श्रीलंका के क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि उनकी टीम ने फाइनल भारत के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया है और उन्हें हार के लिए कोई शर्मिंदगी नहीं है।
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कोलंबो:
श्रीलंकाई क्रिकेट टीम भले ही आईसीसी विश्व कप-2011 के खिताबी मुकाबले में भारत से हार गई हो लेकिन देश के क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि उनकी टीम ने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और उन्हें कोई शर्मिंदगी नहीं है। विश्व कप के अंतर्गत शनिवार को वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से हरा दिया था। श्रीलंकाई टीम वर्ष 2007 के भी विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी लेकिन उस बार भी उसे उप विजेता बनकर रहना पड़ा था। उस समय श्रीलंका को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने हराया था। समाचार पत्र 'द नेशन'ने एक क्रिकेट प्रशंसक अनुपा माथेमागोदा (व्यवसायी) के हवाले से लिखा है, "हमारा क्षेत्ररक्षण खराब रहा। हम सिंगल्स और डबल्स रन को रोक सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका और हम हार गए। यही क्रिकेट है और यह क्रिकेट का स्वभाव है। आप इसमें भविष्यवाणी नहीं कर सकते।" भारत और श्रीलंका के बीच खेले जा रहे फाइनल मुकाबले को सभी देशवासी अपने-अपने टेलीविजन पर देख रहे थे। पत्र लिखता है, श्रीलंकाई टीम अपने प्रदर्शन पर गर्व कर सकती है। फाइनल मुकाबले में पूर्व कप्तान माहेला जयवर्धने ने शानदार शतक लगाया और उन्होंने टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। इसके बाद तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने भारतीय टीम के दो शीर्ष बल्लेबाजों वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलरकर को सस्ते में आउट कर अपनी टीम को शानदार शुरुआत दिलाई। मैच में एक समय ऐसा भी आया जब ऐसा लग रहा था कि श्रीलंका टीम जीत जाएगी लेकिन वह दिन श्रीलंका का नहीं था।
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