
टैक्स फाइल करने का सीजन हमेशा लोगों के लिए टेंशन लेकर आता है. ज्यादातर लोग समय पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) तो भर देते हैं, लेकिन जिनको टैक्स ऑडिट (Income Tax Audit) करवाना होता है, उनके लिए आखिरी तारीख अक्सर सिरदर्द बन जाती है. इस बार राहत की खबर आई है क्योंकि CBDT ने टैक्स ऑडिट की डेडलाइन (Income Tax Audit Deadline Extension) बढ़ा दी है. पहले ये डेडलाइन 30 सितंबर 2025 थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दिया गया है.
ये फैसला देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ और प्राकृतिक आपदा जैसी दिक्कतों के चलते लिया गया है, जिससे फाइलिंग का काम प्रभावित हुआ था.
टैक्स ऑडिट की नई डेडलाइन
जो टैक्सपेयर्स ऑडिट के दायरे में आते हैं, उनके लिए बड़ी राहत ये है कि अब उन्हें 31 अक्टूबर 2025 तक समय मिल गया है. पहले की डेडलाइन 30 सितंबर थी. अब सभी कंपनियों, प्रॉपर्टरशिप फर्म्स और पार्टनर्स को 31 अक्टूबर तक ITR भरना होगा, लेकिन उससे पहले ऑडिट रिपोर्ट फाइल करना जरूरी है.
Income Tax Audit क्या है?
टैक्स ऑडिट एक तरह की जांच है जिसमें किसी भी बिजनेस या प्रोफेशन के फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स की गहराई से चेकिंग होती है. इसमें देखा जाता है कि इनकम, खर्चे और डिडक्शन सही तरीके से बताए गए हैं या नहीं और टैक्स कैलकुलेशन सही है या नहीं.
Tax Audit किसके लिए जरूरी?
- हर किसी को टैक्स ऑडिट कराने की जरूरत नहीं होती. ये सिर्फ उन्हीं पर लागू होता है:
- जिनका बिजनेस टर्नओवर या ग्रॉस रिसीट्स 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
- अगर कैश ट्रांजेक्शन 5% से कम है, तो ये लिमिट बढ़कर 10 करोड़ रुपये हो जाती है.
- प्रोफेशनल्स के लिए ये लिमिट 50 लाख रुपये है.
टैक्स ऑडिट के दौरान कौन से डॉक्यूमेंट चेक होते हैं?
टैक्स ऑडिट के दौरान चार्टर्ड अकाउंटेंट आपके कई डॉक्यूमेंट्स की जांच करते हैं, जैसे:कैश बुक और लेजर,बैंक स्टेटमेंट्स,स्टॉक रिकॉर्ड्स,सेल्स और परचेज इनवॉइस,जर्नल्स आदि.
अगर टैक्स ऑडिट की डेडलाइन मिस हुई तो क्या होगा?
अगर आप टैक्स ऑडिट की डेडलाइन मिस कर देते हैं तो Income Tax एक्ट के Section 271B के तहत पेनल्टी लगेगी. जिसमें आपके कुल सेल्स/टर्नओवर/ग्रॉस रिसीट्स का 0.5% या फिर ₹1,50,000, जो भी कम हो देना होगा.
लेकिन हां, अगर आपके पास देरी का कोई ठोस कारण है जैसे प्राकृतिक आपदा, हेल्थ इमरजेंसी वगैरह, तो CBDT पेनल्टी से राहत भी दे सकता है.
क्या सैलरीड लोगों को भी टैक्स ऑडिट कराना पड़ता है?
आम तौर पर सैलरीड लोगों को टैक्स ऑडिट की जरूरत नहीं होती. लेकिन अगर किसी सैलरीड व्यक्ति की प्रोफेशनल इनकम 50 लाख से ज्यादा है या बिजनेस इनकम 1 करोड़ से ज्यादा है, तो उन्हें भी ऑडिट करवाना होगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं