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Budget 2019 India

'Budget 2019 India' - 187 News Result(s)
  • Parliament Updates: अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है वक्फ बोर्ड संशोधन बिल

    Parliament Updates: अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है वक्फ बोर्ड संशोधन बिल

    संसद में आज हंगामे के आसार हैं. आज 5 अगस्त का दिन है और 2019 में यानी आज से ठीक 5 साल पहले मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था, उम्मीद जताई जा रही है कि आज भी सरकार कोई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश कर सकती है.

  • Exclusive : चुनाव से पहले बजट में लोकलुभावन घोषणाओं से क्यों बनाई दूरी? वित्त मंत्री ने बताया कहां से आया ये कॉन्फिडेंस

    Exclusive : चुनाव से पहले बजट में लोकलुभावन घोषणाओं से क्यों बनाई दूरी? वित्त मंत्री ने बताया कहां से आया ये कॉन्फिडेंस

    ये बजट लोकसभा चुनाव से पहले पेश किया गया, लेकिन 2019 के अंतरिम बजट की तरह इस बजट में कोई भी लोकलुभावन घोषणाएं नहीं हुईं. सरकार का सीधा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर दिखा. लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में फुल बजट पेश करेगी.

  • जब इस सुपरस्टार के बुरे वक्त में काम आया था बड़ा बेटा, 26 करोड़ की फिल्म ने कमा डाले थे 1300 करोड़

    जब इस सुपरस्टार के बुरे वक्त में काम आया था बड़ा बेटा, 26 करोड़ की फिल्म ने कमा डाले थे 1300 करोड़

    बॉलीवुड की यह फिल्म 100-200 करोड़ नहीं बल्कि सिर्फ 26 करोड़ में बनी थी, जिसने वर्ल्डवाइड 1300 करोड़ कमा कर इतिहास रच दिया था. इस फिल्म की कामयाबी के पीछे एक सुपरस्टार के बेटे का हाथ था.

  • रेड कलर का टैबलेट लेकर बजट पेश करने संसद पहुंचीं वित्तमंत्री सीतारमण

    रेड कलर का टैबलेट लेकर बजट पेश करने संसद पहुंचीं वित्तमंत्री सीतारमण

    बजट 2023: पहले वित्त मंत्री बजट को लाल रंग के ब्रीफकेस में रखकर संसद भवन ले जाते थे. लेकिन वर्ष 2019 में वित्त मंत्री बनने के बाद से सीतारमण ने ब्रीफकेस की जगह भारतीय परंपरा के अनुरूप बही-खाते की शक्ल में लाल कपड़े में लिपटे बजट को पेश करना शुरू कर दिया था.

  • Budget 2022: महामारी में अधिक लोगों के जुड़ने के बावजूद ग्रामीण नौकरियों के फंड में 25% की कटौती

    Budget 2022: महामारी में अधिक लोगों के जुड़ने के बावजूद ग्रामीण नौकरियों के फंड में 25% की कटौती

    दिसंबर 2018 में 1.9 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम की मांग की थी. दिसंबर 2019 में, यह आंकड़ा थोड़ा कम होकर 1.7 करोड़ परिवारों तक पहुंच गया. लेकिन दिसंबर 2020 तक ये संख्या 2.7 करोड़ पहुंच गई थी.

  • Union Budget 2022 : आम बजट आज, चुनावी राज्यों पर हो सकता है फोकस; पेश होने से पहले जानें 10 अहम बातें

    Union Budget 2022 : आम बजट आज, चुनावी राज्यों पर हो सकता है फोकस; पेश होने से पहले जानें 10 अहम बातें

    Budget 2022: देश के लिए आज मंगलवार यानी 1 फरवरी, 2022 का दिन काफी खास है. आज केंद्र सरकार देश का आम बजट पेश कर रही है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा (2019 के जुलाई में पेश किए गए पूरक बजट से लेकर 2020, 2021 और फिर ये 2022 का) आम बजट है. वहीं, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री अपना चौथा बजट पेश कर रही हैं. कोविड-19 महामारी के शुरू होने के दो सालों के बाद भी घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के सामने अब भी इससे पूरी तरह उबरने की चुनौती है. इस बजट से भी अपेक्षाएं हैं कि ये अर्थव्यस्था को पूरी तरह स्थिर करने के लिए प्रोत्साहन देने वाला होगा, साथ ही आर्थिक वृद्धि को भी समर्थन देगा. सरकार के सामने महामारी से प्रभावित सेक्टरों को समर्थन जारी रखने और रोजगार पैदा करने के अवसर पैदा करने की चुनौतियां होंगी. 

  • Budget 2021: सरकारी विभागों में दो साल में नौकरियों में 1.4 लाख की वृद्धि का अनुमान

    Budget 2021: सरकारी विभागों में दो साल में नौकरियों में 1.4 लाख की वृद्धि का अनुमान

    सरकारी विभागों द्वारा मार्च, 2019 से मार्च, 2021 के दौरान अनुमानत: 1.4 लाख नौकरियां जोड़ने का अनुमान है. सोमवार को पेश बजट 2021-22 में यह जानकारी दी गई है.बजट दस्तावेजों के अनुसार, सरकारी प्रतिष्ठानों में एक मार्च, 2019 तक कर्मचारियों की कुल संख्या 32,71,113 थी.

  • Union Budget 2021: सोमवार को आयेगा सीतारमण का आर्थिक टीका, क्या यह बजट बही-खाते से कुछ अलग होगा?

    Union Budget 2021: सोमवार को आयेगा सीतारमण का आर्थिक टीका, क्या यह बजट बही-खाते से कुछ अलग होगा?

    Union Budget 2021: उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष का बजट इस तरीके का होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया. अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट कोरोना महामारी की वजह से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को वापस जोड़ने की शुरुआत होगा. उनका यह भी कहना है कि इस बजट को महज बही-खाते अथवा लेखा-जोखा या पुरानी योजनाओं को नये कलेवर में पेश करने से अलग हटकर होना चाहिये. विशेषज्ञ चाहते हैं कि यह बजट कुछ इस तरीके का हो, जो भविष्य की राह दिखाये और दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाये. सोच-समझकर तैयार किया गया बजट भरोसा बहाल करने में लंबी दौड़ का घोड़ा साबित होता है. इसे सितंबर 2019 में पेश मिनी बजट या 2020 में किस्तों में की गयी सुधार संबंधी घोषणाओं से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है.

  • क्या 2019 में मिली शानदार जीत का तोहफा जनता को भी बजट में देगी मोदी सरकार?

    क्या 2019 में मिली शानदार जीत का तोहफा जनता को भी बजट में देगी मोदी सरकार?

    1 फरवरी को निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. लेकिन अर्थव्यवस्था के हालात बुरे हैं. उद्योग जगत गिरावट का सामना कर रहा है- खास कर ऑटो उद्योग. क्या बजट अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे सकता है? जब बजट की तैयारी चल रही है, तब उसी वक़्त दिसंबर की तिमाही के मायूस करने वाले नतीजे आ रहे हैं. अब तक जिन 29 कंपनियों ने नतीजे घोषित किए हैं- उनमें 22 छोटी कंपनियां हैं- वहां आय बढ़ोतरी महज 7% रही है, बीते साल ये 8% थी. और शुद्ध मुनाफ़ा 1.3% घटा है. दिसंबर की तिमाही का हाल सितंबर की तिमाही जैसा ही लग रहा है जब कॉरपोरेट कमाई 14 तिमाहियों में पहली बार निगेटिव ग्रोथ दिखा रही थी. ये सब ऐसे समय हो रहा है जब उपभोक्ता महंगाई दर 5 साल में सबसे ज़्यादा है और विकास दर साढ़े छह साल में सबसे नीचे 4.5% है. सरकार निवेश बढ़ाने की बात कर रही है, लेकिन बजट अनुमानों तक पहुंचने के लिए टैक्स संग्रह बढ़ाना होगा. फिर सरकार के सामने दोहरी चुनौती है- बढ़ती महंगाई दर की और घटती विकास दर की.

  • ऑटो सेक्टर में संकट जारी : बजट 2020 में कर राहत चाहता है वाहन उद्योग

    ऑटो सेक्टर में संकट जारी : बजट 2020 में कर राहत चाहता है वाहन उद्योग

    ऑटोमोबाइल सेक्टर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट में टैक्स में राहत की मांग की है. शुक्रवार को सोसाइटी आफ ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स यानी सिएम ने ताजा आंकड़े जारी कर कहा कि आटो सेक्टर में संकट जारी है. दिसंबर में भी कारों-स्कूटरों और मोटरसाइकिलों की बिक्री पिछले साल के मुक़ाबले गिरी है.

  • मंदी के अंदेशे के बीच सरकार ने विदेशी निवेशकों पर बढ़े सरचार्ज को वापस लिया, 10 बड़ी बातें

    मंदी के अंदेशे के बीच सरकार ने विदेशी निवेशकों पर बढ़े सरचार्ज को वापस लिया, 10 बड़ी बातें

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश के आर्थिक हालात के बारे में विस्तार से जानकारी तो दी ही, साथ ही कई घोषणाएं भी की. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बाकी देशों की अर्थव्यवस्था से बेहतर है. भारत में मंदी जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर संशोधित होकर मौजूदा अनुमान 3.2 प्रतिशत से नीचे जा सकती है. वैश्विक मांग कमजोर रहेगी. अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध तथा मुद्रा अवमूल्यन के चलते वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति पैदा हुई है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई देशों की तुलना में ऊंची है. आर्थिक सुधार सरकार के एजेंडा में सबसे ऊपर है, सुधारों की प्रक्रिया जारी है, इसकी रफ्तार थमी नहीं है. उन्होंने कहा कि कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा.

  • राज्यसभा : कांग्रेस ने की बजट 2019 की आलोचना, वित्त मंत्री ने कहा- निवेश को मिलेगी गति

    राज्यसभा : कांग्रेस ने की बजट 2019 की आलोचना, वित्त मंत्री ने कहा- निवेश को मिलेगी गति

    कांग्रेस ने 2019-20 के केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि इसमें देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कोई ठोस कार्यक्रम या योजना नहीं है.  उच्च सदन में बजट पर चल रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस की वानसुक सियाम ने कहा कि बजट से बहुत अपेक्षाएं थीं लेकिन इसमें न तो अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कोई समुचित तथा ठोस कदम उठाए गए हैं और न ही पूर्वोत्तर के विकास पर ध्यान दिया गया है.  उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर दो रुपये का अधिभार लगाना एवं उत्पाद शुल्क में बढ़ोत्तरी ऐसे समय बड़ा झटका है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम स्थिर हैं. 

  • कमलनाथ सरकार के पहले बजट में दिखी 'सॉफ्ट हिंदुत्व' की छाप, जानें क्या कुछ रहा खास

    कमलनाथ सरकार के पहले बजट में दिखी 'सॉफ्ट हिंदुत्व' की छाप, जानें क्या कुछ रहा खास

    इस बजट में सबका ध्यान किसानों के लिये आवंटन पर था, कृषि योजनाओं के लिये 22,736 करोड़ का बजट आवंटित किया गया. सरकार ने कहा कि पहले चरण में 20 लाख किसानों के 7000 करोड़ का कर्ज माफ किया, दूसरे चरण के लिये 8000 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है

  • आम बजट से कहां गायब हो गए 1.7 लाख करोड़ रुपये...?

    आम बजट से कहां गायब हो गए 1.7 लाख करोड़ रुपये...?

    बजट में इस्तेमाल किया गया रिवाइज़्ड एस्टिमेट बताता है कि 2018-19 के दौरान 17.3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व आया, जबकि आर्थिक सर्वेक्षण में अपडेट किए जा चुके प्रोविज़नल आंकड़े बताते हैं कि सरकार की आय कहीं कम रही, 15.6 लाख करोड़ रुपये, यानी 1.7 लाख करोड़ रुपये कम. प्रतिशत के लिहाज़ से (GDP के प्रतिशत के रूप में कुल राजस्व) बजट में रिवाइज़्ड एस्टिमेट 9.2 फीसदी बताया गया, जबकि आर्थिक सर्वेक्षण में दिया गया अपडेटेड आंकड़ा इसे एक फीसदी कम, यानी 8.2 प्रतिशत बताता है.

  • आर्थिक सर्वे और बजट के आंकड़ों में अंतर कैसे?

    आर्थिक सर्वे और बजट के आंकड़ों में अंतर कैसे?

    श्रीनिवासन जैन ने एक रिपोर्ट की है. बजट से 1 लाख 70 हज़ार करोड़ का हिसाब ग़ायब है. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रथिन रॉय ने आर्थिक सर्वे और बजट का अध्ययन किया. उन्होंने देखा कि आर्थिक सर्वे में सरकार की कमाई कुछ है और बजट में सरकार की कमाई कुछ है. दोनों में अंतर है. बजट में राजस्व वसूली सर्वे से एक प्रतिशत ज्यादा है. यह राशि 1 लाख 70 हज़ार करोड़ की है, क्या इतनी बड़ी राशि की बजट में चूक हो सकती है.

'Budget 2019 India' - 47 Video Result(s)
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  • Parliament Updates: अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है वक्फ बोर्ड संशोधन बिल

    Parliament Updates: अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है वक्फ बोर्ड संशोधन बिल

    संसद में आज हंगामे के आसार हैं. आज 5 अगस्त का दिन है और 2019 में यानी आज से ठीक 5 साल पहले मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था, उम्मीद जताई जा रही है कि आज भी सरकार कोई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश कर सकती है.

  • Exclusive : चुनाव से पहले बजट में लोकलुभावन घोषणाओं से क्यों बनाई दूरी? वित्त मंत्री ने बताया कहां से आया ये कॉन्फिडेंस

    Exclusive : चुनाव से पहले बजट में लोकलुभावन घोषणाओं से क्यों बनाई दूरी? वित्त मंत्री ने बताया कहां से आया ये कॉन्फिडेंस

    ये बजट लोकसभा चुनाव से पहले पेश किया गया, लेकिन 2019 के अंतरिम बजट की तरह इस बजट में कोई भी लोकलुभावन घोषणाएं नहीं हुईं. सरकार का सीधा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर दिखा. लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में फुल बजट पेश करेगी.

  • जब इस सुपरस्टार के बुरे वक्त में काम आया था बड़ा बेटा, 26 करोड़ की फिल्म ने कमा डाले थे 1300 करोड़

    जब इस सुपरस्टार के बुरे वक्त में काम आया था बड़ा बेटा, 26 करोड़ की फिल्म ने कमा डाले थे 1300 करोड़

    बॉलीवुड की यह फिल्म 100-200 करोड़ नहीं बल्कि सिर्फ 26 करोड़ में बनी थी, जिसने वर्ल्डवाइड 1300 करोड़ कमा कर इतिहास रच दिया था. इस फिल्म की कामयाबी के पीछे एक सुपरस्टार के बेटे का हाथ था.

  • रेड कलर का टैबलेट लेकर बजट पेश करने संसद पहुंचीं वित्तमंत्री सीतारमण

    रेड कलर का टैबलेट लेकर बजट पेश करने संसद पहुंचीं वित्तमंत्री सीतारमण

    बजट 2023: पहले वित्त मंत्री बजट को लाल रंग के ब्रीफकेस में रखकर संसद भवन ले जाते थे. लेकिन वर्ष 2019 में वित्त मंत्री बनने के बाद से सीतारमण ने ब्रीफकेस की जगह भारतीय परंपरा के अनुरूप बही-खाते की शक्ल में लाल कपड़े में लिपटे बजट को पेश करना शुरू कर दिया था.

  • Budget 2022: महामारी में अधिक लोगों के जुड़ने के बावजूद ग्रामीण नौकरियों के फंड में 25% की कटौती

    Budget 2022: महामारी में अधिक लोगों के जुड़ने के बावजूद ग्रामीण नौकरियों के फंड में 25% की कटौती

    दिसंबर 2018 में 1.9 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत काम की मांग की थी. दिसंबर 2019 में, यह आंकड़ा थोड़ा कम होकर 1.7 करोड़ परिवारों तक पहुंच गया. लेकिन दिसंबर 2020 तक ये संख्या 2.7 करोड़ पहुंच गई थी.

  • Union Budget 2022 : आम बजट आज, चुनावी राज्यों पर हो सकता है फोकस; पेश होने से पहले जानें 10 अहम बातें

    Union Budget 2022 : आम बजट आज, चुनावी राज्यों पर हो सकता है फोकस; पेश होने से पहले जानें 10 अहम बातें

    Budget 2022: देश के लिए आज मंगलवार यानी 1 फरवरी, 2022 का दिन काफी खास है. आज केंद्र सरकार देश का आम बजट पेश कर रही है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा (2019 के जुलाई में पेश किए गए पूरक बजट से लेकर 2020, 2021 और फिर ये 2022 का) आम बजट है. वहीं, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री अपना चौथा बजट पेश कर रही हैं. कोविड-19 महामारी के शुरू होने के दो सालों के बाद भी घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के सामने अब भी इससे पूरी तरह उबरने की चुनौती है. इस बजट से भी अपेक्षाएं हैं कि ये अर्थव्यस्था को पूरी तरह स्थिर करने के लिए प्रोत्साहन देने वाला होगा, साथ ही आर्थिक वृद्धि को भी समर्थन देगा. सरकार के सामने महामारी से प्रभावित सेक्टरों को समर्थन जारी रखने और रोजगार पैदा करने के अवसर पैदा करने की चुनौतियां होंगी. 

  • Budget 2021: सरकारी विभागों में दो साल में नौकरियों में 1.4 लाख की वृद्धि का अनुमान

    Budget 2021: सरकारी विभागों में दो साल में नौकरियों में 1.4 लाख की वृद्धि का अनुमान

    सरकारी विभागों द्वारा मार्च, 2019 से मार्च, 2021 के दौरान अनुमानत: 1.4 लाख नौकरियां जोड़ने का अनुमान है. सोमवार को पेश बजट 2021-22 में यह जानकारी दी गई है.बजट दस्तावेजों के अनुसार, सरकारी प्रतिष्ठानों में एक मार्च, 2019 तक कर्मचारियों की कुल संख्या 32,71,113 थी.

  • Union Budget 2021: सोमवार को आयेगा सीतारमण का आर्थिक टीका, क्या यह बजट बही-खाते से कुछ अलग होगा?

    Union Budget 2021: सोमवार को आयेगा सीतारमण का आर्थिक टीका, क्या यह बजट बही-खाते से कुछ अलग होगा?

    Union Budget 2021: उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष का बजट इस तरीके का होगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया. अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट कोरोना महामारी की वजह से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को वापस जोड़ने की शुरुआत होगा. उनका यह भी कहना है कि इस बजट को महज बही-खाते अथवा लेखा-जोखा या पुरानी योजनाओं को नये कलेवर में पेश करने से अलग हटकर होना चाहिये. विशेषज्ञ चाहते हैं कि यह बजट कुछ इस तरीके का हो, जो भविष्य की राह दिखाये और दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाये. सोच-समझकर तैयार किया गया बजट भरोसा बहाल करने में लंबी दौड़ का घोड़ा साबित होता है. इसे सितंबर 2019 में पेश मिनी बजट या 2020 में किस्तों में की गयी सुधार संबंधी घोषणाओं से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है.

  • क्या 2019 में मिली शानदार जीत का तोहफा जनता को भी बजट में देगी मोदी सरकार?

    क्या 2019 में मिली शानदार जीत का तोहफा जनता को भी बजट में देगी मोदी सरकार?

    1 फरवरी को निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. लेकिन अर्थव्यवस्था के हालात बुरे हैं. उद्योग जगत गिरावट का सामना कर रहा है- खास कर ऑटो उद्योग. क्या बजट अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे सकता है? जब बजट की तैयारी चल रही है, तब उसी वक़्त दिसंबर की तिमाही के मायूस करने वाले नतीजे आ रहे हैं. अब तक जिन 29 कंपनियों ने नतीजे घोषित किए हैं- उनमें 22 छोटी कंपनियां हैं- वहां आय बढ़ोतरी महज 7% रही है, बीते साल ये 8% थी. और शुद्ध मुनाफ़ा 1.3% घटा है. दिसंबर की तिमाही का हाल सितंबर की तिमाही जैसा ही लग रहा है जब कॉरपोरेट कमाई 14 तिमाहियों में पहली बार निगेटिव ग्रोथ दिखा रही थी. ये सब ऐसे समय हो रहा है जब उपभोक्ता महंगाई दर 5 साल में सबसे ज़्यादा है और विकास दर साढ़े छह साल में सबसे नीचे 4.5% है. सरकार निवेश बढ़ाने की बात कर रही है, लेकिन बजट अनुमानों तक पहुंचने के लिए टैक्स संग्रह बढ़ाना होगा. फिर सरकार के सामने दोहरी चुनौती है- बढ़ती महंगाई दर की और घटती विकास दर की.

  • ऑटो सेक्टर में संकट जारी : बजट 2020 में कर राहत चाहता है वाहन उद्योग

    ऑटो सेक्टर में संकट जारी : बजट 2020 में कर राहत चाहता है वाहन उद्योग

    ऑटोमोबाइल सेक्टर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट में टैक्स में राहत की मांग की है. शुक्रवार को सोसाइटी आफ ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स यानी सिएम ने ताजा आंकड़े जारी कर कहा कि आटो सेक्टर में संकट जारी है. दिसंबर में भी कारों-स्कूटरों और मोटरसाइकिलों की बिक्री पिछले साल के मुक़ाबले गिरी है.

  • मंदी के अंदेशे के बीच सरकार ने विदेशी निवेशकों पर बढ़े सरचार्ज को वापस लिया, 10 बड़ी बातें

    मंदी के अंदेशे के बीच सरकार ने विदेशी निवेशकों पर बढ़े सरचार्ज को वापस लिया, 10 बड़ी बातें

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश के आर्थिक हालात के बारे में विस्तार से जानकारी तो दी ही, साथ ही कई घोषणाएं भी की. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बाकी देशों की अर्थव्यवस्था से बेहतर है. भारत में मंदी जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर संशोधित होकर मौजूदा अनुमान 3.2 प्रतिशत से नीचे जा सकती है. वैश्विक मांग कमजोर रहेगी. अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध तथा मुद्रा अवमूल्यन के चलते वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति पैदा हुई है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई देशों की तुलना में ऊंची है. आर्थिक सुधार सरकार के एजेंडा में सबसे ऊपर है, सुधारों की प्रक्रिया जारी है, इसकी रफ्तार थमी नहीं है. उन्होंने कहा कि कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा.

  • राज्यसभा : कांग्रेस ने की बजट 2019 की आलोचना, वित्त मंत्री ने कहा- निवेश को मिलेगी गति

    राज्यसभा : कांग्रेस ने की बजट 2019 की आलोचना, वित्त मंत्री ने कहा- निवेश को मिलेगी गति

    कांग्रेस ने 2019-20 के केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि इसमें देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कोई ठोस कार्यक्रम या योजना नहीं है.  उच्च सदन में बजट पर चल रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस की वानसुक सियाम ने कहा कि बजट से बहुत अपेक्षाएं थीं लेकिन इसमें न तो अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कोई समुचित तथा ठोस कदम उठाए गए हैं और न ही पूर्वोत्तर के विकास पर ध्यान दिया गया है.  उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर दो रुपये का अधिभार लगाना एवं उत्पाद शुल्क में बढ़ोत्तरी ऐसे समय बड़ा झटका है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम स्थिर हैं. 

  • कमलनाथ सरकार के पहले बजट में दिखी 'सॉफ्ट हिंदुत्व' की छाप, जानें क्या कुछ रहा खास

    कमलनाथ सरकार के पहले बजट में दिखी 'सॉफ्ट हिंदुत्व' की छाप, जानें क्या कुछ रहा खास

    इस बजट में सबका ध्यान किसानों के लिये आवंटन पर था, कृषि योजनाओं के लिये 22,736 करोड़ का बजट आवंटित किया गया. सरकार ने कहा कि पहले चरण में 20 लाख किसानों के 7000 करोड़ का कर्ज माफ किया, दूसरे चरण के लिये 8000 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है

  • आम बजट से कहां गायब हो गए 1.7 लाख करोड़ रुपये...?

    आम बजट से कहां गायब हो गए 1.7 लाख करोड़ रुपये...?

    बजट में इस्तेमाल किया गया रिवाइज़्ड एस्टिमेट बताता है कि 2018-19 के दौरान 17.3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व आया, जबकि आर्थिक सर्वेक्षण में अपडेट किए जा चुके प्रोविज़नल आंकड़े बताते हैं कि सरकार की आय कहीं कम रही, 15.6 लाख करोड़ रुपये, यानी 1.7 लाख करोड़ रुपये कम. प्रतिशत के लिहाज़ से (GDP के प्रतिशत के रूप में कुल राजस्व) बजट में रिवाइज़्ड एस्टिमेट 9.2 फीसदी बताया गया, जबकि आर्थिक सर्वेक्षण में दिया गया अपडेटेड आंकड़ा इसे एक फीसदी कम, यानी 8.2 प्रतिशत बताता है.

  • आर्थिक सर्वे और बजट के आंकड़ों में अंतर कैसे?

    आर्थिक सर्वे और बजट के आंकड़ों में अंतर कैसे?

    श्रीनिवासन जैन ने एक रिपोर्ट की है. बजट से 1 लाख 70 हज़ार करोड़ का हिसाब ग़ायब है. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रथिन रॉय ने आर्थिक सर्वे और बजट का अध्ययन किया. उन्होंने देखा कि आर्थिक सर्वे में सरकार की कमाई कुछ है और बजट में सरकार की कमाई कुछ है. दोनों में अंतर है. बजट में राजस्व वसूली सर्वे से एक प्रतिशत ज्यादा है. यह राशि 1 लाख 70 हज़ार करोड़ की है, क्या इतनी बड़ी राशि की बजट में चूक हो सकती है.

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