पूर्व चैम्पियन छठी विश्व वरीयता प्राप्त चेक गणराज्य की पेट्रा क्विटोवा ने अपना पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल खेल रहीं कनाडा की यूगेनी बूचार्ड को हराकर अपने करियर का दूसरा विंबलडन खिताब जीत लिया। क्विटोवा ने शनिवार को सेंटर कोर्ट पर हुए महिला एकल वर्ग के फाइनल मुकाबले में बूचार्ड को सीधे सेटों में 6-3, 6-0 से हरा दिया।
अपना छठा ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट खेल रहीं 20 वर्षीय बूचार्ड क्विटोवा की तेजी के आगे जरा भी टिक नहीं सकीं। क्विटोवा ने मात्र 55 मिनट में खिताबी मुकाबला जीत लिया।
हारने के बावजूद बूचार्ड ने इतिहास रचते हुए किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने वाली कनाडा की पहली खिलाड़ी बन गईं। दो वर्ष पहले ही बूचार्ड ने विंबलडन के बालिका वर्ग का खिताब जीता था।
क्विटोवा ने पहले सेट के तीसरे गेम में बूचार्ड की सर्विस तोड़ी। क्विटोवा मैच के दौरान कुल छह बूचार्ड की सर्विस ब्रेक करने में कामयाब रहीं और उन्होंने कुल चार एस और 28 विनर्स लगाए।
दूसरे सेट में तो क्विटोवा जैसे बूर्चाड पर पूरी तरह हावी हो गईं और उन्होंने नेट पर और शानदार बैकहैंड का नजारा पेश करते हुए 2011 के बाद दूसरी बार विंबलडन खिताब अपनी झोली में डाल ली।
मैच के बाद क्विटोवा ने कहा, 'मेरा समर्थन करने वाले हर व्यक्ति का मैं आभार व्यक्त करती हूं। मेरे लिए यह विशेष अवसर है। उम्मीद है कि चेक गणराज्य में सभी को मेरा यह दूसरा खिताब अच्छा लगेगा।
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