पॉपुलर निवेश माध्यम नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को लेकर अच्छी खबर है. देश में पेंशन फंड को रेगुलेट करने वाली संस्था पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने हाल ही में एक बड़ी घोषणा की है. संस्था ने NPS की एंट्री सीमा और निवेश में बने रहने की अवधि (NPS age limit) को बढ़ा दिया है. अब अगर NPS के सब्सक्राइबर्स 60 साल की उम्र के बाद या अपने सुपरएनुएशन के बाद भी इस निवेश माध्यम में बने रहना चाहते हैं तो वो ऐसा कर पाएंगे. सभी निवेशक 70 साल की उम्र तक NPS में निवेश करते रह सकेंगे. इसके साथ ही 65 की उम्र के ऊपर के जो लोग NPS में नया अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, अब उनके पास भी यह विकल्प रहेगा. इस श्रेणी के निवेशक 75 साल तक निवेश करते रह सकते हैं.
26 अगस्त, 2021 को एक सर्कुलर जारी कर PFRDA ने बताया था कि 'हमें बहुत बड़ी संख्या में ऐसे NPS सब्सक्राइबर्स से रिक्वेस्ट मिलीं कि वो 60 साल के बाद या अपने सुपरएनुएशन के बाद भी निवेश में बने रहना चाहते हैं. वहीं 65 साल के ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों की ओर से भी ऐसा आग्रह है कि वो NPS अकाउंट खोलना चाहते हैं, ऐसे में उनके हित में फैसला लेते हुए यह तय किया गया है कि NPS की एंट्री एज बढ़ा दी जाए, ताकि सब्सक्राइबर्स लंबे वक्त तक सतत पेंशन संपत्ति बना सकें.' संस्था ने बताया कि अभी जो एंट्री एज है, वो 18 से 65 साल है, उसे बढ़ाकर 18 से 70 साल कर दिया गया है.
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संशोधित एंट्री और एक्जिट एज पर गाइडलाइंस देते हुए PFRDA ने कहा कि 65 से 70 साल का कोई भी भारतीय नागरिक, रेजिडेंट या नॉन रेजिडेंट और ओवरसीज़ सिटीजन NPS में अकाउंट खुलवा सकता है और 75 साल की उम्र तक अपना अकाउंट चला सकता है. यहां तक कि नए गाइडलाइंस के मुताबिक, जिन सब्सक्राइबर्स ने अपना NPS अकाउंट बंद करवा दिया था, वो नई उम्र सीमा के हिसाब से अपना नया अकाउंट खुलवा सकते हैं.
क्या होंगे फायदे?
PFRDA ने अपने सर्कुलर में बताया है कि 65 साल की उम्र के बाद NPS से जुड़ रहे सब्सक्राइबर्स टियर-2 अकाउंट खुलवा सकेंगे, जिससे कि वो अपना रिटर्न कभी भी विदड्रॉ कर सकेंगे.
इस श्रेणी के सब्सक्राइबर्स को पेंशन फंड के चॉइस के लिए ऑटो में 15% इक्विटी का और एक्टिव चॉइस के लिए 50% का एक्सपोज़र मिलेगा. पीएफ साल में एक बार बदला जा सकेगा, वहीं असेट अलोकेशन दो बार बदला जा सकेगा.
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क्या होंगे एक्जिट करने के नियम?
इसमें 65 साल के ऊपर की उम्र में जुड़ने वाले निवेशक तीन साल के बाद नॉर्मल एक्जिट कर सकते हैं. हालांकि, annuity खरीदने के लिए उन्हें अपने फंड यानी कॉर्पस का 40 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल करना होगा, बाकी का अमाउंट वो लमसम निकाल सकते हैं. लेकिन अगर उनका पूरा कॉर्पस 5 लाख या 5 लाख से कम है, तो वो यह पूरा अमाउंट लमसम निकाल सकते हैं.
हां, यह भी जान लीजिए कि अगर इस उम्र सीमा के निवेशक तीन साल पूरे होने से पहले ही एक्जिट करेंगे तो यह प्रीमैच्योर एक्जिट होगा. ऐसे में उन्हें अपने कॉर्पस का 80 फीसदी हिस्सा annuity खरीदने में लगाना होगा और वो बचा हुआ 20 फीसदी कॉर्पस लमसम में निकाल सकेंगे.
अगर सब्सक्राइबर्स का निधन हो जाता है तो उसके अकाउंट का पूरा कॉर्पस उसके नॉमिनी को लमसम में दे दिया जाएगा.
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