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This Article is From Jun 03, 2023

मनरेगा श्रमिकों के लिए अच्छी खबर, आधार नंबर न होने की स्थिति में काम देने से नहीं किया जाएगा इनकार

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत रजिस्टर्ड श्रमिकों को आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम में लाने की समय सीमा 30 जून को समाप्त हो रही है.

मनरेगा श्रमिकों के लिए अच्छी खबर, आधार नंबर न होने की स्थिति में काम देने से नहीं किया जाएगा इनकार
MNREGA Workers: ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एबीपीएस के तहत शत-प्रतिशत ‘कवरेज' हासिल करने के लिए राज्यों से शिविर लगाने को कहा है.
नई दिल्ली:

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय मनरेगा (MGNREGA) के तहत अभी काम पा रहे 88 से 90 प्रतिशत श्रमिकों को इस महीने के अंत तक अनिवार्य ‘आधार' बेस्ड पेमेंट सिस्टम (ABPS) के दायरे में लाने की उम्मीद कर रहा है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रजिस्टर्ड श्रमिकों को इस आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम में लाने की समय सीमा 30 जून को समाप्त हो रही है. हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि मनरेगा श्रमिकों (MNREGA Workers) के पास यदि आधार नंबर नहीं है तो उन्हें काम देने से इनकार नहीं किया जाएगा.

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एबीपीएस के तहत शत-प्रतिशत ‘कवरेज' हासिल करने के लिए राज्यों से शिविर लगाने को कहा है. इसने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार नंबर मुहैया करने का लाभार्थियों से अनुरोध किया जाए, लेकिन उनके पास आधार नंबर नहीं होने की स्थिति में उन्हें काम देने से इनकार नहीं किया जा सकता.

मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, मनरेगा के तहत अभी काम पा रहे करीब 74.9 प्रतिशत श्रमिकों को भुगतान प्रणाली के लिए पात्र माना गया है. मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से यह पता चलता है कि 30 जून की समय-सीमा पूरी करने के लिए प्रतिदिन 14,91,848 श्रमिकों को एबीपीसी के तहत रजिस्टर्ड करने की जरूरत है. हालांकि, कई राज्य अपने लक्ष्य से पीछे हैं और प्रतिदिन के अद्यतन आंकड़े प्रदर्शित करने वाले वेबसाइट के ‘डैशबोर्ड' पर उन्हें ‘पीछे छूट गये' के रूप में दर्शाया जा रहा है.

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