 
                                            बहरहाल, सानिया का कहना है कि अब वह इस मनमुटाव को भुलाकर लिएन्डर पेस के साथ लंदन ओलिम्पिक में मिश्रित युगल पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
                                            
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने कहा है कि लंदन ओलिम्पिक के लिए टेनिस टीम के चयन को लेकर हुए विवाद के कारण खिलाड़ियों के बीच मनमुटाव पैदा हुआ तथा महेश भूपति के साथ भी उनके रिश्ते बिगड़े, लेकिन अब वह इसे भुलाकर लिएन्डर पेस के साथ मिश्रित युगल में पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि भूपति और रोहन बोपन्ना ने लंदन ओलिम्पिक में पेस के साथ जोड़ी बनाने से इनकार कर दिया था, और इसके बाद पेस को मजबूर होकर कम रैंकिंग के खिलाड़ी विष्णुवर्द्धन के साथ जोड़ी बनानी पड़ी। वह समझौते के तहत मिश्रित युगल में सानिया के साथ जोड़ी बनाएंगे।
सानिया ने कहा, "इस विवाद से किसी का भला नहीं हुआ। इससे हमारे बीच मनमुटाव पैदा हुआ और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे खुशी है कि यह समाप्त हो गया है और मैं अब लिएन्डर के साथ मिलकर ओलिम्पिक में अच्छा प्रदर्शन करने और पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर सकती हूं।" उन्होंने कहा, "हमें अब इसे भुलाकर पदक जीतने पर ध्यान लगाना चाहिए। लिएन्डर विम्बल्डन के फाइनल में पहुंचा और यह सकारात्मक बात है। मैं और महेश हार गए और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें फाइनल में खेलना चाहिए था।"
सानिया ने कहा कि चयन विवाद के कारण उनके भूपति के साथ रिश्ते भी खराब हुए हैं। उन्होंने कहा, "उस विवाद को दिमाग से निकालना आसान नहीं था और वह मुझे परेशान कर रहा था। मैंने जो कुछ कहा था, उससे ऐसी स्थिति नहीं बनी थीं। महेश और मैं बहुत अच्छे मित्र है, लेकिन विवाद से हमारी दोस्ती में भी दरार पड़ी है।" सानिया ने कहा कि वह मिश्रित युगल में भूपति के साथ जोड़ी बनाना पसंद करतीं, लेकिन पेस के साथ मिलकर भी वह पदक जीत सकते हैं।
सानिया ने कहा, "मैं फोरहैंड खिलाड़ी हूं और महेश बैकहैंड खिलाड़ी हैं, इसलिए मैं अपनी पसंद बता रही थी, लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि मैं किसी खिलाड़ी के साथ खेलूंगी या नहीं। मैं अपने देश के लिए किसी के साथ भी खेलने को तैयार हूं।" उन्होंने कहा, "लिएन्डर काफी अच्छे खिलाड़ी हैं और मेरे दोस्त भी हैं। मैं लंबे समय तक उनके साथ खेल चुकी हूं। ओलिम्पिक में उनके साथ खेलना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं अच्छी फार्म में हूं, मैंने भूपति के साथ फ्रेंच ओपन खिताब जीता। पेस भी विम्बलडन के फाइनल में पहुंचे हैं, इसलिए वह भी अच्छी फार्म में हैं। हमारे पास पदक जीतने का अच्छा मौका है।"
सानिया राष्ट्रमंडल और एशियाई तथा एफ्रो-एशियाई खेलों में पदक जीत चुकी हैं और उन्होंने कहा कि अब वह ओलिम्पिक पदक अपनी झोली में डालना चाहती हैं। उन्होंने कहा, "मेरे पास राष्ट्रमंडल, एशियाई खेलों और एफ्रो-एशियाई खेलों समेत 12 पदक हैं। केवल ओलिम्पिक पदक जीतना रह गया है, इसलिए इस बार मुझे पदक जीतने की उम्मीद है।"
यह पूछने पर कि क्या वह ओलिम्पिक से पहले पेस के साथ अभ्यास करेंगी तो सानिया ने कहा, "मैं लिएन्डर से नहीं मिली हूं और न ही मेरी बात हुई है। वह विम्बलडन फाइनल में थे, लेकिन उनसे मिल नहीं सकी। कप्तान एसपी मिश्रा ने हर किसी से संपर्क किया और कहा कि वह 23 जुलाई तक सभी को लंदन में चाहते हैं, इसलिए मैं तब वहां पहुंच जाऊंगी।"
सानिया ने कहा, "मैं अमेरिका जा रही हूं और सैन डिएगो में खेलूंगी। वहां से मैं लंदन जाउंगी और 23 जुलाई के बाद मुझे लगता है कि मैं लिएन्डर के साथ अभ्यास शुरू करूंगी।" वह इस विचार से बिलकुल भी सहमत नहीं थीं कि मिश्रित युगल में पदक जीतना अन्य की तुलना में आसान होगा, क्योंकि इसमें 16 टीम का ड्रॉ है। सानिया ने कहा, "मुझे लगता है कि यह गलत है कि मिश्रित युगल स्पर्धा आसान होगी। लोग कह रहे हैं कि अगर आप दो मैच जीत जाओगे तो आप सेमीफाइनल में पहुंच जाओगे और आप पदक जीत लोगे, लेकिन ड्रॉ काफी कठिन है। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मिश्रित टीमें ड्रॉ में शामिल हैं, इसलिए मैच जीतना आसान नहीं होगा।"
                                                                        
                                    
                                उल्लेखनीय है कि भूपति और रोहन बोपन्ना ने लंदन ओलिम्पिक में पेस के साथ जोड़ी बनाने से इनकार कर दिया था, और इसके बाद पेस को मजबूर होकर कम रैंकिंग के खिलाड़ी विष्णुवर्द्धन के साथ जोड़ी बनानी पड़ी। वह समझौते के तहत मिश्रित युगल में सानिया के साथ जोड़ी बनाएंगे।
सानिया ने कहा, "इस विवाद से किसी का भला नहीं हुआ। इससे हमारे बीच मनमुटाव पैदा हुआ और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे खुशी है कि यह समाप्त हो गया है और मैं अब लिएन्डर के साथ मिलकर ओलिम्पिक में अच्छा प्रदर्शन करने और पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर सकती हूं।" उन्होंने कहा, "हमें अब इसे भुलाकर पदक जीतने पर ध्यान लगाना चाहिए। लिएन्डर विम्बल्डन के फाइनल में पहुंचा और यह सकारात्मक बात है। मैं और महेश हार गए और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें फाइनल में खेलना चाहिए था।"
सानिया ने कहा कि चयन विवाद के कारण उनके भूपति के साथ रिश्ते भी खराब हुए हैं। उन्होंने कहा, "उस विवाद को दिमाग से निकालना आसान नहीं था और वह मुझे परेशान कर रहा था। मैंने जो कुछ कहा था, उससे ऐसी स्थिति नहीं बनी थीं। महेश और मैं बहुत अच्छे मित्र है, लेकिन विवाद से हमारी दोस्ती में भी दरार पड़ी है।" सानिया ने कहा कि वह मिश्रित युगल में भूपति के साथ जोड़ी बनाना पसंद करतीं, लेकिन पेस के साथ मिलकर भी वह पदक जीत सकते हैं।
सानिया ने कहा, "मैं फोरहैंड खिलाड़ी हूं और महेश बैकहैंड खिलाड़ी हैं, इसलिए मैं अपनी पसंद बता रही थी, लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि मैं किसी खिलाड़ी के साथ खेलूंगी या नहीं। मैं अपने देश के लिए किसी के साथ भी खेलने को तैयार हूं।" उन्होंने कहा, "लिएन्डर काफी अच्छे खिलाड़ी हैं और मेरे दोस्त भी हैं। मैं लंबे समय तक उनके साथ खेल चुकी हूं। ओलिम्पिक में उनके साथ खेलना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं अच्छी फार्म में हूं, मैंने भूपति के साथ फ्रेंच ओपन खिताब जीता। पेस भी विम्बलडन के फाइनल में पहुंचे हैं, इसलिए वह भी अच्छी फार्म में हैं। हमारे पास पदक जीतने का अच्छा मौका है।"
सानिया राष्ट्रमंडल और एशियाई तथा एफ्रो-एशियाई खेलों में पदक जीत चुकी हैं और उन्होंने कहा कि अब वह ओलिम्पिक पदक अपनी झोली में डालना चाहती हैं। उन्होंने कहा, "मेरे पास राष्ट्रमंडल, एशियाई खेलों और एफ्रो-एशियाई खेलों समेत 12 पदक हैं। केवल ओलिम्पिक पदक जीतना रह गया है, इसलिए इस बार मुझे पदक जीतने की उम्मीद है।"
यह पूछने पर कि क्या वह ओलिम्पिक से पहले पेस के साथ अभ्यास करेंगी तो सानिया ने कहा, "मैं लिएन्डर से नहीं मिली हूं और न ही मेरी बात हुई है। वह विम्बलडन फाइनल में थे, लेकिन उनसे मिल नहीं सकी। कप्तान एसपी मिश्रा ने हर किसी से संपर्क किया और कहा कि वह 23 जुलाई तक सभी को लंदन में चाहते हैं, इसलिए मैं तब वहां पहुंच जाऊंगी।"
सानिया ने कहा, "मैं अमेरिका जा रही हूं और सैन डिएगो में खेलूंगी। वहां से मैं लंदन जाउंगी और 23 जुलाई के बाद मुझे लगता है कि मैं लिएन्डर के साथ अभ्यास शुरू करूंगी।" वह इस विचार से बिलकुल भी सहमत नहीं थीं कि मिश्रित युगल में पदक जीतना अन्य की तुलना में आसान होगा, क्योंकि इसमें 16 टीम का ड्रॉ है। सानिया ने कहा, "मुझे लगता है कि यह गलत है कि मिश्रित युगल स्पर्धा आसान होगी। लोग कह रहे हैं कि अगर आप दो मैच जीत जाओगे तो आप सेमीफाइनल में पहुंच जाओगे और आप पदक जीत लोगे, लेकिन ड्रॉ काफी कठिन है। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मिश्रित टीमें ड्रॉ में शामिल हैं, इसलिए मैच जीतना आसान नहीं होगा।"
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