देश में सोने-चांदी के भाव (Gold-Silver Rates) में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. इन कीमती धातुओं की कीमतों पर वैश्विक रुझानों, स्थानीय मांग और करेंसी दरों में उतार-चढ़ाव का असर देखा जा रहा है. बीते हफ्तों की बात करें तो सोने के भाव में लगातार गिरावट देखी गई है. शनिवार तक 24 कैरेट सोने की कीमतों में साप्ताहिक आधार पर करीब 1,649 रुपये की गिरावट देखी गई. इसके पीछे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम होने, भारत और चीन के साथ अमेरिकी व्यापार समझौते की उम्मीद और अन्य वजहें बताई जा रही है.
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को 24 कैरेट सोने की 10 ग्राम की कीमत दैनिक आधार पर 4 रुपये घटकर 1,20,770 रुपये हो गई. वहीं रविवार 2 नवंबर को स्थानीय बाजारों में मामूली इजाफा देखा जा रहा है.
देश में सोना-चांदी का भाव
रविवार 2 नवंबर को देश में 99 फीसदी शुद्धता वाले 24 कैरेट सोने की कीमत 1,23,000 रुपये/10 ग्राम के करीब है. वहीं, 22 कैरेट सोना 1,12,750 रुपये/ 10 ग्राम के करीब है. 91.67% शुद्धता वाले 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल आमतौर पर गहने-जेवर बनाने में होता है.
वहीं दूसरी ओर चांदी में भी नरमी देखी जा रही है. एक हफ्ते के भीतर चांदी के भाव में 3,000 प्रति किलो तक की कमी हुई है. फिलहाल चांदी का भाव 1,52,000 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रही है.
भारत में सोने की कीमतों पर कई बातों का असर पड़ता है, जिनमें सोने का अंतरराष्ट्रीय भाव, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत और घरेलू स्तर पर जेवरात की मांग शामिल हैं. इन्हीं फैक्टर्स की वजह से भारतीय ग्राहकों को सोने की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है.
ग्लोबल मार्केट में क्या है सोने का हाल?
ग्लोबल मार्केट की बात करें तो दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी सोना वायदा 4,016.70 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपनी बेंचमार्क ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 3.75 फीसदी से 4 फीसदी के दायरे में लाने के बाद बाजार में सतर्कता का माहौल बन गया, लेकिन साथ ही यह भी संकेत दिया कि यह कटौती 2025 में अंतिम हो सकती है, जिससे निकट भविष्य में और नरमी की उम्मीदें कम हो गईं. सीएमई समूह के फेडवॉच टूल के अनुसार, बाजार अब दिसंबर में फेड द्वारा 25 आधार अंकों की कटौती की 74.8 फीसदी संभावना पर विचार कर रहे हैं, जबकि एक सप्ताह पहले यह संभावना 91.1 फीसदी थी. दुनियाभर के कई देशों में केंद्रीय बैंकों की ओर से मजबूत मांग के कारण इस साल पीली धातु की कीमतों में लगभग 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतीन त्रिवेदी ने कहा, 'उच्च जोखिम की धारणा सर्राफा को समर्थन दे रही है, जिसमें 1,18,000 रुपये के आसपास के प्रमुख स्तर समर्थन और 1,24,000 रुपये के प्रतिरोध स्तर पर देखे जा रहे हैं. बाजार अब अमेरिका-चीन और अमेरिका-भारत के बीच व्यापार संतुलन पर बातचीत में स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं, जो अल्पकालिक दिशा तय करने की संभावना है.' उन्होंने आगे कहा कि तब तक, सोने के उक्त सीमा के भीतर अस्थिर बने रहने की उम्मीद है.
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