मोदी सरकार के बजट पर बहुत मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है. आयकर के स्लैब में बदलाव नहीं हुआ, तेल पर टैक्स बढ़ गया. सोने पर टैक्स बढ़ गया. शिक्षा क्षेत्र में एक ऐसी योजना का ऐलान हो गया जो पहले से ही चल रही है. स्टडी इन इंडिया. लेकिन पहले बजट को लेकर प्रशंसकों का ये कहना है कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते और अगर टैक्स देने की बात है तो ये देश के लिए अनिवार्य है. पेट्रोल, डीजल में सेस और एक्साइज बढ़ने पर तर्क है कि सरकारी खजाने में वृद्धि होगी. लगभग सभी सरकारी योजनाओं में बजट का इजाफा हुआ है. कृषि क्षेत्र में करीब 70,000 करोड़ से बढ़कर 1 लाख 30 हजार करोड़. लगभग डबल. तो इस बजट को किस तरीके से देखा जाए?