
Cycle Dahi Handi Pune 2025: पुणे के शुक्रवार पेठ इलाके में इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बिल्कुल नए अंदाज में मनाया गया. जहां आमतौर पर दही-हांडी में दही, मक्खन और उपहार होते हैं, वहीं इस बार बच्चों के लिए क्रेन से एक अनोखी 'साइकिल हांडी' लटकाई गई. जैसे ही बच्चों ने हांडी फोड़ी, उसमें से दही या माखन नहीं, बल्कि 200 नई साइकिलें निकलीं.
बच्चों की मुस्कान बनी सच्चा उत्सव (Krishna Janmashtami 2025 celebrations)
यह पहल जेधे सोशल वेलफेयर फाउंडेशन और इंद्राणी बालन फाउंडेशन ने श्री शिव छत्रपति मित्र मंडल के सहयोग से की. इन साइकिलों को पुणे शहर के गरीब बच्चों और भोर, राजगढ़, मुलशी तालुका के दूरदराज गांवों जैसे रायरी, कोंडवाड़ी, पाली बुजुर्क, मंडेड और बाविसेमल से आए बच्चों को मुफ्त में बांटा गया. साइकिल मिलने पर बच्चों के चेहरों पर जो मुस्कान थी, वही इस त्योहार की असली चमक बन गई.
दही-हांडी की परंपरा और नया संदेश (Dahi Handi new concept 2025)
आमतौर पर जन्माष्टमी पर दही-हांडी में मक्खन या दही से भरा मिट्टी का मटका ऊंचाई पर टांगा जाता है. टीमें मानव पिरामिड बनाकर इसे फोड़ती हैं और लोग 'राधे-राधे… जय कन्हैयालाल की' के जयकारे लगाते हैं, लेकिन इस बार दही-हांडी सिर्फ परंपरा नहीं रही, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक बन गई.
ढोल-ताशा और साइकिलों का नजारा (Cycle Dahi Handi viral video)
शुक्रवार पेठ की गलियां इस दौरान जयकारों और ढोल-ताशा की गूंज से सराबोर हो गईं. जब क्रेन से लटकती साइकिलें हवा में झूल रही थीं, तो देखने वालों के चेहरे पर आश्चर्य और खुशी साफ झलक रही थी.
सामाजिक पहल बनी मिसाल (Krishna Janmashtami viral)
इस पहल ने यह साबित कर दिया कि त्योहार सिर्फ मस्ती और परंपरा तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में बदलाव और खुशियां बांटने का जरिया भी हो सकते हैं. कन्हैया की जन्मभूमि पर बांटी जाने वाली माखन-मिश्री की जगह यहां बच्चों की जिंदगी में नई उम्मीद और सपनों की सवारी पहुंची.
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