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This Article is From Apr 11, 2021

पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 प्रतिशत कर सकती है सरकार, मानसून सत्र में विधेयक की उम्मीद

बीमा अधिनियम, 1938 में अंतिम बार 2015 में संशोधन कर एफडीआई (FDI) की सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया था. इससे इस क्षेत्र में पांच साल में 26,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया है.

पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 प्रतिशत कर सकती है सरकार, मानसून सत्र में विधेयक की उम्मीद
सरकार पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाएगी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सरकार पेंशन क्षेत्र (Pension sector) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि इस बारे में विधेयक संसद के मानसून (Monsoon session of parliament) में लाया जा सकता है. बीमा क्षेत्र (Insurance sector) में एफडीआई (FDI) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के कानूनी संशोधन को संसद ने को पिछले महीने ही मंजूरी दी है. बीमा अधिनियम, 1938 में अंतिम बार 2015 में संशोधन कर एफडीआई (FDI) की सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया था. इससे इस क्षेत्र में पांच साल में 26,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया है.

बीमा क्षेत्र में विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 74 प्रतिशत करने के कानून संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी

सूत्रों ने बताया कि पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) अधिनियम, 2013 में संशोधन मानसून सत्र या शीतकालीन सत्र में लाया जा सकता है. इसके जरिये पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाई जाएगी. अभी पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत है. सूत्रों ने बताया कि संशोधन विधेयक में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) न्यास को पीएफआरडीए से अलग करने का प्रावधान हो सकता है.

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एनपीएस न्यास के अधिकार, कामकाज और दायित्व अभी पीएफआरडी (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास) नियमन, 2015 के तहत तय होते हैं. इसे परमार्थ न्यास या कंपनी कानून के तहत लाया जा सकता है. इसके पीछे मंशा एनपीएस न्यास को पेंशन नियामक से अलग करना और 15 सदस्यों के सक्षम बोर्ड का प्रबंधन है. इनमें से ज्यादातर सदस्य राज्यों सहित सरकार से होंगे, क्योंकि इसमें सबसे बड़ा योगदान इन्हीं का रहता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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