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नौकरी बदलने पर EPF ट्रांसफर का झंझट खत्म! जॉब स्विच करते ही नए अकाउंट में आ जाएगा PF का पैसा, जानें कैसे

New EPFO Rules: नया ऑटोमैटिक EPF ट्रांसफर सिस्टम करोड़ों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है.खासकर प्राइवेट सेक्टर में बार-बार नौकरी बदलने वालों के लिए यह बदलाव बेहद फायदेमंद साबित होगा.

नौकरी बदलने पर EPF ट्रांसफर का झंझट खत्म! जॉब स्विच करते ही नए अकाउंट में आ जाएगा PF का पैसा, जानें कैसे
New EPFO Rules: EPFO अब अपने पूरे सिस्टम को डिजिटल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. आने वाले महीनों में PF विड्रॉल प्रोसेस को भी ऑटोमैटिक करने की तैयारी है.
नई दिल्ली:

EPF Account Transfer Process Explained: नौकरी बदलने के बाद आपका पुराना PF अकाउंट बैलेंस बिना किसी झंझट के अपने अब नए अकाउंट में पहुंच जाएगा. दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) 2025 से ऐसा ऑटोमैटिक सिस्टम लागू करने जा रहा है जिसमें कर्मचारियों को न तो कोई फॉर्म भरना होगा और न HR या पुराने ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ेंगे. बस नया जॉब जॉइन करें और PF का पैसा अपने आप नए एम्प्लॉयर के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा. आइए जानते हैं क्या है EPFO का नया नियम जो हर सैलरीड एम्पलॉय को पता होनी चाहिए....

EPFO के मुताबिक, यह सिस्टम पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस होगा, जिससे प्रक्रिया तेज होगी और धोखाधड़ी की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी.

क्या है नया EPFO ऑटो ट्रांसफर सिस्टम?

नया सिस्टम 2025 की पहली तिमाही से पूरी तरह लागू हो जाएगा. जैसे ही कोई कर्मचारी नई नौकरी जॉइन करेगा और नया एम्प्लॉयर जॉइनिंग डेट अपडेट करेगा, उसका पुराना PF बैलेंस ऑटोमैटिकली नए अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा. अब तक इस प्रक्रिया के लिए Form-13 भरना पड़ता था और पुराने और नए दोनों एम्प्लॉयर से वेरिफिकेशन करवाना होता था. इस पूरी प्रक्रिया में 1 से 2 महीने लग जाते थे और कई बार क्लेम रिजेक्ट भी हो जाते थे. लेकिन अब ये झंझट खत्म होगा और सब कुछ सिस्टम अपने आप करेगा.

पहले कैसे होता था PF ट्रांसफर?

पहले PF ट्रांसफर के लिए कर्मचारियों को अलग से फॉर्म भरना होता था. पुराने और नए ऑफिस से सिग्नेचर वेरिफिकेशन करवाने पड़ते थे. कई बार जॉइनिंग या एग्जिट डेट में गलती की वजह से PF ट्रांसफर पेंडिंग रह जाता था. EPFO के आंकड़ों के मुताबिक, लाखों क्लेम हर साल महीनों तक पेंडिंग रहते थे, जिससे ब्याज का नुकसान भी होता था.

नहीं बदलेगा UAN नंबर

नए सिस्टम में हर कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) एक ही रहेगा. पहले कई बार गलती से एक ही व्यक्ति के दो या तीन UAN बन जाते थे, जिससे ट्रांसफर में दिक्कत आती थी. अब EPFO ने यह तय कर दिया है कि अगर किसी कर्मचारी के नाम पर पहले से एक UAN है, तो नया नहीं बनेगा. इससे PF मैनेजमेंट आसान हो जाएगा और पैसा एक ही जगह ट्रैक किया जा सकेगा.

Aadhaar और e-KYC से होगा तेज वेरिफिकेशन

EPFO ने नए सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है. अब PF ट्रांसफर के लिए आधार बेस्ड e-KYC और e-Sign का इस्तेमाल होगा. इससे वेरिफिकेशन में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा. पहले जहां 30-45 दिन लगते थे, वहीं अब यह प्रक्रिया सिर्फ 7-10 दिनों में पूरी हो जाएगी.जैसे ही ट्रांसफर पूरा होगा, पुराने अकाउंट में बैलेंस “Zero” दिखेगा और नई पासबुक में कुल रकम जुड़कर दिखेगी.

एग्जिट डेट खुद अपडेट कर सकेंगे कर्मचारी

अब अगर पुराने एम्प्लॉयर ने एग्जिट डेट अपडेट नहीं की, तो कर्मचारी खुद आधार OTP से इसे अपडेट कर सकेगा. इससे देरी या तकनीकी दिक्कतों की संभावना कम हो जाएगी.

ट्रांसफर के दौरान भी मिलेगा ब्याज

पहले जब PF ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही होती थी, तो उस दौरान पुराने अकाउंट पर ब्याज रुक जाता था. लेकिन अब EPFO ने साफ किया है कि ट्रांसफर प्रोसेस के दौरान भी ब्याज मिलता रहेगा. इसका मतलब है कि आपका पैसा किसी भी हाल में डेड नहीं रहेगा, वो बढ़ता ही रहेगा.

कर्मचारियों को होंगे कई बड़े फायदे

नया ऑटोमैटिक ट्रांसफर सिस्टम करोड़ों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है. अब PF ट्रांसफर में न तो समय बर्बाद होगा और न ही ब्याज का नुकसान. फॉर्म भरने, डॉक्यूमेंट अपलोड करने या HR के पीछे भागने की झंझट खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही अब रिटायरमेंट के समय पूरी रकम एक ही जगह मिलेगी जिससे पैसा मैनेज करना आसान हो जाएगा. खासकर प्राइवेट सेक्टर में बार-बार नौकरी बदलने वालों के लिए यह बदलाव बेहद फायदेमंद साबित होगा.

ऐसे करें अपना UAN एक्टिवेट

अगर आपने अभी तक अपना UAN एक्टिवेट नहीं किया है, तो तुरंत कर लीजिए. 

  • EPFO के मेंबर पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर जाकर “Activate UAN” पर क्लिक करें. अपना नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर और मोबाइल डालें.
  • OTP से वेरिफाई करें और लॉगिन क्रिएट करें.
  • एक बार एक्टिवेशन के बाद आप PF बैलेंस, क्लेम स्टेटस और KYC अपडेट जैसे सारे काम ऑनलाइन कर सकेंगे.

डिजिटल इंडिया के साथ PF सिस्टम भी पूरी तरह पेपरलेस

EPFO अब अपने पूरे सिस्टम को डिजिटल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. आने वाले महीनों में PF विड्रॉल प्रोसेस को भी ऑटोमैटिक करने की तैयारी है. इसका मकसद है कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड को पूरी तरह सुरक्षित, तेज और बिना परेशानी के मैनेज करना.

EPFO का यह कदम नौकरी बदलने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा. अब PF ट्रांसफर के लिए न कोई फॉर्म, न HR की मंजूरी की जरूरत होगी. आपका PF अपने आप नए अकाउंट में आ जाएगा. 

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