
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना अब पहले जितना झंझट वाला काम नहीं रहा. रिटर्न भरने के लिए आजकल कई मोबाईल ऐप्स भी आ गए हैं, जिनसे घंटों का काम मिनटों में हो जाता है. तो, अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) नहीं भरा है तो अब समय बहुत कम बचा है. 15 सितंबर आखिरी तारीख (ITR Filing Last Date) है और लेट फाइलिंग का मतलब सिर्फ जुर्माना ही नहीं, बल्कि हर महीने 1% तक का एक्स्ट्रा ब्याज भी हो सकता है. टैक्सपेयर के लिए ये दोहरा झटका साबित हो सकता है.
खासकर जिनकी इनकम 5 लाख रुपए से ज्यादा है, उनके लिए पेनाल्टी सीधे 5,000 रुपए तक पहुंच जाएगी. यही वजह है कि एक्सपर्ट्स आखिरी हफ्ते का इंतजार न करने और अभी से रिटर्न फाइल करने की सलाह दे रहे हैं.
मोबाइल से कैसे करें ITR फाइल
आयकर विभाग ने इस बार मोबाइल ऐप्स के जरिए ITR फाइलिंग आसान कर दी है. एनरॉइड और iOS पर AIS for Taxpayer और Income Tax Department नाम से दो ऑफिशियल ऐप्स उपलब्ध हैं. इनके जरिए सैलरीड, पेंशनर्स और छोटे टैक्सपेयर बिना डेस्कटॉप या इंटरमीडियरी की मदद के भी रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
- लॉगिन के लिए PAN, आधार या रजिस्टर्ड यूज़र आईडी और पासवर्ड डालना होता है. सिक्योरिटी के लिए आधार OTP जैसी मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन भी है.
- ऐप में एन्युअल इन्फर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और टैक्सपेयर इन्फर्मेशन समरी (TIS) उपलब्ध रहती है, जिससे बैंक, एम्प्लॉयर, म्यूचुअल फंड जैसी एंटिटीज़ से आई जानकारी पहले से भरी होती है.
- इनकम सोर्स के हिसाब से ऐप सही ITR फॉर्म चुनने में मदद करता है. ज़रूरत पड़ने पर टैक्सपेयर डिटेल एडिट या ऐड कर सकते हैं, जैसे FD पर इंटरेस्ट इनकम या रेंटल इनकम.
- रिटर्न पूरा होने के बाद आधार OTP, नेट बैंकिंग या DSC से e-verify कर सकते हैं और तुरंत acknowledgement मिल जाता है.
प्राइवेट प्लेटफॉर्म भी मददगार
सरकारी ऐप्स के अलावा कुछ प्राइवेट e-filing प्लेटफॉर्म भी काफी पॉपुलर हो रहे हैं. ये इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मान्यता प्राप्त इंटरमीडियरी (Intermediary) हैं और एक्स्ट्रा फीचर्स भी देते हैं.
- ClearTax – आसान इंटरफेस, Form 16 अपलोड और personalised टैक्स एडवाइस.
- TaxBuddy – रियल-टाइम एक्सपर्ट इंटरैक्शन और डिडक्शन/एक्जेम्प्शन गाइडेंस.
- MyITreturn – इंडिविजुअल और बिज़नेस दोनों कैटेगरी के लिए सपोर्ट.
इन प्लेटफॉर्म्स पर error detection, deduction optimisation (जैसे 80C, 80D) और personalised tax saving tips जैसे फीचर्स भी मिलते हैं.
इन गलतियों से बचना जरूरी
रिटर्न भरते वक्त जल्दबाजी में कई लोग आम गलतियां कर बैठते हैं, जिससे रिफंड में देरी या पेनाल्टी तक लग सकती है.
- गलत ITR फॉर्म चुनना – हर कैटेगरी के लिए अलग फॉर्म होता है.
- सभी इनकम सोर्स रिपोर्ट न करना – जैसे FD इंटरेस्ट, कैपिटल गेन, फ्रीलांस या बिज़नेस इनकम.
- Form 16 और Form 26AS को मैच न करना – TDS में गड़बड़ी से फाइलिंग गलत हो सकती है.
- e-verification न करना – ITR तभी valid होता है जब उसे Aadhaar OTP, नेट बैंकिंग या दूसरे ऑप्शन से e-verify किया जाए.
अगर गलती हो जाए तो क्या करें?
अगर रिटर्न फाइलिंग में गलती हो जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है.इनकम टैक्स एक्ट की धारा 154 के तहत rectification request डालकर फैक्चुअल एरर्स, कैल्क्युलेशन मिस्टेक्स, मिसमैच टैक्स क्रेटिट जैसी दिक्कतें सुधारी जा सकती हैं.
किसे फाइल करना है रिटर्न?
15 सितंबर की डेडलाइन उन सभी पर लागू है जिनका अकाउंट ऑडिट के दायरे में नहीं आता. इसमें शामिल हैं –
- सैलरीड लोग और प्रोफेशनल्स जिनकी इनकम 50 लाख रुपए तक है.
- जिनकी इनकम बेसिक एक्जमशन लिमिट से ऊपर है.
- जिन्होंने 2 लाख रुपए या ज्यादा का फॉरेन ट्रैवल किया है, 1 लाख रुपए से ज्यादा का इलेक्ट्रिसिटी बिल भरा है, या करंट अकाउंट में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा डिपॉज़िट किया है.
- प्रोफेशनल इनकम 10 लाख रुपए से ज्यादा वालों पर भी ये नियम लागू है.
- जिनका TDS या TCS 25,000 रुपए (सीनियर सिटिज़न्स के लिए 50,000 रुपए) से ज्यादा है.
- जिनके पास फॉरेन असेट्स हैं या जो फॉरेन असेट्स के बेनेफिशरीज हैं.
मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने इनकम टैक्स भरना आसान कर दिया है, समय रहते रिटर्न भरने से न सिर्फ पेनाल्टी से बचा जा सकता है, बल्कि रिफंड भी बिना अड़चन के मिलता है.
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