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टैक्सपेयर्स के लिए राहत... ITR फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ी, Income Tax भरते समय इन 10 बातों का रखें ध्यान

Income Tax Return Filing 2025: अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है, तो 15 सितंबर से पहले इसे जरूर फाइल करें. आईटीआर फाइल करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको ITR रिफंड में देरी, ITR नोटिस या पेनल्टी जैसी मुश्किलों का सामना न करना पड़े.

टैक्सपेयर्स के लिए राहत... ITR फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ी, Income Tax भरते समय इन 10 बातों का रखें ध्यान
Income Tax Return 2025 Deadline: ITR भरना सिर्फ एक फॉर्मैलिटी नहीं, बल्कि आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा है.
नई दिल्ली:

अगर आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return Filing 2025) नहीं किया है, तो आपके पास अब ज्यादा वक्त नहीं है. सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर भरने की आखिरी तारीख (ITR Filing Last Date) 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है. लेकिन यह सोचना गलत होगा कि अब आराम से टैक्स भर लेंगे. अक्सर लोग डेडलाइन (ITR Filing Deadline) के करीब जल्दी-जल्दी में गलतियां कर बैठते हैं, जिनसे बचना बहुत जरूरी है.

क्या आपके लिए ITR भरना जरूरी?

अगर आपकी कुल सालाना आमदनी ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में 2.5 लाख रुपये या उससे ज्यादा और न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में 3 लाख रुपये या उससे ज्यादा है, तो आपके लिए ITR भरना अनिवार्य है ,भले ही आपका टैक्स नहीं बनता हो.

आइए जानते हैं उन 10 बातों के बारे में, जिनका ध्यान ITR भरते समय जरूर रखना चाहिए ताकि आपको ITR रिफंड में देरी, ITR नोटिस या पेनल्टी जैसी मुश्किलों का सामना न करना पड़े.

गलत ITR फॉर्म चुनना

हर व्यक्ति के लिए अलग ITR फॉर्म होता है. अगर आप सैलरीड हैं, सालाना इनकम ₹50 लाख से कम है और कोई कैपिटल गेन नहीं है, तो ITR फॉर्म 1 भर सकते हैं. लेकिन अगर आप गलत फॉर्म चुनते हैं, तो आपका रिटर्न डिफेक्ट हो सकता है और IT डिपार्टमेंट से नोटिस आ सकता है.

गलत असेसमेंट ईयर लिखना

इस साल आप फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का रिटर्न भर रहे हैं, इसलिए असेसमेंट ईयर 2025-26 होगा. कई लोग इसे लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं और पुराना या अगला ईयर भर देते हैं, जिससे रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है.

पर्सनल डिटेल्स में गलती

नाम, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, PAN, ईमेल आईडी या बैंक अकाउंट डिटेल्स जैसी बेसिक जानकारी गलत भरना आम बात है, लेकिन इससे आपका रिफंड अटक सकता है. इसलिए एक-एक डिटेल को ध्यान से भरें.

सारी इनकम की जानकारी देना जरूरी

सिर्फ सैलरी या बिजनेस इनकम नहीं, बल्कि सेविंग अकाउंट पर मिला ब्याज, FD का ब्याज, किराए से कमाई, शेयरों से हुआ शॉर्ट टर्म गेन वगैरह भी शामिल करना जरूरी है. इनकम छिपाना भविष्य में नोटिस या पेनल्टी की वजह बन सकता है.

फॉर्मेट का ध्यान रखें

ITR फॉर्म में जानकारी भरते समय सही फॉर्मेट का ध्यान रखें. जैसे डेट, नाम, IFSC कोड आदि गलत फॉर्मेट में भरने से टेक्निकल एरर आ सकते हैं.

गलत टैक्स रिजीम का चुनाव

अब आपके पास पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प है. लेकिन सही विकल्प न चुनने पर आप जरूरत से ज्यादा टैक्स भर सकते हैं. रिटर्न भरने से पहले अपने टैक्स कैलकुलेशन को समझें.

ITR वेरिफाई करना ना भूलें

बहुत लोग रिटर्न भरकर भूल जाते हैं कि उसे ई-वेरिफाई करना भी जरूरी होता है. अगर आपने ITR वेरिफाई नहीं किया, तो वह फाइल हुआ ही नहीं माना जाएगा. इसके लिए आप Aadhaar OTP, नेटबैंकिंग या अन्य विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

टैक्स छूट का दावा करना न भूलें

अगर आपने किसी प्रॉपर्टी की बिक्री से कमाई की है और वह पैसे दोबारा इन्वेस्ट किए हैं, तो आप सेक्शन 54, 54EC या 54F के तहत टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं. ये डिटेल देना न भूलें.

एडवांस टैक्स की अनदेखी

अगर आप सेल्फ एम्प्लॉयड हैं या आपकी इनकम पर TDS नहीं कट रहा, तो आपको समय पर एडवांस टैक्स देना जरूरी है. अगर आपने कम टैक्स दिया या नहीं दिया, तो बची हुई रकम पर हर महीने 1% ब्याज लग सकता है.

टैक्स नोटिस को इग्नोर न करें

अगर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस आया है, तो उसे नजरअंदाज न करें. समय पर जवाब न देने पर पेनल्टी या कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

ITR भरना सिर्फ एक फॉर्मैलिटी नहीं, बल्कि आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा है. अगर आपने अभी तक रिटर्न नहीं भरा है, तो 15 सितंबर से पहले इसे जरूर फाइल करें. टैक्स फाइल करते समय इन जरूरी बातों का ध्यान रखें. इससे न सिर्फ टैक्स से जुड़ी दिक्कतें दूर होंगी, बल्कि फाइनेंशियल रिकॉर्ड भी मजबूत होगा.
 

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