India | Reported by: सुनील कुमार सिंह |शुक्रवार मई 7, 2021 03:48 PM IST मुम्बई के पी.डी. हिंदुजा अस्पताल में मासूम धैर्यराज का इलाज कर रही डॉक्टर नीलू देसाई के मुताबिक, इस तरह की बीमारी 8 से 10 हजार बच्चों में से किसी एक बच्चे में पाई जाती है. इस बीमारी का सही वक्त पर इलाज नही होने से बच्चे के जीवन के लिए काफी खतरा रहता है और इस इलाज का इंजेक्शन काफी महंगा है लेकिन धैर्य के पिता की कोशिशों के कारण 5 मई को इंजेक्शन आ गया था.