. ऐसे में रेलटेल ने शानदार काम कर बायोमेट्रिक सिस्टम का प्रयोग कर परीक्षा को फर्जी लोगों से मुक्त कर सराहनीय काम किया है. रेल मंत्रालय के तहत काम करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी रेलटेल ने हाल में संपन्न हरियाणा साझा पात्रता परीक्षा(सीईटी)-2022 में वास्तविक अभ्यर्थी की जगह फर्जी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलाने जैसी धोखाधड़ी पर रोक लगाने लिए ‘आधार' आधारित बयोमेट्रिक सेवा मुहैया की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ऑटोमेशन के तहत प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है और मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम किया जाता है. हरियाणा कर्मचारी आयोग की परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया गया था.
अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है, जब एनटीए ने सात लाख से अधिक अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक समेत उनके आधार की सत्यता की जांच की जिम्मेदारी रेलटेल को सौंपी. ऑटोमेशन परियोजना का उद्देश्य फर्जी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलाने पर रोक लगाना और भर्ती प्रक्रिया के दौरान उन्हें पकड़ना था, ताकि परीक्षा को अत्यधिक विश्वसनीय और त्रुटिपूर्ण बनाया जा सके.
एनटीए ने रेलटेल को परीक्षा से पहले और परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक और चेहरे की तस्वीर लेकर हरियाणा सीईटी में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कहा था.
अभ्यर्थी के ‘फिंगरप्रिंट' और चेहरे की तस्वीर एक बार फिर परीक्षा कक्ष में ली गई, ताकि अभ्यर्थियों की सत्यता की जांच हो सके. हरियाणा सीईटी-2022 परीक्षा में कुल 658 केंद्रों पर 7.6 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए.
(इनपुट भाषा से)
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