Poetry Of Death
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जब मुफ्त का दूध पीने के चक्कर में इस गीतकार की जमकर हुई थी पिटाई, पढ़ें मजेदार वाकया
- Saturday March 23, 2024
- Written by: सुनीता हंसराज
बात दरअसल साल 1943 की है जब घरवालों ने आनंद बक्शी साहब को जम्मू के एक बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया था. परिवार का कहना था कि घर से दूर गुरुकुल में रहेगा तो पिंडी ( अब रावलपिंडी, पाकिस्तान) के वो कंजर दोस्त छूट जाएंगे
- ndtv.in
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मौत, मेरे युग में तू 'कविता' नहीं, 'सूचना' है...
- Tuesday March 29, 2016
- Dharmendra Singh
लगता है, बेचैनी चुक गई है... पहले मौत की हर ख़बर नींद पर करारा प्रहार थी, लेकिन अब सुन लेता हूं... पंचनामे का हुक्म दे डालता हूं, भूल जाता हूं... हर थाना मौत का सूचना केंद्र है... हर अख़बार मोर्चरी है... हर चैनल पोस्टमार्टम हाउस है, जहां चौबीसों घंटे लाशों की अमल-दरयाफ़्त बदस्तूर जारी है...
- ndtv.in
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जब मुफ्त का दूध पीने के चक्कर में इस गीतकार की जमकर हुई थी पिटाई, पढ़ें मजेदार वाकया
- Saturday March 23, 2024
- Written by: सुनीता हंसराज
बात दरअसल साल 1943 की है जब घरवालों ने आनंद बक्शी साहब को जम्मू के एक बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया था. परिवार का कहना था कि घर से दूर गुरुकुल में रहेगा तो पिंडी ( अब रावलपिंडी, पाकिस्तान) के वो कंजर दोस्त छूट जाएंगे
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मौत, मेरे युग में तू 'कविता' नहीं, 'सूचना' है...
- Tuesday March 29, 2016
- Dharmendra Singh
लगता है, बेचैनी चुक गई है... पहले मौत की हर ख़बर नींद पर करारा प्रहार थी, लेकिन अब सुन लेता हूं... पंचनामे का हुक्म दे डालता हूं, भूल जाता हूं... हर थाना मौत का सूचना केंद्र है... हर अख़बार मोर्चरी है... हर चैनल पोस्टमार्टम हाउस है, जहां चौबीसों घंटे लाशों की अमल-दरयाफ़्त बदस्तूर जारी है...
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