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12 ज्योतिर्लिंग मंदिर घूमने का कर रहे हैं प्लान, तो जान लें कब होता है दर्शन करने का एकदम सही समय

आज हम आपको सबसे प्रसिद्ध मार्गों में से एक है ज्योतिर्लिंग सर्किट (Jyotirlinga circuit) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो देश भर के बारह शिव मंदिरों को जोड़ता है. आइए जानते हैं इस बारे में.

12 ज्योतिर्लिंग मंदिर घूमने का कर रहे हैं प्लान, तो जान लें कब होता है दर्शन करने का एकदम सही समय
ये हैं भारत के 12 ज्योतिर्लिंग, जान लें दर्शन का सही समय

अगर आप भारत के सबसी खूबसूरत जगहों में घूमने की योजना बनाने की सोच रहे हैं, तो हम आपको आध्यात्मिक यात्रा पर जाने की सलाह देते हैं, जहां आप शहरों, जंगलों, तटों और पहाड़ों के खूबसूरत नजारों को देख सकते हैं. ऐसे में हम यहां सबसे प्रसिद्ध मार्गों में से एक है ज्योतिर्लिंग सर्किट (Jyotirlinga circuit) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो देश भर के बारह शिव मंदिरों को जोड़ता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

क्या है ज्योतिर्लिंग सर्किट |What is Jyotirlinga Circuit|

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर हैं, जो भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं, जैसे सोमनाथ (गुजरात), मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश), महाकालेश्वर (मध्य प्रदेश), ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश), केदारनाथ (उत्तराखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश), त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र), बैद्यनाथ (झारखंड), नागेश्वर (गुजरात), रामेश्वरम (तमिलनाडु), और घुश्मेश्वर (महाराष्ट्र).

ज्योतिर्लिंग सर्किट का कितना खर्चा आता है |How much does the Jyotirlinga Circuit cost|

12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा के खर्च की बात करें, तो प्रत्येक तीर्थयात्री के आधार पर निर्भर करता है. वहीं अगर आप बजट से चलें तो प्रति व्यक्ति 50,000 से 70,000 के बीच ज्योतिर्लिंग सर्किट की यात्रा कर सकता है.  

ज्योतिर्लिंग यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय कब है? |When is the best time for jyotirling yatra|

यूं तो मंदिर साल भर खुले रहते हैं, लेकिन सावन के आसपास यहां आना उचित माना गया है. आप अपना प्लान मिड जुलाई से मिड अगस्त तक बना सकते हैं. इसी के साथ केदारनाथ के लिए अप्रैल से जून का समय सही माना जाता है और मानसून में यहां के कई रास्ते  बारिश, भूस्खलन के कारण बंद हो जाते हैं.

आइए जानते हैं ज्योतिलिंग के बारे में | know about Jyotirlingas|

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1. सोमनाथ, गुजरात

अरब सागर के किनारे स्थित इस मंदिर को इतिहास की किताबों में जितनी बार तोड़ा, पुनर्निर्मित और पुनर्जीवित किया गया है, उसकी गिनती भी नहीं की जा सकती. आज, यह समुद्र के नजारों, शाम की आरती और एक ऐसे मौन के साथ शान से खड़ा है, जहां के दर्शन कर आपको काफी सुकून मिलेगा.

2. मल्लिकार्जुन, आंध्र प्रदेश

वनों से घिरा यह मंदिर ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ दोनों का कार्य करता है. बता दें, मंदिर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में श्रीशैलम पर्वत पर स्थित है, जहां का नजारा बेहद ही मनमोहक है.

3. महाकालेश्वर, मध्य प्रदेश

महाकालेश्वर की भस्म आरती देश और दुनिया में काफी प्रसिद्ध है. भक्तों का मानना है कि इस मंदिर के दर्शन करने से मृत्यु के चक्र से मुक्ति यानी मोक्ष मिलता है.

4. ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश

नर्मदा नदी के किनारे बसा ओंकारेश्वर आने की योजना बना रहे हैं तो यहां अक्टूबर से फरवरी तक आने की सलाह दी जाती है, इस दौरान यहां का मौसम सुहावना रहता है.

5. बैद्यनाथ, झारखंड

हर साल, लाखों श्रद्धालु श्रावण मेले के दौरान नंगे पांव मीलों पैदल चलकर बैद्यनाथ शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाते हैं.

6. भीमाशंकर, महाराष्ट्र

सह्याद्रि पहाड़ियों में स्थित यह मंदिर एक वन्यजीव अभयारण्य के अंदर स्थित है. ऊपर जाते समय आपको पक्षियों का कलरव और पहुंचते ही मंदिर की घंटियों की आवाज सुनाई देगी.

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7. त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र

नासिक के पास स्थित यह मंदिर अपने अनोखे त्रिमुखी लिंग और गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के लिए जाना जाता है.

8. घृष्णेश्वर, महाराष्ट्र

एलोरा गुफाओं से कुछ ही दूरी पर स्थित घृष्णेश्वर सबसे छोटा ज्योतिर्लिंग है, जिसे लगभग 3,000 साल पुराना माना गया है.

9. काशी विश्वनाथ, उत्तर प्रदेश

काशी विश्वनाथ की स्थापना 1780 में हुई थी. मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने और यहां की पवित्र गंगा में स्नान करने मोक्ष की प्राप्ति होती है.

10. नागेश्वर, गुजरात

द्वारका के पास स्थित यह तटीय मंदिर खुले आसमान, समुद्री हवा और विशाल शिव प्रतिमा के लिए जाना जाता है.  

11. रामनाथस्वामी, तमिलनाडु

रामेश्वरम में स्थित यह मंदिर भगवान राम की लंका यात्रा से जुड़ा है. यहां के 22 कुंडों की काफी मान्यता है.

12. केदारनाथ, उत्तराखंड

केदारनाथ मंदिर गढ़वाल हिमालय की मनमोहक पहाड़ियों में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए 16 किलोमीटर का ट्रैक पूरा करना होता है.

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