Rising gold prices: धनतेरस पर बड़ी संख्या में लोग सोना या चांदी खरीदते हैं, क्योंकि ऐसा करना शुभ माना जाता है. लेकिन सवाल ये है कि अब जब उनकी कीमतें अपने अब तक के ऑल टाइम हाई पर हैं क्या ऐसे में खरीदार उसी उत्साह से खरीदारी करेंगे. दरअसल गोल्ड की तेजी से बढ़ती कीमतों ने धनतेरस से पहले ज्वेलरी की बिक्री पर असर डाला है. इस वजह से रिटेलर्स को हाल ही में हुई कस्टम ड्यूटी में कटौती के बावजूद कम बिक्री होने की आशंका है. घरेलू बाजार में सोने की कीमत लगभग 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जबकि चांदी 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गई है.
सोने (Gold) और चांदी (silver) में शानदार तेजी
भले ही शेयर मार्केट की तेज रफ्तार पर ब्रेक लग गया है लेकिन इस कैलेंडर ईयर में सोने (Gold) और चांदी (silver) में शानदार तेजी देखने को मिली है. उनकी कीमतें लगातार हाई जा रही हैं. पिछले 12 महीनों में सोने ने 28 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है, जबकि चांदी ने 33 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. इंडस्ट्री के जानकारों का अनुमान है कि इन बढ़ी हुई कीमतों की वजह से पिछले साल के धनतेरस की तुलना में बिक्री की मात्रा में 10-12 फीसदी की गिरावट आएगी.
धनतेरस के बाद होने वाली करीब 40 लाख शादियां
हाल के जियो-पॉलिटिकल टेंशन (Geopolitical tensions), खासतौर पर इजरायल और मिडिल ईस्ट के संघर्ष ने सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की स्थिति को मजबूत किया है, जिससे इसकी कीमतों में उछाल आया है. इन चुनौतियों के बावजूद, कुछ ज्वैलर्स इस फेस्टिव सीजन को लेकर आशावादी नजर आ रहे हैं. और अपने इस आशावाद के पीछे धनतेरस के बाद होने वाली करीब 40 लाख शादियों को इसकी वजह बता रहे हैं.
कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से घटकर 6 फीसदी
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) के चेयरमैन सैयाम मेहरा (Saiyam Mehra) को उम्मीद है कि धनतेरस के दिन बिक्री पिछले साल के स्तर के आसपास बनी रहेगी. हाल ही में कस्टम ड्यूटी को 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने से शुरुआत में बिजनेस को बढ़ावा मिला, लेकिन वहीं मौजूदा ऊंची कीमतों की वजह से पिछले साल की तुलना में बिक्री में 10 फीसदी की गिरावट आई है.
तो क्या आपको सोने और चांदी में निवेश करना चाहिए?
कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह (Colin Shah, MD, Kama Jewelry) ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा “धनतेरस वह समय है जब सोने और चांदी की मांग आमतौर पर ज्यादा होती है. अगर किसी का लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का प्लान है, तो सोना अभी भी एक अच्छा विकल्प होगा. कई वजहों से सोने की कीमतों में बढ़त देखी जा रही है, और भू-राजनीतिक तनाव सोने की इस रैली की सबसे बड़ी वजह है. आगे चलकर कम ब्याज दर व्यवस्था (low interest rate regime) से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिलने की संभावना है.''
उन्होंने कहा, “इसके उलट, अगर कोई आसान विकल्प की तलाश में है, तो उसके लिए चांदी एक अच्छी चॉइस हो सकती है. ”
BLS E-सर्विसेज के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल (Shikhar Aggarwal, Chairman of BLS E-Services) ने कहा, “डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म ने सुरक्षित तरीके से सोना खरीदना, स्टोर करना और गिफ्ट में देना आसान बना दिया है. इसके अलावा सोना चाहें फिजिकल फॉर्म में हो या डिजिटल गोल्ड हो इसे एक बेहतर एसेट बनाता है, जो धनतेरस जैसे मौकों के दौरान गिफ्ट देने या निवेश के लिए बढ़िया विकल्प है.''
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत के रीजनल CEO सचिन जैन के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्र ज्वैलर्स को कुछ राहत दे पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा, "इस साल अच्छे मानसून और ज्यादा फसल बुआई से रूरल इनकम बढ़ने की उम्मीद है, जिससे सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी हो सकती है. काउंसिल को उम्मीद है कि दिवाली और शादी के मौसम की वजह से साल के अंत तक सोने की मांग बनी रहेगी."
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