Farmers Protest 2020
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क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें... जिनके लिए शुरू किया 'दिल्ली चलो' मार्च
- Tuesday February 13, 2024
- Edited by: तिलकराज
Delhi Chalo March: किसान कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं, इनमें बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करना, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजा और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मामलों को वापस लेना शामिल है.
- ndtv.in
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MSP को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बनी समिति, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य शामिल होंगे या नहीं, फैसला आज
- Tuesday July 19, 2022
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: तूलिका कुशवाहा
जून, 2020 में लाये गये तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच सहमति के बिंदुओं में शामिल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति गठित करने का वादा किया था.
- ndtv.in
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'दिल्ली की सीमाओं से लौटना चाहते हैं ज्यादातर किसान'- आंदोलन पर किसान नेता
- Wednesday December 1, 2021
- Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: राहुल कुमार
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य कुलवंत सिंह ने कहा कि पंजाब के ज्यादातर किसान संगठन चाहते हैं कि दिल्ली की सीमाओं से किसानों को लौटना चाहिए .
- ndtv.in
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किसानों ने कहा कृषि कानून वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन, MSP की चाहिए गारंटी
- Sunday November 21, 2021
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुल खत लिखा जाएगा, जिसमें किसानों की लंबित मांगों का उल्लेख किया जाएगा. उन्होंने बताया कि उस चिट्ठी में एमएसपी समिति, उसके अधिकार, उसकी समय सीमा, उसके कर्तव्य; विद्युत विधेयक 2020, और किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी का उल्लेख किया जाएगा.
- ndtv.in
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कब खत्म होगा किसान आंदोलन? सिंघु बॉर्डर पर बैठक टली, आगे की रणनीति पर कल होगी चर्चा
- Saturday November 20, 2021
- Edited by: राहुल कुमार
कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न का माहौल देखने को मिला.सीमा पर मौजूद किसान एक-दूसरे को मिठाई खिलाते नजर आए
- ndtv.in
-
संसद में कैसे होंगे कृषि कानून वापस? क्या है वैधानिक प्रक्रिया और तरीका?
- Saturday November 20, 2021
- Written by: प्रमोद कुमार प्रवीण
2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद से अब तक कुल छह निरसन और संशोधन अधिनियम पारित कराए हैं, ताकि 1,428 से अधिक अप्रचलित क़ानूनों को निरस्त किया जा सके.
- ndtv.in
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कृषि कानून पर मोदी सरकार का यू-टर्न, जानें- अध्यादेश से लेकर कानून बनने और किसान आंदोलन की पूरी कहानी
- Friday November 19, 2021
- Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
Farm Laws Repeal: पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के बीच 17 सितंबर को लोकसभा और 20 सितंबर को राज्यसभा ने भारी हंगामे के बीच तीनों कानूनों को पास कर दिया था. इसके बाद 27 सितंबर को राष्ट्रपति ने इस पर दस्तखत कर दिए थे.
- ndtv.in
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केंद्रीय कृषि मंत्री ने माना देश में खाद की है शॉर्टेज, बोले- कृषि कानूनों पर अधिकांश किसान और यूनियन साथ
- Sunday October 24, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: अभिषेक पारीक
नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने बढ़ते खाद संकट पर कहा कि खाद का थोड़ा सा शॉर्टेज (Shortage Of Fertilizer) है. कोशिश की जा रही है कि डीएपी की आपूर्ति ठीक से करें. साथ ही उन्होंने किसानों से अन्य विकल्पों पर विचार करने की भी अपील की.
- ndtv.in
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सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन से बंद हाईवे खुलवाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने दी ये दलील
- Monday September 6, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव
Singhu Border Farmers Protest : किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर नवंबर 2020 से ही दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं. इसमें सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर औऱ गाजीपुर बॉर्डर शामिल हैं.
- ndtv.in
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किसान आंदोलन के आज 6 महीने पूरे, सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं 15 हजार से ज्यादा अन्नदाता
- Wednesday May 26, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: राहुल सिंह
किसान आंदोलन (Farmers Protest) को आज दिल्ली के बॉर्डर पर 6 महीने का वक्त हो चुका है. कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चलने वाले यह आंदोलन मौसम की मार, सरकार की बेरुखी सहने के अलावा कोरोनावायरस (Coronavirus) की आपदा भी झेल रहा है. किसान नेता बिना शर्त बात करने को तैयार हैं लेकिन फिलहाल सरकार ने 22 जनवरी के बाद किसानों से कोई बातचीत नहीं की है. 6 महीने बाद किसान आंदोलन की तस्वीर क्या है और लोग क्या सोच रहे हैं, NDTV ने यह जानने की कोशिश की.
- ndtv.in
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किसानों के समर्थन में उतरे नवजोत सिंह सिद्धू, अपने घर की छत पर लगाया काला झंडा
- Tuesday May 25, 2021
- Edited by: नितेश श्रीवास्तव
पंजाब के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन (Farmer Protest) में पटियाला और अमृतसर के अपने आवास पर काला झंडा लगाया.
- ndtv.in
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किसान आंदोलन : बलबीर सिंह राजेवाल का आरोप- केंद्र सरकार ने फिर से नहीं शुरू की बातचीत
- Sunday May 23, 2021
- Reported by: भाषा
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) ने शनिवार को केंद्र सरकार (Centre Govt) पर बातचीत फिर से शुरू नहीं करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि किसानों ने केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) पर बातचीत करने से कभी इनकार नहीं किया. राजेवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘22 जनवरी के बाद से केंद्र सरकार द्वारा कोई बैठक नहीं बुलाई गई है. सरकार की ओर से बातचीत के लिए आगे का रास्ता रोक दिया गया है. हमने बातचीत करने से कभी इनकार नहीं किया.’’ उन्होंने कहा कि बातचीत फिर से शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को एक पत्र भी लिखा गया है.
- ndtv.in
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पंजाब के मुक्तसर में प्रदर्शनकारी किसानों ने भाजपा विधायक की पिटाई की, कपड़े फाड़े
- Sunday March 28, 2021
- Reported by: भाषा
अधिकारियों ने बताया कि जब अबोहर के विधायक अरुण नारंग स्थानीय नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के लिए मलोट पहुंचे तो प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया और उन पर और उनके वाहनों पर काली स्याही फेंकी गई. पुलिस ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मी विधायक और स्थानीय नेताओं को एक दुकान में ले गए लेकिन बाद में जब वे इससे बाहर आए, तो प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की और नारंग के कपड़े फाड़ दिए. अधिकारियों ने बताया कि नारंग के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों को उन्हें प्रदर्शनकारियों से बचाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. विधायक को बाद में पुलिस ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
- ndtv.in
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तीन में से एक कृषि कानून को लागू करे सरकार, TMC सांसद की अगुवाई वाली संसदीय समिति की सिफारिश
- Saturday March 20, 2021
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: पवन पांडे
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश अधिकांश कृषि-वस्तुओं में अधिशेष की स्थिति में आ गया है, लेकिन कोल्ड स्टोरेज, गोदामों, प्रसंस्करण और निर्यात में निवेश की कमी के कारण किसानों को बेहतर कीमतें नहीं मिल पायी हैं, क्योंकि आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 में नियामक तंत्र द्वारा उद्यमियों को हतोत्साहित किया जाता है. इससे किसानों को तब नुकसान होता है जब बंपर फसल होती है.
- ndtv.in
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क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें... जिनके लिए शुरू किया 'दिल्ली चलो' मार्च
- Tuesday February 13, 2024
- Edited by: तिलकराज
Delhi Chalo March: किसान कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं, इनमें बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करना, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजा और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मामलों को वापस लेना शामिल है.
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MSP को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बनी समिति, संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य शामिल होंगे या नहीं, फैसला आज
- Tuesday July 19, 2022
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: तूलिका कुशवाहा
जून, 2020 में लाये गये तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच सहमति के बिंदुओं में शामिल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति गठित करने का वादा किया था.
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'दिल्ली की सीमाओं से लौटना चाहते हैं ज्यादातर किसान'- आंदोलन पर किसान नेता
- Wednesday December 1, 2021
- Reported by: सौरभ शुक्ला, Edited by: राहुल कुमार
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य कुलवंत सिंह ने कहा कि पंजाब के ज्यादातर किसान संगठन चाहते हैं कि दिल्ली की सीमाओं से किसानों को लौटना चाहिए .
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किसानों ने कहा कृषि कानून वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन, MSP की चाहिए गारंटी
- Sunday November 21, 2021
- Reported by: मुकेश सिंह सेंगर, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुल खत लिखा जाएगा, जिसमें किसानों की लंबित मांगों का उल्लेख किया जाएगा. उन्होंने बताया कि उस चिट्ठी में एमएसपी समिति, उसके अधिकार, उसकी समय सीमा, उसके कर्तव्य; विद्युत विधेयक 2020, और किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी का उल्लेख किया जाएगा.
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कब खत्म होगा किसान आंदोलन? सिंघु बॉर्डर पर बैठक टली, आगे की रणनीति पर कल होगी चर्चा
- Saturday November 20, 2021
- Edited by: राहुल कुमार
कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न का माहौल देखने को मिला.सीमा पर मौजूद किसान एक-दूसरे को मिठाई खिलाते नजर आए
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संसद में कैसे होंगे कृषि कानून वापस? क्या है वैधानिक प्रक्रिया और तरीका?
- Saturday November 20, 2021
- Written by: प्रमोद कुमार प्रवीण
2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद से अब तक कुल छह निरसन और संशोधन अधिनियम पारित कराए हैं, ताकि 1,428 से अधिक अप्रचलित क़ानूनों को निरस्त किया जा सके.
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कृषि कानून पर मोदी सरकार का यू-टर्न, जानें- अध्यादेश से लेकर कानून बनने और किसान आंदोलन की पूरी कहानी
- Friday November 19, 2021
- Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
Farm Laws Repeal: पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के बीच 17 सितंबर को लोकसभा और 20 सितंबर को राज्यसभा ने भारी हंगामे के बीच तीनों कानूनों को पास कर दिया था. इसके बाद 27 सितंबर को राष्ट्रपति ने इस पर दस्तखत कर दिए थे.
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केंद्रीय कृषि मंत्री ने माना देश में खाद की है शॉर्टेज, बोले- कृषि कानूनों पर अधिकांश किसान और यूनियन साथ
- Sunday October 24, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: अभिषेक पारीक
नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने बढ़ते खाद संकट पर कहा कि खाद का थोड़ा सा शॉर्टेज (Shortage Of Fertilizer) है. कोशिश की जा रही है कि डीएपी की आपूर्ति ठीक से करें. साथ ही उन्होंने किसानों से अन्य विकल्पों पर विचार करने की भी अपील की.
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सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन से बंद हाईवे खुलवाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने दी ये दलील
- Monday September 6, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव
Singhu Border Farmers Protest : किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर नवंबर 2020 से ही दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं. इसमें सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर औऱ गाजीपुर बॉर्डर शामिल हैं.
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किसान आंदोलन के आज 6 महीने पूरे, सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं 15 हजार से ज्यादा अन्नदाता
- Wednesday May 26, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: राहुल सिंह
किसान आंदोलन (Farmers Protest) को आज दिल्ली के बॉर्डर पर 6 महीने का वक्त हो चुका है. कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चलने वाले यह आंदोलन मौसम की मार, सरकार की बेरुखी सहने के अलावा कोरोनावायरस (Coronavirus) की आपदा भी झेल रहा है. किसान नेता बिना शर्त बात करने को तैयार हैं लेकिन फिलहाल सरकार ने 22 जनवरी के बाद किसानों से कोई बातचीत नहीं की है. 6 महीने बाद किसान आंदोलन की तस्वीर क्या है और लोग क्या सोच रहे हैं, NDTV ने यह जानने की कोशिश की.
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किसानों के समर्थन में उतरे नवजोत सिंह सिद्धू, अपने घर की छत पर लगाया काला झंडा
- Tuesday May 25, 2021
- Edited by: नितेश श्रीवास्तव
पंजाब के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन (Farmer Protest) में पटियाला और अमृतसर के अपने आवास पर काला झंडा लगाया.
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किसान आंदोलन : बलबीर सिंह राजेवाल का आरोप- केंद्र सरकार ने फिर से नहीं शुरू की बातचीत
- Sunday May 23, 2021
- Reported by: भाषा
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) ने शनिवार को केंद्र सरकार (Centre Govt) पर बातचीत फिर से शुरू नहीं करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि किसानों ने केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) पर बातचीत करने से कभी इनकार नहीं किया. राजेवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘22 जनवरी के बाद से केंद्र सरकार द्वारा कोई बैठक नहीं बुलाई गई है. सरकार की ओर से बातचीत के लिए आगे का रास्ता रोक दिया गया है. हमने बातचीत करने से कभी इनकार नहीं किया.’’ उन्होंने कहा कि बातचीत फिर से शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को एक पत्र भी लिखा गया है.
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पंजाब के मुक्तसर में प्रदर्शनकारी किसानों ने भाजपा विधायक की पिटाई की, कपड़े फाड़े
- Sunday March 28, 2021
- Reported by: भाषा
अधिकारियों ने बताया कि जब अबोहर के विधायक अरुण नारंग स्थानीय नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के लिए मलोट पहुंचे तो प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया और उन पर और उनके वाहनों पर काली स्याही फेंकी गई. पुलिस ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मी विधायक और स्थानीय नेताओं को एक दुकान में ले गए लेकिन बाद में जब वे इससे बाहर आए, तो प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की और नारंग के कपड़े फाड़ दिए. अधिकारियों ने बताया कि नारंग के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों को उन्हें प्रदर्शनकारियों से बचाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. विधायक को बाद में पुलिस ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
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तीन में से एक कृषि कानून को लागू करे सरकार, TMC सांसद की अगुवाई वाली संसदीय समिति की सिफारिश
- Saturday March 20, 2021
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: पवन पांडे
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश अधिकांश कृषि-वस्तुओं में अधिशेष की स्थिति में आ गया है, लेकिन कोल्ड स्टोरेज, गोदामों, प्रसंस्करण और निर्यात में निवेश की कमी के कारण किसानों को बेहतर कीमतें नहीं मिल पायी हैं, क्योंकि आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 में नियामक तंत्र द्वारा उद्यमियों को हतोत्साहित किया जाता है. इससे किसानों को तब नुकसान होता है जब बंपर फसल होती है.
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