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ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ये डॉक्यूमेंट्स जरूरी, देखें लिस्ट

Income Tax Filing Tips: हर टैक्सपेयर को अपनी इनकम और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के हिसाब से अलग-अलग डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ सकती हैं, लेकिन कुछ ऐसे डॉक्युमेंट्स होते हैं, जिनकी जरूरत ज्यादातर लोगों को पड़ती है.

ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ये डॉक्यूमेंट्स जरूरी, देखें लिस्ट
Income Tax Return filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अपने पास सभी जरूरी डॉक्यूमेंट पहले से तैयार रखकर आप अपने टैक्स फाइल करने के प्रोसेस को आसान बना सकते हैं.
नई दिल्ली:

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय हमें कई डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है. कई बार ऐसा होता है कि रिटर्न फाइल करते समय पता चलता है कि कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट हमारे पास हैं ही नहीं. इसलिए टैक्स रिटर्न फाइल करते समय ऐसी दिक्कतों से बचने के लिए जरूरी है कि सभी जरूरी डॉक्यूमेंट पहले से अपने पास तैयार रखें. हालांकि हर टैक्सपेयर को अपनी इनकम और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के हिसाब से अलग-अलग डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ सकती हैं, लेकिन कुछ ऐसे डॉक्युमेंट्स होते हैं, जिनकी जरूरत ज्यादातर लोगों को पड़ती है.

चाहे आप किसी कंपनी में काम करते हों, बिजनेस ऑनर हों या आपके पास इनकम के कई दूसरे सोर्स हों, सभी टैक्सपेयर्स के लिए कुछ डॉक्यूमेंट मेंडेटरी यानी अनिवार्य होते हैं.आपकी मदद के लिए आज हम यहां ऐसे ही डॉक्युमेंट्स की चेकलिस्ट आपको बताने जा रहे हैं.

ITR फाइल करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट की लिस्ट

फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए ITR फाइल करने के लिए आपको जिन जरूरी डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी, उनकी लिस्ट नीचे दी गई है.

पैन कार्ड (PAN Card): सबसे पहले आता है आपका PAN (Permanent Account Number), जो आपके ITR फाइल करने के लिए बेहद जरूरी है. इसका यूज TDS डिडक्शन के लिए किया जाता है और ध्यान रखें कि डायरेक्ट इनकम टैक्स रिफंड के लिए यह आपके बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए. अगर आपको अपना PAN कार्ड नहीं मिल रहा है, तो ITR फाइल करने के लिए आप अपने आधार नंबर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

आधार कार्ड (Aadhaar Card): इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139AA के तहत, आपको अपना रिटर्न फाइल करते समय अपनी आधार डिटेल देनी होगी. अगर आपने आधार के लिए अप्लाई किया है, और अभी तक यह आपको मिला नहीं है, तो अपने ITR में एनरोलमेंट ID का इस्तेमाल कर सकते हैं. पैन और आधार को लिंक करने से OTP के जरिए आपके ITR का ऑनलाइन वेरिफिकेशन हो जाता है.

फॉर्म 16 (Form 16): यह डॉक्यूमेंट आपके एम्प्लॉयर यानी कंपनी द्वारा जारी किया जाता है और इसमें आपके सैलरी और TDS (Tax Deducted at Source) की डिटेल होती है. यह ITR फाइल करने वाले सैलरीड इंडिविजुअल के लिए बहुत जरूरी डॉक्यूमेंट है. फॉर्म 16 के दो पार्ट होते हैं: पार्ट A में कंपनी की ओर से काटे गए टैक्स की डिटेल शामिल होती है, और पार्ट B में सैलरी ब्रेकअप जैसी TDS कैलकुलेशन शामिल होती हैं.

फॉर्म -16A/ फॉर्म -16B/ फॉर्म -16C (Form-16A/ Form-16B/ Form-16C): ये फॉर्म सैलरी के अलावा दूसरी इनकम (जैसे डिपॉजिट या प्रॉपर्टी की बिक्री से होने वाली इनकम) पर काटे गए TDS के लिए जरूरी हैं. फॉर्म 16A आपको बैंक या पेमेंट करने वाले संस्थान की तरफ से इश्यू किया जाता है, जबकि फॉर्म 16B प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन और फॉर्म 16C  रेंटल इनकम से संबंधित होता है.

बैंक अकाउंट डिटेल (Bank Account detail): आपको अपने ITR में सभी एक्टिव बैंक अकाउंट का खुलासा करना होता है, साथ ही टैक्स रिफंड (tax refund) के लिए एक अकाउंट स्पेसिफाई करना होता है. सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट पर कमाय ब्याज के बारे में बताने के लिए बैंक स्टेटमेंट या पासबुक की जरूरत होती है.

फॉर्म 26AS (Form 26AS): यह एक एनुअल टैक्स स्टेटमेंट है जो आपके PAN के अगेंस्ट डिपॉजिट किए गए टैक्स को दर्शाता है. यानी सरल शब्दों में फॉर्म 26AS में पूरे फाइनेंशियल ईयर के दौरान आपके तमाम इंपॉर्टेंट फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की डिटेल होती है. इसमें बैंक, एम्प्लॉयर या अन्य ऑर्गनाइजेशन की TDS डिटेल शामिल होती हैं. टैक्स क्रेडिट क्लेम करने लिए आपके रिटर्न में भरी गई जानकारी का फॉर्म 26AS में दी गई डिटेल से मैच करना जरूरी है. दोनों में अंतर पाए जाने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे स्पष्टीकरण यानी क्लेरिफिकेशन मांग सकता है.

होम लोन स्टेटमेंट (Home Loan Statement): अगर आप अपने होम लोन (Home loan) के इंटरेस्ट पर टैक्स छूट (Tax exemption) क्लेम करना चाहते हैं, तो होम लोन का इंटरेस्ट सर्टिफिकेट अपने पास तैयार रखें, क्योंकि ITR फाइल करते समय आपको उसकी जरूरत पड़ेगी. अगर आपने होम लोन लिया है तो यह स्टेटमेंट आपको आसानी से बैंक से मिल जाएगा.

टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट (Tax Saving Instruments): टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट जैसे कि FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) या इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम ( ELSS - Equity Linked Savings Scheme) से रिलेटेड डॉक्यूमेंट टैक्स फाइल करने के लिए पहले से तैयार रखें, खासकर अगर आप 1.5 लाख तक की टैक्स कटौती का दावा करना चाहते हैं.
 

कैपिटल गेन की डिटेल (Capital gains details): अगर आपने शेयर या प्रॉपर्टी जैसा कोई एसेट बेचा है, तो उस पर हुए कैपिटल गेन या लॉस को रिपोर्ट करने के लिए ब्रोकर स्टेटमेंट (broker statement) या बिक्री विलेख (sale deeds) को संभाल कर रखें.

रेंटल इनकम (Rental income): अपने ITR में प्रॉपर्टी से होने वाली रेंटल इनकम भी आपको डिक्लेयर करनी होगी.

विदेशी आय (Foreign income): टैक्स बेनिफिट या DTAA (Double Taxation Avoidance Agreement) बेनिफिट क्लेम करने के लिए विदेश में हुई इनकम से संबंधित डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. दरअसल टैक्सपेयर्स विदेशी सरकारों को भुगतान किए गए टैक्स पर अपने निवास देश यानी जहां वो रहते हैं डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.

डिविडेंड इनकम (Dividend income): शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश से होने वाली डिविडेंड इनकम को रिटर्न फाइल करते समय शो करना जरूरी है. इसके लिए ब्रोकर स्टेटमेंट (broker statements) या डीमैट अकाउंट समरी ( Demat account summaries) से डिटेल निकाल सकते हैं.

रिटर्न फाइल करते समय अपने पास ये सभी डॉक्यूमेंट पहले से तैयार रखकर, आप अपने टैक्स फाइल करने के प्रोसेस को आसान बना सकते हैं. बाद में जरूरत पड़ने पर टैक्स कंसल्टेंट या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दिखाने के लिए ये सभी डॉक्यूमेंट को संभाल कर रखें. आपको याद दिला दें कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2025 है.

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