भारत के शीर्ष मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कजाखस्तान के डानाबेक सुखानोवा पर आसान जीत दर्ज कर लंदन ओलिंपिक की मिडिलवेट मुक्केबाजी स्पर्धा के प्री-क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया।
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लंदन:
पदक के दावेदारों में से एक भारत के शीर्ष मुक्केबाज विजेंदर सिंह (75 किग्रा) ने अपनी प्रतिभा के अनुरूप शुरुआत करते हुए कजाखस्तान के डानाबेक सुखानोवा पर आसान जीत दर्ज कर लंदन ओलिंपिक की मिडिलवेट मुक्केबाजी स्पर्धा के प्री-क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया।
बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले 26 वर्षीय विजेंदर ने शनिवार रात पहले राउंड में सतर्क शुरुआत की। उन्होंने शुरू में आक्रामकता नहीं बरती और अपने प्रतिद्वंद्वी को रणनीति के मुताबिक पछाड़ा। इस भारतीय मुक्केबाज ने धीरे-धीरे दबदबा बनाते हुए आसानी से 14-10 से जीत दर्ज की।
विजेंदर ने कहा, अगले राउंड में पहुंचकर मैं खुश हूं। वह कठिन प्रतिद्वंद्वी था। अब मेरा ध्यान अगली चुनौती पर है। उन्होंने कहा, मैं इस बार अलग रंग के पदक के साथ घर जाना चाहता हूं। हरियाणा का यह मुक्केबाज अपने प्रतिद्वंद्वी से तकनीकी रूप से काफी बेहतर था और उन्होंने अपने हाथों का अच्छा इस्तेमाल करते हुए खुद को दूसरे ओलिंपिक पदक की दौड़ में बनाये रखा। हालांकि पहले राउंड में रक्षात्मक रहते हुए भी उन्होंने 5-4 के अंतर से बढ़त बना ली।
राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले विजेंदर ने दूसरे राउंड में दबदबा और बढ़ा दिया और 4-3 से इसमें भी बढ़त जारी रखी। उन्होंने तीसरे और अंतिम राउंड में भी कजाखस्तान के मुक्केबाज को बढ़त बनाने का मौका नहीं दिया और बाउट जीत ली। सुखानोवा ने भी हालांकि कुछ अंक जुटाए, लेकिन यह कोई चौंकाने वाला परिणाम लाने के लिए काफी नहीं था।
विजेंदर अब 2 अगस्त को प्री-क्वार्टरफाइनल में अमेरिका के टेरेल गौशा से भिड़ेंगे, जिन्होंने शुरुआती राउंड में रैफरी द्वारा बाउट रोकने पर अर्मेनिया के आंद्रानिक हुकोबयान को पराजित किया।
बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले 26 वर्षीय विजेंदर ने शनिवार रात पहले राउंड में सतर्क शुरुआत की। उन्होंने शुरू में आक्रामकता नहीं बरती और अपने प्रतिद्वंद्वी को रणनीति के मुताबिक पछाड़ा। इस भारतीय मुक्केबाज ने धीरे-धीरे दबदबा बनाते हुए आसानी से 14-10 से जीत दर्ज की।
विजेंदर ने कहा, अगले राउंड में पहुंचकर मैं खुश हूं। वह कठिन प्रतिद्वंद्वी था। अब मेरा ध्यान अगली चुनौती पर है। उन्होंने कहा, मैं इस बार अलग रंग के पदक के साथ घर जाना चाहता हूं। हरियाणा का यह मुक्केबाज अपने प्रतिद्वंद्वी से तकनीकी रूप से काफी बेहतर था और उन्होंने अपने हाथों का अच्छा इस्तेमाल करते हुए खुद को दूसरे ओलिंपिक पदक की दौड़ में बनाये रखा। हालांकि पहले राउंड में रक्षात्मक रहते हुए भी उन्होंने 5-4 के अंतर से बढ़त बना ली।
राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले विजेंदर ने दूसरे राउंड में दबदबा और बढ़ा दिया और 4-3 से इसमें भी बढ़त जारी रखी। उन्होंने तीसरे और अंतिम राउंड में भी कजाखस्तान के मुक्केबाज को बढ़त बनाने का मौका नहीं दिया और बाउट जीत ली। सुखानोवा ने भी हालांकि कुछ अंक जुटाए, लेकिन यह कोई चौंकाने वाला परिणाम लाने के लिए काफी नहीं था।
विजेंदर अब 2 अगस्त को प्री-क्वार्टरफाइनल में अमेरिका के टेरेल गौशा से भिड़ेंगे, जिन्होंने शुरुआती राउंड में रैफरी द्वारा बाउट रोकने पर अर्मेनिया के आंद्रानिक हुकोबयान को पराजित किया।
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