मुद्रास्फीति, ऊंची ब्याज दरों और अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण इस साल लगभग सभी क्षेत्रों में औसत वेतनवृद्धि घटकर 9.1 प्रतिशत रहने की संभावना है. एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है. परामर्श कंपनी डेलॉयट इंडिया की जारी ‘प्रतिभा परिदृश्य 2023' रिपोर्ट के अनुसार, वेतन में औसत वृद्धि पिछले साल यानी 2022 में 9.4 प्रतिशत थी.
यह अध्ययन जनवरी, 2023 में सात क्षेत्रों और 25 उप-क्षेत्रों में 300 संगठनों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है.
अध्ययन में पाया गया कि वास्तविक वेतनवृद्धि पिछले साल की तुलना में 2023 में लगभग सभी क्षेत्रों में कम रहने की संभावना है. इसके अनुसार, जीवन विज्ञान क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में इस साल उच्चतम वेतन वृद्धि होने की उम्मीद है जबकि इस दौरान सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में वेतनवृद्धि में बड़ी गिरावट आने की संभावना है.
अध्ययन में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त देश में कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की दर 2022 में 19.7 प्रतिशत पर पहुंच गई जबकि 2021 में यह 19.4 प्रतिशत थी. डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी (डेलॉयट इंडिया) के भागीदार आनंदरूप घोष ने कहा, ‘‘महंगाई, उच्च ब्याज दर और धीमी अर्थव्यवस्था की वजह से इस साल संगठनों के और अधिक सतर्क रहने की संभावना है. 2023 में वेतनवृद्धि और नौकरी छोड़ने की दर कम रहेगी.''
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