
Janmashtami 2025: हर साल, जैसे ही मानसून के बादल भारत पर छाते हैं और भाद्रपद की अष्टमी नजदीक आती है, देश भक्ति से जगमगा उठता है और शंख, मंदिरों की घंटियों और 'हरे कृष्ण' के जयकारों से आसमान गूंज उठता है, क्योंकि यह समय जन्माष्टमी का होता है यानी भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव. जो हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. ऐसे में अगर आप इस दौरान यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आज हम आपको उन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाती है. आइए जानते हैं इस बारे में.
जानें- कब है जन्माष्टमी |Know- When is Janmashtami
हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर के अनुसार, जन्माष्टमी हर साल श्रावण या भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल यह त्यौहार 16 अगस्त (शनिवार) को मनाया जाएगा. कुछ क्षेत्रों में, यह दो दिनों तक चलता है. पहला दिन भगवान कृष्ण के जन्म को समर्पित होता है, और दूसरा दिन कृष्ण के आगमन का जश्न मनाने के लिए भक्त एकत्रित होते हैं.
जन्माष्टमी उत्सव देखने के लिए इन 6 जगहों पर जाएं | Visit these 6 places to witness the Janmashtami festival
मथुरा (Mathura)
मथुरा, उत्तर प्रदेश भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा को भगवान कृष्ण की जन्मभूमि कहा जाता है. जन्माष्टमी पर, यह शहर जगमगा उठता है. कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में मध्य रात्रि पूजा से ही उत्सव की शुरुआत हो जाती है. इसी के साथ यहां आपको कृष्ण के प्रारंभिक जीवन की खूबसूरत झांकियां भी देखने को मिलेगी.

वृंदावन, उत्तर प्रदेश (Vrindavan)
मथुरा से कुछ ही किलोमीटर दूर, वृंदावन में भगवान कृष्ण के कई प्राचीन मंदिर है. यहां आप बांके बिहारी, इस्कॉन, राधा रमण और गोविंद देव जी समेत कई मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं. जन्माष्टमी के समय यहां अलग ही रौनक देखने को मिलती है. यहां आपको रासलीला नाटक, फूलों से सजे मंदिर और भजन- कीर्तन करते हुए लोग दिख जाएंगे.
गोकुल, नंदगांव, बरसाना
जन्माष्टमी के दौरान आप गोकुल, नंदगांव और बरसाना जा सकते हैं. यहां पर भी जन्माष्टमी का त्योहार काफी अनोखे तरीके से मनाया जाता है. बता दें, ये वे गांव हैं जहां कृष्ण ने अपना बचपन बिताया था.

द्वारका, गुजरात
माना जाता है कि गुजरात का द्वारका ही वह राज्य था जहां कृष्ण ने शासन किया था. जन्माष्टमी के दौरान आप यहां आ सकते हैं और द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. यहां मंगला आरती से लेकर मध्यरात्रि महाभोग तक अनुष्ठान होते हैं.
मुंबई और पुणे, महाराष्ट्र
जन्माष्टमी पर अगर आप दही हांडी उत्सव को करीब से देखना चाहते हैं, तो मुंबई और पुणे जा सकते हैं. पश्चिमी भारत में, जन्माष्टमी पर दही हांडी को काफी महत्व दिया जाता है. बता दें, टीमें मानव पिरामिड बनाकर दही और मक्खन की मटकियां तोड़ती हैं और श्री कृष्ण के शरारती स्वभाव का जश्न मनाती हैं.
पुरी, ओडिशा
जन्माष्टमी उत्सव को पुरी में भी धूमधाम से मनाया जाता है. बता दें, यहां जन्माष्टमी से पहले कंस वध और कालिया दहन जैसे लोक नाट्य मंचन के साथ हफ्तों पहले ही शुरू हो जाता है. अगर आप इन नाटकों को देखना चाहते हैं, तो भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर घूमने का कर रहे हैं प्लान, तो जान लें कब होता है दर्शन करने का एकदम सही समय
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं