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लोकसभा-विधानसभा में साथ, BMC चुनाव में विरोधी... महाराष्ट्र में गठबंधन की 'खिचड़ी', जानें कौन किसके साथ

Maharashtra Municipal Corporation Election: लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने वाले एमवीए में चुनाव से पहले ही दरार साफ दिख रही है. जैसे-जैसे ठाकरे बंधु मराठी भाषा के मुद्दे पर एकजुट हुए. कांग्रेस एमवीए से दूर होती गई. अब कौन किसके साथ है, ये अब तक किसी को नहीं पता.

आसान नहीं महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव की राह.
  • बीएमसी समेत 29 नगर निगम चुनाव को लेकर एमवीए और महायुति के बीच गठबंधन में असमंजस और दरार स्पष्ट दिख रही है.
  • बीएमसी चुनाव में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का एमवीए गठबंधन टूट चुका है और सबकी राहें अलग हो गई हैं.
  • एनसीपी शरद पवार कांग्रेस को MVA में बनाए रखने के लिए 50 सीटों का प्रस्ताव दे रही है.
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मुंबई:

महाराष्ट्र में BMC की 227 सीटों समेत 29 नगर निगमों के चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है. कौन किसके साथ है, ये अब तक पता नहीं चल पा रहा है. क्यों कि खुद इन दलों को भी नहीं पता कि वे एक दूसरे के साथ हैं भी या नहीं. विधानसभा चुनावों में साथ लेकिन बाकी दूसरे चुनावों में धुर-विरोधी, ये अजब-गजब राजनीति देखने को मिल रही है. महायुति से लेकर एमवीए तक, हर जगह ऐसा ही माहौल देखने को मिल रहा है. बात अगर बीएमसी चुनाव की करें तो एमवीए के तीनों घटक दल यानी कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी एक साथ नहीं है. वहीं पुणे नगर निगम चुनाव को लेकर महायुति का हाल भी कुछ ऐसा ही है. अजित पवार यहां शिंदे की शिवसेना और बीजेपी के साथ ही नजर नहीं आ रहे.

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BMC चुनाव से पहले MVA में दरार

बात अगर बीएमसी चुनाव की करें तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने वाले एमवीए में चुनाव से पहले ही दरार साफ दिख रही है. जैसे-जैसे ठाकरे बंधु मराठी भाषा के मुद्दे पर एकजुट हुए. कांग्रेस एमवीए से दूर होती गई. ये साफ हो चुका है कि उद्धव और राज एक साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस तभी इस गठबंधन में रहना चाहती थी जब उद्धव राज का साथ छोड़े, जो संभव नहीं दिख रहा. नाराजगी को देखते हुए शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस को मनाने की कोशिश भी की. संजय राउत ने राहुल गांधी से भी बात की, लेकिन मुंबई कांग्रेस अपनी बात पर अड़ी है. कांग्रेस ने उल्टा शिवसेना (यूबीटी) को मनसे से दूरी बनाने का प्रस्ताव दे दिया, जो लगभग असंभव था.

ठाकरे ब्रदर्स इन, कांग्रेस आउट

जिसके बाद उद्धव की पार्टी ने साफ कर दिया कि वह राज ठाकरे की मनसे के साथ ही बीएमसी चुनाव लड़ेगी. वहीं कांग्रेस ने भी बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है. हालांकि वह समान विचारधारा वाले दलों से संपर्क साध रही है. कांग्रेस प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) से भी बातचीत कर रही है. वहीं कांग्रेस शरद पवार की एनसीपी से भी बात कर रही है. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शरद पवार से मुलाकात भी की थी.

मिलकर लड़ने के पक्ष में NCP-शरद पवार, कांग्रेस को खास ऑफर

वहीं एनसीपी चाहती है कि बीजेपी के खिलाफ सामूहिक लड़ाई लड़ी जाए, इसके लिए एमवीए साथ मिलकर लड़े. वह फिलहाल ठाकरे बंधुओं और कांग्रेस, दोनों से ही बातचीत में जुटी है. BMC चुनावों के लिए शरद पवार गुट NCP नेताओं ने कांग्रेस को महाविकास अघाड़ी में बने रहने के लिए मनाने की कोशिश भी की. “ठाकरे भाइयों” के गठबंधन से होने वाले नुकसान से बचने के लिए NCP अब कांग्रेस और वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ एक नया मोर्चा बनाने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है. शरद पवार गुट एनसीपी ने मुंबई नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस के सामने 50 सीटों का प्रस्ताव रखा है. दोनों दलों के नेताओं का मानना है कि साथ मिलकर चुनाव लड़ना उनके लिए अधिक फायदेमंद साबित होगा.

एनसीपी (एसपी) ठाकरे बंधुओं के साथ हाथ मिलाने को तैयार है, पर बशर्ते उसे सम्मानजनक सीट-शेयरिंग मिले. सूत्रों के मुताबिक ठाकरे बंधुओं ने उनको करीब 10-15 सीटों का प्रस्ताव दिया है, जो उनकी 50-55 सीटों की मांग के मुकाबले बहुत कम है. हालांकि वह अपनी पुरानी सहयोगी कांग्रेस के साथ गठबंधन के विकल्प को भी खारिज नहीं कर रही है. वहीं कांग्रेस के साथ आने के सवाल पर सुप्रिया सुले ने इसे वक्त पर छोड़ दिया. ये हाल तो रहा एमवीए के सहयोगियों का.

ठाकरे ब्रदर्स को कांग्रेस की दो टूक

वहीं कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा कि हम हमेशा से भाषा और धर्म को लेकर विवाद पैदा करने वालों से दूर रहते आए हैं और आगे भी यह दूरियां बरकरार रखेंगे. संजय राउत ने कई महीनों पहले ही कह दिया था कि महा विकास आघाड़ी की ज़रूरत नहीं है, फिर भी आज लोगों को यह दिखाया जा रहा है कि हम साथ हैं. उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव में अब हम सभी दलों की विचारधाराएं अलग हो चुकी हैं और हम उसी को बरकरार रखते हुए आगे बढ़ेंगे.क्योंकि अब राज ठाकरे उद्धव ठाकरे के साथ आ गए हैं, इस वजह से हम उनके साथ अपनी युति आगे नहीं ले जाएंगे. कांग्रेस कभी भी धर्म, जाति और भाषा के आधार पर नहीं, बल्कि लोगों से जुड़े मुद्दों और संविधान की तर्ज़ पर चुनाव लड़ती आई है और आगे भी वही करेगी. अब बात महायुति की भी कर लेते हैं.

BMC चुनाव में महायुति का क्या हाल?

BMC चुनाव को लेकर महायुति में भी खींचतान देखने को मिल रही है. बीजेपी ने शिवसेना को 90 सीटों का ऑफर दिया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक,  शिंदे 125 सीटों की जिद पर अड़े  हैं. सीटों की खींचतान के बीच शिंदे सेना मंत्री संजय शिरसाट ने साफ-साफ कह दिया है कि सीटों को लेकर ये ज़िद बढ़ी तो बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन टूट भी सकता है. उधर, अजित पवार के भी बीएमसी चुनाव में अकेले लड़ने की खबरें आ रही हैं. 

सोमवार रात हुई बैठक के बाद अब शिंदे और फडणवीस के बीच एक और दौर की चर्चा होगी, जिसमें सीटों के इस गणित को सुलझाने की कोशिश की जाएगी. गठबंधन की पहली बैठक में शिंदे गुट ने 125 सीटों की मांग की थी, जिसके जवाब में बीजेपी ने उस समय केवल 53 सीटों का प्रस्ताव दिया था, अब यह आंकड़ा 90 तक पहुंचता दिख रहा है. उधर, एनसीपी (अजित पवार) की अहम घोषणा भी जल्द मुमकिन है. मुंबई में NCP, गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी या 'एकला चलो' की राह पकड़ेगी, इस पर सस्पेंस जल्द खत्म हो सकता है.

कांग्रेस से गठबंधन की फिराक में अजित पवार

सूत्रों के मुताबिक, NCP - अजित पवार गुट कुछ जगहों पर स्वतंत्र रूप से महानगरपालिका चुनाव लड़ सकता है. अगर मुंबई में NCP को गठबंधन के साथ आना है, तो उन्हें नवाब मलिक के अलावा कोई नया चेहरा सामने रखना होगा और मात्र 10 से 14 सीटों पर ही संतोष करना होगा.

खबर ये भी है कि पुणे नगर निगम चुनाव एनसीपी-अजित पवार बीजेपी-शिंदे के साथ नहीं लड़ना चाहती. यहां चुनाव के लिए अजित पवार ने एनसीपी से गठबंधन की पेशकश की है. सूत्रों के मुताबिक अजित पवार ने रविवार रात को कांग्रेस के सीनियर नेता सतेज पाटिल से इसे लेकर फोन पर बातचीत की थी.हालांकि इस खबर भी अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इस गठबंधन की राह भी इतनी आसान नहीं होगी. क्यों कि ये नगर निगम चुनाव सियासी जमीन मजबूत करने के लिहाज से कांग्रेस के लिए भी अहम हैं. दूसरी तरफ पवार अपने सहयोगियों से भी बातचीत कर रहे हैं.

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