भारत के विकास गौड़ा ने सोमवार को ओलिंपिक खेलों में पुरुषों के चक्का फेंक में फाइनल के लिये क्वालीफाई करके खुद को देश के कुछ विशिष्ट एथलीटों की सूची में शामिल कर दिया।
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लंदन:
भारत के विकास गौड़ा ने सोमवार को ओलिंपिक खेलों में पुरुषों के चक्का फेंक में फाइनल के लिये क्वालीफाई करके खुद को देश के कुछ विशिष्ट एथलीटों की सूची में शामिल कर दिया। गौड़ा ने अपने दूसरे प्रयास में 65.20 मीटर चक्का फेंककर फाइनल के लिये क्वालीफाई किया।
वह इस स्पर्धा के फाइनल में सीधे जगह बनाने वाले दूसरे एथलीट बने। उनसे पहले ईरान के एहसान हदादी ने 65.19 मीटर चक्का फेंककर क्वालीफाई किया था। अमेरिका में रहने वाले 29 वर्षीय भारतीय गौड़ा ने ग्रुप ए में पहले प्रयास में 63.52 मीटर चक्का फेंका था लेकिन दूसरे प्रयास में वह सभी खिलाड़ियों से आगे निकल गये।
इसमें क्वालीफाईंग मार्क (65 मीटर) हासिल करने वाले एथलीट या शीर्ष 12 खिलाड़ी फाइनल में जगह बनाते हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता गौड़ा ने इसी साल अप्रैल में 66.26 मीटर चक्का फेंककर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था जो कि राष्ट्रीय रिकार्ड है। वह लंदन ओलिंपिक में फाइनल के लिये क्वालीफाई करने वाले दूसरे भारतीय हैं।
उनसे पहले महिलाओं की चक्का फेंक में कृष्णा पूनिया ने यह कारनामा किया लेकिन वह फाइनल में सातवें स्थान पर रही थी। गौड़ा ओलिंपिक की ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाने वाले केवल सातवें भारतीय हैं। उनसे पहले मिल्खा सिंह, गुरबचन सिंह रंधावा, एस श्रीराम, पी टी उषा, अंजू बाबी जार्ज और पूनिया यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।
वह इस स्पर्धा के फाइनल में सीधे जगह बनाने वाले दूसरे एथलीट बने। उनसे पहले ईरान के एहसान हदादी ने 65.19 मीटर चक्का फेंककर क्वालीफाई किया था। अमेरिका में रहने वाले 29 वर्षीय भारतीय गौड़ा ने ग्रुप ए में पहले प्रयास में 63.52 मीटर चक्का फेंका था लेकिन दूसरे प्रयास में वह सभी खिलाड़ियों से आगे निकल गये।
इसमें क्वालीफाईंग मार्क (65 मीटर) हासिल करने वाले एथलीट या शीर्ष 12 खिलाड़ी फाइनल में जगह बनाते हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता गौड़ा ने इसी साल अप्रैल में 66.26 मीटर चक्का फेंककर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था जो कि राष्ट्रीय रिकार्ड है। वह लंदन ओलिंपिक में फाइनल के लिये क्वालीफाई करने वाले दूसरे भारतीय हैं।
उनसे पहले महिलाओं की चक्का फेंक में कृष्णा पूनिया ने यह कारनामा किया लेकिन वह फाइनल में सातवें स्थान पर रही थी। गौड़ा ओलिंपिक की ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाने वाले केवल सातवें भारतीय हैं। उनसे पहले मिल्खा सिंह, गुरबचन सिंह रंधावा, एस श्रीराम, पी टी उषा, अंजू बाबी जार्ज और पूनिया यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।
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