
छोटे कारोबारियों के लिए अब बड़ी राहत मिलने वाली है क्योंकि GST प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. CBIC चेयरमैन संजय के अगरवाल ने NDTV GST कॉन्क्लेव में कहा कि छोटे और लो‑रिस्क व्यवसायों के लिए GST रजिस्ट्रेशन अब सिर्फ तीन वर्किड डे में ऑटोमैटिक प्रूवल मिल सकेगा. इसका फायदा उन कारोबारियों को मिलेगा जिनकी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) 2.5 लाख रुपये प्रति महीने से अधिक नहीं होगी.
बता दें कि जो व्यवसाय हर माह 2.5 लाख रुपये से ज्यादा इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम नहीं करते, वे लो‑रिस्क श्रेणी में आ जाएंगे.
सात दिनों के अंदर 90% राशि रिफंड
इसके साथ ही, रिफंड प्रक्रिया में भी सुधार किए जा रहे हैं और इसे आसान बनाया जा रहा है. संजय अगरवाल ने बताया कि पहचान किए गए और रिस्क असेसमेंट वाले टैक्सपेयर्स को बिना ऑफिसर की हस्तक्षेप के सात दिनों के अंदर 90% रिफंड राशि प्रोविजनल तौर पर मिल सकेगी.उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यवसाय इन नए नियमों के बाद बड़ा हो जाए और ITC सीमा पार कर दे, तो उसे सामान्य GST रजिस्ट्रेशन श्रेणी में वापस ले जाया जा सकता है. इन बदलावों का मकसद है झंझट कम करना और कारोबारियों पर टैक्स का बोझ आसान बनाना है.
GST रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं करना होगा लंबा इंतजार
सरकार ने यह बदलाव इसलिए किया है क्योंकि पिछले समय में कई छोटे कारोबारी GST रजिस्ट्रेशन के लिए लंबे समय तक इंतजार करते रहे. फर्जी कंपनियों के कारण जांच‑पड़ताल बढ़ जाती थी, दस्तावेज मांगने में देरी होती थी, और कारोबारियों को कारोबार शुरू करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.
छोटे कारोबारियों के लिए सिम्प्लिफाइड GST रजिस्ट्रेशन स्कीम
ये सुधार “सिम्प्लिफाइड जीएसटी रजिस्ट्रेशन स्कीम” नाम से लाई जा रही है, जिसमें व्यवसायी खुद अनुमान लगा सकते हैं कि उनकी सप्लाई पर GST ITC ₹2.5 लाख प्रति माह से ज्यादा नहीं होगा. ऐसे कारोबारी इस योजना में शामिल हो सकते हैं और अगर बाद में उन्हें जरूरत पड़े तो सामान्य रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में वापस जा सकते हैं.
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