टेस्ट कैरियर की शुरुआत आमतौर पर भले ही नर्वस करने वाली रहती हो लेकिन भारत के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार के साथ ऐसा नहीं हुआ।
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किंग्सटन:
टेस्ट कैरियर की शुरुआत आमतौर पर भले ही नर्वस करने वाली रहती हो लेकिन भारत के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार के साथ ऐसा नहीं हुआ। उनका कहना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ यहां अपने जीवन के पहले टेस्ट में उन्हें कभी नहीं लगा कि यह उनका पदार्पण टेस्ट है। प्रवीण ने वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला के पहले टेस्ट की पहली पारी में 38 रन देकर तीन विकेट झटके जिससे मेजबान टीम पहली पारी में 173 रन पर आउट हुई। भारत ने दूसरी पारी में तीन विकेट के नुकसान पर 91 रन बनाए जिससे मेहमानों की कुल बढत 164 रन की हो गई है। प्रवीण के लिए हालांकि यह मैच यादगार नहीं रहा क्योंकि पिच पर दौड़ने की वजह से अंपायर ने उन्हें गेंदबाजी से रोक दिया। अंपायर डारेल हार्पर ने प्रवीण को उनके 18वें ओवर में गेंदबाजी से रोका। इस तेज गेंदबाज ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कल यहां कहा, यह पहली बार हुआ है। मेरे साथ यह कभी नहीं हुआ। किसी ने कभी मुझसे (किसी मैच में) ऐसे नहीं कहा। एक तरह से अच्छा है कि मुझे अपने पहले ही टेस्ट में यह बात पता चल गई, अब मैं इस पर काम कर सकता हूं। प्रवीण को अंपायर की ओर से दो बार चेतावनी मिलने के बावजूद उन्होंने यह गलती तीसरा बार की जिसके बाद उन्हें पहली पारी में गेंदबाजी से रोक दिया गया। इस गेंदबाज ने कहा, मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा था और मेरा ध्यान पिच पर पड़ने वाले पैरों की बजाय बल्लेबाजों पर था। मुझे याद ही नहीं रहा कि मुझे दो बार चेतावनी मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश के इस गेंदबाज ने कहा कि उन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच में गेंदबाजी का भरपूर आनंद उठाया। उन्होंने कहा, सच बताऊं तो मुझे कभी नहीं लगा कि मैं अपना पहला टेस्ट खेल रहा हूं। मैं पूरा आनंद उठा रहा था और गेंद दोनों ओर स्विंग कर रही थी। प्रवीण ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली समझते हैं कि केवल दो ओवर बाद उन्होंने लय हासिल कर ली। उन्होंने कहा, इस गर्मी में यह महत्वपूर्ण था कि मैंने जल्दी लय हासिल कर ली। सौभाग्य से मैंने केवल दो ओवर बाद लय हासिल कर ली।
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प्रवीण कुमार, गेंदबाज, भारत