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ITR E-Filing Tips: खुद आईटीआर फ़ाइल करें, तो इन टिप्स को करें फ़ॉलो, ताकि कोई गलती न हो...

ITR E-Filing डेडलाइन से पहले कर दें, ताकि लेट फ़ीस और जुर्माने से बचा जा सके. ITR सबमिट करने से पहले अपनी आय और देय आयकर की तुलना फ़ॉर्म 16 से ज़रूर कर लें. अगर प्री-फ़िल्ड ITR फ़ॉर्म डाउनलोड किया है, तो किसी भी तरह की पहले से भरी हुई जानकारी को अवश्य जांचें.

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ITR E-Filing Tips: खुद आईटीआर फ़ाइल करें, तो इन टिप्स को करें फ़ॉलो, ताकि कोई गलती न हो...
यहां पढ़ें ऐसे टिप्स, जिनकी मदद से कोई भी गलती किए बिना ITR E-Filing कर सकता है...
नई दिल्ली:

इन्कम टैक्स रिटर्न, यानी Income Tax Return या ITR फ़ाइल करने वालों की तादाद पिछले 10 सालों में लगातार बढ़ती रही है, और अब पहले से कहीं ज़्यादा लोग खुद ही ITR फ़ाइल करने लगे हैं. हालांकि, कुछ साल पहले तक काग़ज़ पर ITR फ़ाइल करने के युग से आगे बढ़कर 'डिजिटल इंडिया' को मूर्त रूप देती ITR की ई-फ़ाइलिंग (ITR E-Filing) प्रक्रिया को अपनाने वालों में आज भी बहुत-से करदाता ऐसे हैं, जिन्हें इस काम के लिए पेशेवरों की मदद लेनी पड़ती है, क्योंकि क़ानूनों, नियमों और छूट तक की जानकारी आम आदमी को नहीं होती. फिर भी ITR फ़ाइल करने वालों की लगातार बढ़ती संख्या की बदौलत अपने आप फ़ाइलिंग करने वाले भी बढ़ रहे हैं, और उन्हीं की मदद के लिए आज हम आपको दे रहे हैं ऐसे टिप्स, जिनकी मदद से कोई भी गलती किए बिना ITR फ़ाइल कर सकता है.

वैसे, ITR फ़ाइलिंग की बोझिल, जटिल और बेहद ऊबाऊ प्रक्रिया भी 'डिजिटल इंडिया' के दौर में तेज़ी से बदली है, और अब ज़रूरी यह काम पहले-सा जटिल नहीं रहा है. संभवतः यह भी एक वजह हो सकती है कि ITR फ़ाइल करने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. मौटे तौर पर देखें, तो अब सभी ज़रूरी दस्तावेज़ सामने रखकर कोई भी टैक्सपेयर घर बैठे एक ही क्लिक में ITR फ़ाइल कर सकता है, लेकिन उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि कोई गलती न हो.

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ध्यान रहे, आयकर, यानी इन्कम टैक्स से जुड़े नियम हर साल बदल सकते हैं, इसलिए सबसे ज़रूरी है कि आप याद रखें, किस नियम के तहत आपको कितनी छूट मिल सकती है, या कितना टैक्स बनता है. अब तो पिछले चार साल से टैक्स कैलकुलेट करने के लिए व्यवस्थाएं भी दो-दो हो गई हैं, सो, इन्डिविजुअल (Individual Taxpayer) हर बार कैलकुलेट कर सकते हैं कि उन्हें पुरानी टैक्स व्यवस्था में ज़्यादा लाभ है, या नई टैक्स व्यवस्था में. बस, इसके बाद कुछ दस्तावेज़ अपने पास तैयार रखें, और फिर खुद करें ITR ई-फ़ाइलिंग.

ITR फ़ाइलिंग के लिए कौन-कौन-से दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए...?

  • PAN कार्ड तथा आधार कार्ड (सिर्फ़ याददाश्त के लिए)
  • फ़ॉर्म 16 (वेतन और TDS के साथ-साथ हासिल हुए HRA Rebate की जानकारी के लिए)
  • बैंक या बैंकों से हासिल समूचे वित्तवर्ष का स्टेटमेंट (ब्याज की जानकारी के लिए)
  • बैंकों से मिले ब्याज सर्टिफ़िकेट (सावधि जमा (FD) पर मिले ब्याज की जानकारी के लिए)
  • दान की रसीदें (टैक्स में छूट हासिल करने के लिए)
  • होम लोन या एजुकेशन लोन पर अदा किए गए ब्याज का स्टेटमेंट (टैक्स में छूट हासिल करने के लिए)
  • मेडिकल तथा जीवन बीमा प्रीमियम की रसीदें (टैक्स में छूट हासिल करने के लिए)
  • PAN से संबद्ध सभी बैंक खातों की जानकारी
  • वह मोबाइल फ़ोन, जो आधार से संबद्ध है, ताकि ITR को ई-वेरिफ़ाई किया जा सके

अब आपको ध्यान रखना है कुछ खास बातों का, जिससे आपसे ITR फ़ाइल करते हुए कोई गलती न हो.

  • सही ITR फ़ॉर्म का चुनाव करें : सैलरीड-क्लास या इन्डिविजुअल, एचयूएफ़, व्यवसायी या सेल्फ़-एम्प्लॉयड वर्गों के टैक्सपेयरों के लिए अलग-अलग ITR फ़ॉर्म होते हैं, इसलिए बेहद ज़रूरी है कि आप सही ITR फ़ॉर्म का चयन करें.
  • आपकी व्यक्तिगत जानकारी दुरुस्त होनी चाहिए : आपके नाम, पते और PAN नंबर आदि जैसी व्यक्तिगत जानकारी में कोई गलती होने पर आपका ITR खारिज हो सकता है, इसलिए या तो प्री-फ़िल्ड ITR फ़ॉर्म डाउनलोड करें, या ऐसी जानकारी बेहद ध्यान से भरें.
  • आय का सही और सटीक विवरण दें : किसी के भी बहकावे में आकर किसी भी तरह की आय को छिपाना जायज़ और सही नहीं होता, इसलिए हर स्रोत से हुई आय की सटीक जानकारी ITR फ़ॉर्म में भरें. AIS भी चेक करें, क्योंकि वहां वह आय पहले से दर्ज हो सकती है.
  • बैंक खातों की जानकारी दुरुस्त होनी चाहिए : प्री-फ़िल्ड ITR फ़ॉर्म में बैंक खातों की जानकारी पहले से मौजूद रहती है, लेकिन अगर आपको किसी बैंक खाते की जानकारी जोड़नी पड़ती है, तो बेहद ध्यान से इसे भरें, ताकि रिफ़ंड हासिल होने में दिक्कत न हो.
  • करमुक्ति तथा कटौती तथा छूट की जानकारी होनी चाहिए : ITR फ़ाइल करने वाले किसी भी शख्स को Tax Exemption, Tax Deductions और Tax Rebate की समूची जानकारी होनी चाहिए, और उन्हें हासिल करने के लिए संबंधित दस्तावेज़ ITR फ़ाइल करते वक्त साथ होने चाहिए.
  • ITR को वेरिफ़ाई ज़रूर करें : ITR फ़ाइल करने के बाद उसे वेरिफ़ाई करना अनिवार्य होता है. ITR का ई-वेरिफ़िकेशन भी किया जा सकता है, और इसका प्रिंटआउट लेकर इसे दस्तखत कर डाक से भी CPC, बेंगलुरू को भेजा जा सकता है.

इनके अलावा, यह भी याद रखें कि ITR डेडलाइन से पहले फ़ाइल कर दें, ताकि लेट फ़ीस और जुर्माने से बचा जा सके. ITR सबमिट करने से पहले अपनी आय और देय आयकर की तुलना फ़ॉर्म 16 से ज़रूर कर लें. अगर प्री-फ़िल्ड ITR फ़ॉर्म डाउनलोड किया है, तो किसी भी तरह की पहले से भरी हुई जानकारी को अवश्य जांचें.

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