- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुसार नौकरी बदलने के दौरान छोटे ब्रेक को सर्विस में रुकावट नहीं माना जाएगा
- अब कर्मचारी के पीएफ खाते में कम से कम पांच सौ रुपये नहीं होने पर भी 2 लाख 50 हजार रुपये का बीमा मिलेगा
- नौकरी छोड़ने और नई नौकरी जॉइन करने के बीच 60 दिनों तक का गैप भी सर्विस ब्रेक नहीं माना जाएगा
EPFO New Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने करोड़ों नौकरीपेशा लोगों के लिए दो बड़े और अहम बदलाव किए हैं. ये बदलाव सीधे तौर पर आपकी जॉब सिक्योरिटी और आपके परिवार की फाइनेंशियल सेफ्टी से जुड़े हैं. अब नौकरी बदलने के दौरान आने वाले छोटे ब्रेक को सर्विस में रुकावट नहीं माना जाएगा.
कम बैलेंस पर भी मिलेगा ₹2.5 लाख का बीमा
ईपीएफओ ने एंप्लॉय डिपॉजिट लिंक इंश्योरेंस स्कीम के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब अगर किसी कर्मचारी के पीएफ खाते में 500 रुपये से कम बैलेंस है, तब भी उसके परिवार को कम से कम ₹2.5 लाख का बीमा कवर मिलेगा. पहले नियम था कि खाते में कम से कम 500 रुपये जमा होने पर ही परिवार को इस बीमा का फायदा मिलता था.
छुट्टियां अब सर्विस ब्रेक नहीं
अक्सर नौकरी बदलते समय शनिवार, रविवार या नेशनल हॉलिडे की वजह से जॉइनिंग में कुछ दिनों का अंतर आ जाता था, जिसे पहले सर्विस ब्रेक माना जाता था. इससे बीमा जैसे लाभ अटक जाते थे. ईपीएफओ के नए सर्कुलर के अनुसार, अगर पहली नौकरी छोड़ने और दूसरी नौकरी जॉइन करने के बीच सिर्फ वीकेंड या सरकारी छुट्टियां आती हैं, तो इसे ब्रेक नहीं माना जाएगा. मान लीजिए, अगर आपने शुक्रवार को नौकरी छोड़ी और सोमवार को नई कंपनी जॉइन की तो आपकी सर्विस कंटिन्यूअल मानी जाएगी.
60 दिनों का गैप लागू
ईपीएफओ ने एक और राहत देते हुए साफ किया कि अगर नौकरी बदलते समय 60 दिनों तक का भी गैप रहता है, तो भी उसे सर्विस ब्रेक नहीं माना जाएगा. इसका मतलब है कि 2 महीने के ब्रेक के बाद भी आपकी पिछली सर्विस को जोड़कर देखा जाएगा और आप ईडीएलआई (EDLI) के तहत बीमा कवर के हकदार बने रहेंगे.
ईपीएफओ के इन फैसलों से उन लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा जो बेहतर करियर के लिए अक्सर नौकरियां बदलते हैं. अब वे बिना किसी डर के जॉब स्विच कर सकते हैं, क्योंकि उनकी सोशल सिक्योरिटी और परिवार का बीमा कवर अब पहले से ज्यादा सेफ है.
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