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1 अप्रैल से बदल जाएंगे Income Tax के ये 10 बड़े नियम, हर टैक्सपेयर्स के लिए जानना जरूरी

New Income Tax Rules from 1st April 2025: 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये टैक्स बदलाव आपकी सेविंग, इन्वेस्टमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए अगर आप इन सभी नए बदलावों को ध्यान में रखते हुए फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की प्लानिंग करें.

1 अप्रैल से बदल जाएंगे Income Tax के ये 10 बड़े नियम, हर टैक्सपेयर्स के लिए जानना जरूरी
Income Tax New Rules 2025: नए टैक्स नियम 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं, जिसका असर आपके निवेश और टैक्स प्लानिंग पर पड़ेगा.
नई दिल्ली:

अगर आप हर साल टैक्स भरते हैं, तो आपके लिए इनकम टैक्स के नए नियमों (Income Tax New Rules 2025) को जानना जरूरी है. दरअसल सरकार ने इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलावों ( Income Tax Rule Change) की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे. इन बदलावों में से कई की घोषणा इस साल फरवरी में पेश किए गए केंद्रीय बजट (Union Budget 2025) में भी की गई थी.सरकार का मकसद आम आदमी के लिए इनकम टैक्स नियमों को आसान बनाना है.

बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मौजूदा टैक्स सिस्टम को आसान और प्रभावी बनाने के लिए कई अहम बदलावों की घोषणा की थी. नए नियमों से मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास को काफी राहत मिलेगी. ये नए टैक्स नियम 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं, जिसका असर आपके निवेश और टैक्स प्लानिंग पर पड़ेगा. इसलिए इनके बारे में आपको पता होना चाहिए.

जानिए 1 अप्रैल, 2025 से लागू होने वाले 10 बड़े बदलाव के बारे में...

1. नई इनकम टैक्स स्लैब और रेट

न्यू टैक्स रिजीम के तहत फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए लेटेस्ट इनकम टैक्स स्लैब और रेट इस प्रकार हैं...

  • 0 से 4 लाख रुपये तक - शून्य
  • 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक - 5 फीसदी
  • 8,00,001 रुपये से 12,00,000 रुपये तक - 10 फीसदी
  • 12,00,001 रुपये से 16,00,000 रुपये तक - 15 फीसदी
  • 16,00,001 रुपये से 20,00,000 रुपये तक - 20 फीसदी
  • 20,00,001 रुपये से 24,00,000 रुपये तक - 25 फीसदी
  • 24,00,000 रुपये से ऊपर - 30 फीसदी

ध्यान दे ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में किसी बदलाव की घोषणा नहीं की गई है.

2. सेक्शन  87A के तहत छूट में बढ़ोतरी 

वित्त मंत्री ने फरवरी में पेश किए गए बजट में 87A के तहत छूट (Increased exemption under section 87A) को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है. यह छूट सुनिश्चित करती है कि 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना  होगा.

3. TDS नियमों में बदलाव

1 अप्रैल 2025 से कई सेक्शन में TDS की लिमिट  (TDS Limit Change)बढ़ा दी गई है, जिससे स्मॉल टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी. सीनियर सिटीजन के लिए इंटरेस्ट इनकम (interest income for senior citizens) पर TDS लिमिट बढ़कर 1 लाख रुपये हो जाएगी.

4. TCS नियमों में बदलाव 

1 अप्रैल 2025 से TCS की दरों (Changes in TCS rules)में भी बदलाव किया जाएगा, जिसका असर विदेश यात्रा (foreign travel), निवेश (investments) और अन्य ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा. पहले 7 लाख रुपये से ज्यादा का अमाउंट भेजने पर TCS देना पड़ता था, लेकिन अब यह लिमिट बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है. इस नियम से उन पेरेंट्स को काफी फायदा होगा जो बच्चों की पढ़ाई, पारिवारिक खर्च या किसी अन्य वजह से विदेश में पैसा भेजते हैं.

5. अपडेट टैक्स रिटर्न (ITR-U) की टाइम लिमिट बढ़ी

अब अपडेटेट ITR फाइल करने की समय सीमा 12 महीने से बढ़ाकर 48 महीने (4 साल) कर दी गई है. अगर किसी वजह से रिटर्न फाइल करने से चूक जाते हैं, तो अब इसे फाइल करने के लिए आपके पास चार साल तक का वक्त होगा.

6. IFSC के तहत टैक्स छूट की समय सीमा बढ़ी 

इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) के तहत टैक्स छूट की समय सीमा 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च 2030 कर दी गई है.

7. स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट

अब 1 अप्रैल 2030 तक रजिस्टर्ड स्टार्टअप को सेक्शन 80-IAC के तहत तीन साल तक 100% टैक्स छूट मिलेगी, बशर्ते वे सभी निर्धारित शर्तें पूरी करते हों.

8. सेक्शन 206AB और 206CCA  को हटाया गया

कंप्लायंस को आसान बनाने के लिए सेक्शन 206 AB और 206CCA को पूरी तरह से हटा दिया गया है. जिसके चलते टैक्स कटौती करने वालों और टैक्स कलेक्ट करने वालों को कम समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

9. पार्टनर को दी जाने वाली सैलरी पर नई लिमिट 

पार्टनरशिप फर्मों के लिए पार्टनर को दी जाने वाली सैलरी पर मैक्सिमम डिडक्शन लिमिट तय की गई है. इसके साथ ही पार्टनर्स को पेमेंट करने पर टीडीएस भी कटेगा.

10. यूलीप पर कैपिटल गेन के तौर पर लगेगा टैक्स

अब अगर कोई यूलिप पॉलिसी (ULIP policy) जिसका एनुअल प्रीमियम 2.5 लाख रुपये या बीमित राशि (sum assured) का 10% से ज्यादा है, तो उस पर कैपिटल गेन के तौर पर टैक्स लगेगा.  यानी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाली यूलिप पॉलिसियों के रिडेम्प्शन से होने वाले मुनाफे को कैपिटल गेन माना जाएगा और उस पर टैक्स लगेगा. 12 महीने से कम समय के लिए रखे गए ULIPs पर 20% शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स लगेगा. वहीं 12 महीने से ज्यादा समय के लिए रखे गए ULIPs पर 12.5% लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगेगा.

नए नियमों से टैक्स का बोझ होगा कम?

1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये टैक्स बदलाव आपकी सेविंग, इन्वेस्टमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए अगर आप इन सभी नए बदलावों को ध्यान में रखते हुए फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की प्लानिंग करते हैं, तो आप अपने टैक्स का बर्डन यानी बोझ कम कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं.

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