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ITR भरते समय कहीं आपसे तो नहीं हुई ये गलती? टैक्स डिपार्टमेंट ने दिया सुधार का आखिरी मौका

IT Notice: अगर आपकी फाइलिंग सही है और आपने सब कुछ पहले ही बता दिया है, तो आप इन नोटिस को नजरअंदाज कर सकते हैं. लेकिन अगर कुछ रह गया है, तो 31 दिसंबर से पहले उसे अपडेट करना ही समझदारी है.

ITR भरते समय कहीं आपसे तो नहीं हुई ये गलती? टैक्स डिपार्टमेंट ने दिया सुधार का आखिरी मौका
  • आयकर विभाग ने उन टैक्सपेयर्स को अलर्ट किया है जिन्होंने अपनी विदेशी संपत्तियों की जानकारी आईटीआर में नहीं दी
  • विभाग ने विदेशी बैंक खातों और निवेशों की जानकारी अंतरराष्ट्रीय इंर्फोमेशन शेयर एग्रीमेंट के जरिए प्राप्त की है
  • विदेशी संपत्ति की जानकारी आईटीआर के Schedule FA में देना कानूनी रूप से अनिवार्य है, चाहे कमाई हो या न हो
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भारत में इनकम टैक्स रिटर्न का प्रोसेस पूरा हो चुका है. अब टैक्स डिपार्टमेंट सभी रिटर्न को चेक कर रहा है कि कहीं कोई कमी टैक्सपेयर्स की तरफ से तो नहीं रह गई है. इसी बीच एक खबर ऐसी आई है जो उन टैक्सपेयर्स को जानना जरूरी है, जिनका बैंक खाता विदेश में है या विदेशी शेयर (जैसे एप्पल या गूगल के शेयर) खरीदे हैं या फिर उन्होंने विदेश में कोई संपत्ति ली हुई है. टैक्स डिपार्टमेंट ने उन लोगों को खास तौर पर अलर्ट किया है जिन्होंने अपनी विदेशी संपत्तियों की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दी है.

आयकर विभाग अब ऐसे टैक्सपेयर्स को ईमेल और एसएमएस भेज रहा है जिनके विदेशी लेनदेन की जानकारी सरकार को इंर्फोमेशन शेयर एग्रीमेंट के जरिए मिली है.

क्यों आ रहे आयकर विभाग के नोटिस?

भारत सरकार को अमेरिका और दूसरे कई देशों से वहां मौजूद भारतीयों के बैंक खातों और निवेशों की जानकारी मिलती है. विभाग ने देखा कि कई टैक्सपेयर्स ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए अपना रिटर्न तो भर दिया है, लेकिन उसमें विदेशी संपत्ति वाला कॉलम भरना भूल गए हैं. हालांकि, ये ईमेल एक तरह की चेतावनी हैं ताकि आप खुद ही अपनी गलती सुधार लें.

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विदेशी संपत्ति में क्या-क्या शामिल है?

ज्यादातर लोग सोचते हैं कि सिर्फ बंगला या बड़ी जमीन ही विदेशी संपत्ति है. लेकिन ऐसा नहीं है. इसमें शामिल हैं-

  • विदेश में किसी भी बैंक का खाता.
  • विदेशी कंपनियों के शेयर, म्यूचुअल फंड या ESOPs.
  • वहां से मिलने वाला डिविडेंड या ब्याज.
  • विदेशी बीमा पॉलिसी या ट्रस्ट में हिस्सेदारी.

Schedule FA भरना क्यों है जरूरी?

चाहे आपने उस विदेशी संपत्ति से कोई पैसा कमाया हो या नहीं, उसे ITR में दिखाना कानूनी रूप से जरूरी है. अगर आपकी कुल कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती तब भी विदेशी संपत्ति होने पर उसे बताना जरूरी है.

नहीं सुधारा तो क्या होगा?

अगर आपने जानबूझकर या अनजाने में विदेशी संपत्ति छिपाई तो अंजाम काफी भारी हो सकते हैं. मसलन-

  • ब्लैक मनी एक्ट के तहत जानकारी छिपाने पर हर साल 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
  • गंभीर मामलों में इसे टैक्स चोरी माना जाता है और इसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान है.
  • उस विदेशी संपत्ति की वैल्यू पर सीधे 30% टैक्स भी वसूला जा सकता है.

अब क्या करें?

अगर आपको ईमेल आया है या आपको लगता है कि आपसे गलती हुई है तो परेशान ना हों. आप 31 दिसंबर 2025 तक अपना रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं. ध्यान रखें कि विदेशी संपत्ति दिखाने के लिए ITR-2 या ITR-3 जैसे बड़े फॉर्म का इस्तेमाल करना होता है. साधारण ITR-1 या ITR-4 में यह ऑप्शन नहीं मिलता.

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