
- भारत वैश्विक निवेशकों के लिए मजबूत उपभोक्ता बाजार और स्थिर सुधारों के कारण सबसे आकर्षक विकल्प बन गया है.
- KKR की रिपोर्ट के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू खपत पर आधारित होने से वैश्विक व्यापार उतार-चढ़ाव से सुरक्षित है.
- भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर, क्रेडिट और प्राइवेट सेक्टर में बड़े स्तर पर निवेश के अवसर तेजी से विकसित हो रहे हैं.
भारत अब सिर्फ उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि दुनियाभर के निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद और आकर्षक विकल्प बन गया है. एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि मजबूत उपभोक्ता बाजार, लगातार सुधार और स्थिरता के कारण भारत ग्लोबल इनवेस्टर्स की नजरों में सबसे ऊपर बना हुआ है.
क्यों निवेशक भारत की ओर देख रहे हैं?
दुनिया की जानी-मानी ग्लोबल इनवेस्टमेंट फर्म KKR ने अपनी ‘2025 मिड ईयर ग्लोबल मैक्रो आउटलुक' रिपोर्ट में बताया कि भारत में निवेश को लेकर माहौल बहुत अनुकूल है. यहां का उपभोक्ता बाजार लगातार बढ़ रहा है और सरकार की ओर से किए जा रहे सुधार निवेश को बढ़ावा दे रहे हैं.
भारत में दिख रहा है बड़ा स्कोप
KKR की रिपोर्ट कहती है कि भारत इस समय ग्लोबल लेवल पर स्केलेबल ऑपर्च्युनिटी यानी बड़े स्तर पर निवेश का मौका देने वाला देश है. खासकर ऐसे वक्त में जब दुनिया वैश्वीकरण से हटकर ताकतवर देशों की प्रतिस्पर्धा की ओर बढ़ रही है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर और क्रेडिट जैसे सेक्टर में निवेश के अच्छे मौके हैं, और प्राइवेट कंपनियां तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिलेगा फायदा
सरकार की ओर से चलाए जा रहे उत्पादन से जुड़े इंसेंटिव प्रोग्राम और आसान एफडीआई नियमों की वजह से भारत में अब मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा मिल रहा है. KKR का मानना है कि भारत अब चीन का एक मजबूत विकल्प बनकर उभर सकता है, खासकर ऐसे समय में जब ग्लोबल कंपनियां 'चीन-प्लस-वन' की रणनीति पर काम कर रही हैं.
तेल की कीमतों में गिरावट और सप्लाई चेन में विविधता लाने की जरूरत ने भारत को और भी ज्यादा आकर्षक बना दिया है.
शेयर बाजार में भी है डाइवर्सिफिकेशन का फायदा
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत के शेयर बाजार का ग्लोबल इंडेक्स से सीधा रिश्ता कम हो गया है. इसका मतलब यह है कि भारत के मार्केट में उतार-चढ़ाव की दिशा बाकी दुनिया से थोड़ी अलग हो सकती है जो निवेशकों को जोखिम से बचाता है.
इसके साथ ही, देश की बड़ी आबादी और बढ़ती खपत की वजह से आने वाले 10 सालों में प्राइवेट सेक्टर के पास बेहद बड़े स्केल पर काम करने का मौका होगा.
मामूली रुपया कमजोरी संभव, लेकिन निवेश अब भी फायदे का सौदा
KKR ने माना है कि आने वाले समय में रुपये में हल्की गिरावट हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद भारत में निवेश का माहौल मजबूत बना रहेगा. मजबूत घरेलू मांग, बेहतर आर्थिक नीतियां और राजनीतिक स्थिरता इस देश को निवेशकों के लिए एक लंबी रेस का घोड़ा बनाते हैं.
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