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राजीव मिश्र

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    जिसका डर था वही हुआ, रूस ने यूक्रेन पर कर दिया सबसे घातक हथियार ICBM का इस्तेमाल, ट्रंप की ताजपोशी से पहले किस बात की होड़

    Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन में जंग को 1000 दिन से ज्यादा हो गए हैं. कीव भी बीच-बीच में जोरदार वापसी करता है और रूस को जवाब और बड़ी कार्रवाई करनी पड़ती है. रूस ने ICBM (इंटरकंटीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) मिसाइल से हमला किया है. रूस और कीव की ओर से साफ कर दिया गया है कि इसमें परमाणु वॉरहेड नहीं था. लेकिन इसका संदेश अमेरिका से लेकर यूरोप तक को रूस ने दे दिया है.  यूक्रेन को भी अब यह साफ है कि 20 जनवरी के बाद जिसकी अमेरिका में सत्ता होगी, वो बिजनेस के हिसाब से सोचता है. साथ ही यूक्रेन को भी समझ आ गया है कि नई सत्ता में वे ज्यादा दिन तक युद्ध को झेल नहीं पाएंगे. वहीं, रूस को भी पता है कि अब उसके सामने यूक्रेन के विरोध के ज्यादा दिन नहीं बचे है. अमेरिका में  डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों पर युद्ध विराम का दबाव होगा. यह अलग बात है कि यूक्रेन पर यह दबाव ज्यादा असर करेगा जबकि रूस अपने समय के और शर्तों के हिसाब से युद्ध विराम के लिए तैयार होगा. 

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    इजरायल-हमास युद्ध : गाज़ा में शांति के लिए कहां अटक रहा है पेंच

    हमास के हमलों के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई जारी है और सारा दारोमदार बंधकों की रिहाई पर टिका है. इजरायल बंधकों की रिहाई के लिए हमास पर दबाव बनाए हुए है वहीं, हमास पर कोई असर नहीं दिख रहा है. लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और हजारों की मौत के बाद भी हमास झुकने के तैयार नहीं है. ऐसे में दोनों के बीच कहां पेंच फंसा यह देखना जरूरी है. 

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    रूस-यूक्रेन युद्ध : रूस ने परमाणु हमला तो क्या और कितनी होगी तबाही

    दुनिया में परमाणु बम के विस्फोट का खतरा बढ़ गया है. रूस जिस तरह से यूक्रेन के साथ युद्ध (Russia Ukraine War) में उलझ गया है और यूक्रेन ने अब जिस प्रकार से लंबी दूरी की मिसाइलों (long range missile attack) को दागना शुरू कर दिया है उससे यह साफ होता जा रहा है कि जल्द ही रूस कहीं कोई परमाणु हमला न कर दे. रूस ने कई दिनों पहले अपनी परमाणु नीति (Change in Russian Nuclear Policy) में बदलाव की घोषणा की थी. नीति में जो बदलाव हुआ है उसके हिसाब से रूस के पास अब परमाणु हमला करने के सारे रास्ते खुल गए हैं. यह केवल यूक्रेन के लंबी दूरी की मिसाइलों के प्रयोग के बाद हुआ है. यूक्रेन ने अभी तक रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिका द्वारा दी गई लंबी दूरी की मिसाइल का इस्तेमाल किया था और अब ब्रिटेन की दी हुई लंबी दूरी की मिसाइल का प्रयोग भी रूस पर कर दिया है. इधर, रूस इससे काफी नाराज़ हो गया है. यह अलग बात है कि रूस ने इन हमलों को नाकाम करने की बात भी कही है. रूस के पास अपना मिसाइल हमले को विफल करने का सिस्टम है. 

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    इजरायल अब हमास के खिलाफ युद्ध हार रहा है? सैनिकों को लेकर नई रिपोर्ट क्या कहती है

    Israel-Hamas war: गाजा में इजरायल की आर्मी आईडीएफ और हमास के लड़ाकों  के बीच लड़ाई चल रही है.  ऐसे में मीडिया में एक ऐसी खबर आई है जो दुनियाभर में इज़राइल के समर्थकों को परेशान कर सकती है. इन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गाजा में पिछले एक साल से भी अधिक समय से लड़ते हुए कई इजरायली सैनिक मारे गए हैं . इन रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अब इजरायल सैनिकों की भारी कमी से जूझ रहा है. इसके अतिरिक्त, यह भी कहा जा रहा है कि इज़राइल का अत्याधुनिक मर्कवा-4 बराक मुख्य युद्धक टैंक गाजा में धूल खा रहा है. इन घटनाक्रमों के सुर्खियां बनने के साथ ही एक अहम सवाल यह उभर रहा है कि क्या बेंजामिन नेतन्याहू की युद्ध नीति विफल हो गई है?

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    रूस-यूक्रेन में युद्ध के भयावह स्तर पर जाने के आसार, किन देशों ने शुरू कर दी युद्ध की तैयारी

    अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद जो बाइडेन ने जिस प्रकार की छूट यूक्रेन को जाते-जाते दे दी है उससे पूरे विश्व पर तीसरे विश्व युद्ध के साथ-साथ परमाणु युद्ध का खतरा भी बढ़ गया है. अमेरिका ने जिस लंबी दूरी की मिसाइल के इस्तेमाल पर यूक्रेन पर रोक लगा रखी थी उसे बाइडेन ने हटा दिया. बाइडेन के इस फैसले के बाद यूक्रेन ने इस मिसाइल का इस्तेमाल भी रूस के खिलाफ आरंभ कर दिया है. ऐसे में रूस ने पहले ही परमाणु युद्ध से लेकर युद्ध के विस्तार की चेतावनी पहले ही दी थी. 

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    हमास के पास से इजरायली बंधकों को छुड़ाने को लेकर नेतन्याहू की क्या यह है अंतिम चाल

    इजरायल ने 7 अक्तूबर 2023 को हमास के हमले के जवाब में गाज़ा में पिछले एक साल से भी ज्यादा समय में भारी तबाही मचाई है. ऐसे में गाज़ा में हर तरफ मलबा ही मलबा दिख रहा है. लेकिन जिस बात को लेकर इजरायल ने गाज़ा को मलबे में बदल दिया वह रही है इजरायली बंधकों की रिहाई. हमास के चंगुल से इजरायल ने आधे से अधिक बंधक या तो छुड़वा लिए हैं या फिर हमास ने उन्हें मार दिया या फिर वे इजरायल के हमले में ही मारे गए हैं. ऐसे में एक साल से भी ज्यादा समय से हमास को मिटाने की मुहिम में इजरायल लगातार गाज़ा में कार्रवाई कर रहा है. इजरायल ने हमास के आतंकियों को लगातार ऑफर दिया है कि वे इजरायली बंधकों को रिहा कर दें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. लेकिन अभी तक हमास पर इसका कोई असर नहीं हुआ है. 

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    अमेरिकी मिसाइल का इ्स्तेमाल यूक्रेन ने किया, भारत, चीन और तुर्की ने क्यों बनाए रखी नजर

    अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हो गए हैं और वहां पर सत्ता परिवर्तन हो रहा है. राष्ट्रपति जो बाइडेन की पार्टी चुनाव हार गई है और रिपब्लिकन प्रत्याशी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब सत्ता में वापसी करेंगे. जनवरी में ट्रंप के सत्ता में आने में अभी समय है. ट्रंप के इरादों को सभी जानते हैं. ट्रंप यह साफ कर चुके हैं कि वे यूक्रेन और रूस में युद्ध को जल्द ही रुकवा देंगे. उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को नाटो में लाने की जरूरत ही नहीं थी. यूक्रेन पर अमेरिका बहुत ज्यादा खर्चा कर रहा है जिससे कुछ मिलने वाला नहीं है. साथ ही उन्होंने यहां तक कहा है कि नाटो पर अमेरिका ज्यादा पैसा लगाता है जबकि सभी देशों को अपनी रक्षा के लिए काम करना चाहिए. इससे यह साफ होता जा रहा है कि ट्रंप की नीति क्या हो सकती है. फिर इसे अमेरिका की नीति माना जा सकता है. 

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    महाराष्ट्र में 4136 प्रत्याशियों के लिए 9.7 करोड़ लोग कर रहे मताधिकार का प्रयोग

    महाराष्ट्र में सत्ता का संघर्ष अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है. चुनाव प्रचार थम चुका है और 20 नवंबर को मतदान होना और 23 नवंबर को वोटों की गिनती के साथ परिणाम बता देंगे कि किसकी सरकार बन रही है. राज्य की 288 सीटों के लिए चुनाव हो रहा है. 4136 प्रत्याशी इस चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इनमें से 363 महिला उम्मीदवार हैं. राज्य में 100186 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. महाराष्ट्र में इस चुनाव के लिए 9.7 करोड़ मतदाता हैं और इनमें से 5 करोड़ पुरुष और 4.7 करोड़ महिला मतदाता हैं. 6101 अन्य मतदाता भी हैं. 

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    झारखंड चुनाव के दूसरे चरण में किन दिग्गजों की साख दांव पर

    झारखंड के चुनाव (Jharkhand election phase 2 voting) में दूसरे दौर के लिए 20 तारीख को मतदान होगा. राज्य की 81 सीटों में से 38 के लिए मतदान होगा. 43 सीटों पर पहले दौर में मतदान हो चुका है. दूसरे दौर के मतदान के लिए 528 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें से 55 महिला उम्मीदवार हैं. 14218 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. राज्य में कुल 1.24 करोड़ मतदाता हैं. पुरुष 62.9 लाख वोटर हैं जबकि 61 लाख महिला वोटर हैं. 

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    'भाईचारा' कब तक टिकेगा? किन मुद्दों पर भिड़ सकते हैं डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क

    दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने हाल के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में खुलकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया था. मस्क ने केवल समर्थन ही नहीं किया, उनके समर्थन में रैलियां कीं और दिल खोलकर दान भी किया. ट्रंप ने चुनाव के दौरान ही कह दिया था कि जीत के बाद एलन मस्क को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. अब डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीत चुके हैं और अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनेंगे. ट्रंप ने पिछले गुरुवार को फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट में एलन मस्क के बारे में मजाक करते हुए कहा, "मैं उसे यहां से नहीं निकाल सकता." "मुझे उसका यहां होना भी पसंद है. उसने बहुत शानदार काम किया है, उसका दिमाग अविश्वसनीय है."

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    1971 के बाद पहली बार बांग्लादेश में पाकिस्तान का कार्गो जहाज, भारत के लिए टेंशन क्यों, समझिए

    बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से देश की व्यापार नीति और विदेश नीति में भी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. कराची से एक मालवाहक जहाज चट्टोग्राम (Cargo ship from karachi to Bangaldesh) पहुंचा है. यह पहला जहाज है जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच यात्रा कर चट्टोग्राम पहुंचा है. शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि बांग्लादेश की विदेश और व्यापार नीति में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. इस बार में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर से ढाका में कहा कि ये दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को लेकर बड़ा कदम है. पाकिस्तान अधिकारी का दावा भी है कि यह दोनों देशों में ऐतिहासिक रूप से तनावग्रस्त संबंधों में बदलाव के रूप में देखा जा सकता है. अभी तक दोनों देशों के संबंधों के बीच 1971 की लड़ाई की परछाई काफी अहम रोल अदा कर रही थी.

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    महाराष्ट्र चुनाव प्रचार के समाप्त होते-होते क्या है सीएम पद पर दावेदारी की हकीकत

    महाराष्ट्र में अगली सरकार किसकी बनेगी इसके लिए राज्य की जनता 20 तारीख (Voting in Maharashtra) को वोट करेगी. वोट के बाद चुनाव परिणाम 23 तारीख (Election results in Maharashtra) को आ जाएंगे. परिणाम बताएंगे किसकी सरकार बनेगी. किस दल को बहुमत मिलेगा और कौन बनेगा मुख्यमंत्री.(Who will be Chief Minister of Maharashtra ) चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है. ऐसे में सभी दल और नेता प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं. लेकिन यह पहला चुनाव होगा जहां पर मुख्यमंत्री पद को लेकर ज्यादा लड़ाई नहीं दिख रही है. राज्य  में चुनाव में मुख्य रूप से दो ही गठबंधन लड़ाई में हैं. एक बीजेपी नीत महायुति (Mahayuti)और दूसरा कांग्रेस के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi). अभी तक की चुनावी प्रक्रिया में यह बात साफ हो गई है कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री यह साफ नहीं हो रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी नेता मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भी नहीं कर रहा है. 

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    ईरान के साथ क्या करना चाहता है इजरायल, नेतन्याहू ने बताया 'सीक्रेट प्लान'

    ईरान और इजरायल के बीच तनाव जारी है. दोनों ओर से एक दूसरे पर जवाबी कार्रवाई की बात हो रही है. ईरान ने अप्रैल और फिर अक्तूबर में एक साथ करीब 200 मिसाइलों से इजरायल पर हमला किया. इजरायल ने इसके जवाब में ईरान के सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की. लेकिन, मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. तनाव बढ़ता जा रहा है. ईरान के हमले के बाद इजरायल तेहरान पर बड़ी कार्रवाई करना चाहता था लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीमित हमले के लिए ही हामी भरी. इजरायल कहीं ज्यादा बड़ी कार्रवाई न कर दे इसके लिए अमेरिका की ओर से सहायता में कमी की धमकी भी दी गई. दबाव में ही सही इजरायल ने ईरान पर हमला सीमित दायरे में किया. 

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    डोनाल्ड ट्रंप के मंत्रियों की लिस्ट से क्यों खौफ में है चीन, समझिए

    अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी की तैयारी चल रही है. इससे पहले ट्रंप ने अपनी टीम की तैयारी शुरू कर दी है. ट्रंप ने पिछले कुछ दिनों में अपनी सरकार को दौरान अहम पदों की जिम्मेदारी संभालने वाले लोगों की सूची तक जारी कर दी है. सूची जारी होने के बाद पूरी दुनिया में सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति की टीम पर चर्चा होना तया है. हर देश लीडर और टीम को अपने-अपने दृष्टिकोण से देख रहा है. ऐसे में नई टीम की घोषणा के बाद से चीन में भी चिंता का माहौल बन गया है. इसके पीछे का कारण क्या है उसे समझते हैं. डोनाल्ड ट्रंप की नई कैबिनेट में ऐसे लोगों को जगह दी गई है जो चीन के विरोधी रहे हैं .कैबिनेट के कुछ लोग चीन के कम्युनिस्ट शासकों की तुलना नाज़ियों से कर चुके हैं.चीन पर कोविड की साजिशें रचने का आरोप लगा चुके हैं. इतना ही नहीं शीत युद्ध की बात कह चुके हैं और ताइवान के लिए खुलकर सैन्य समर्थन की बात कर चुके हैं.

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    डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही घोषित की कैबिनेट, लगने लगे कई आरोप

    अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप सरकार गठन की तैयारी कर रहे हैं. जनवरी में सत्ता पर आने से पहले अपने कैबिनेट को तैयार कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने इससे जुड़ी लिस्ट जारी की है. जाहिर है कि उनकी इस लिस्ट में उनके वफादारों का नाम ही होगा. अब कहा जा रहा है कि अमेरिका के प्रेजिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कई प्रमुख कैबिनेट पदों के लिए कम अनुभव वाले अपने वफादारों साथियों को चुना है और कुछ सहयोगियों को तो चौंका भी दिया है. ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि वह अमेरिका के संस्थानों को फिर से नया आकार देने और कुछ मामलों में परीक्षण करने के बारे में काफी गंभीर हैं.