मेरीकॉम के अनुसार, सांसद और बॉक्सर के तौर पर एक साथ काम करना आसान नहीं है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पांच बार की वर्ल्ड चैम्पियन एमसी मैरीकॉम ने स्वीकार किया है कि व्यस्त कार्यक्रम के बीच सक्रिय मुक्केबाज और सांसद के रूप में काम करना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि दोनों ही काम पूरी तरह से थकाने वाले हैं. लंदन ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट ने हाल के बजट सत्र के समाप्त होने दौरान अपने समय प्रबंधन के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मैं 15 दिन पहले ही राष्ट्रीय शिविर से जुड़ी थी और जल्द ही बजट सत्र शुरू (31 जनवरी) हो गया. इसलिए मैं सुबह सात बजे आईजी स्टेडियम में ट्रेनिंग के लिए जाती और फिर जल्द ही आकर कपड़े बदलती और सीधे संसद के लिये रवाना हो जाती क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि मैं संसद सत्र से अनुपस्थित रहूं.’ उन्होंने कहा, ‘यह बहुत मुश्किल था, क्योंकि कड़ी ट्रेनिंग के बाद आप बुरी तरह थक जाते हो. लेकिन ज्यादातर समय संसद की कार्यवाही इतनी जीवंत रहती थी कि इसमें नींद आने का जोखिम नहीं रहता था. काश दिन में 48 घंटे होते.’
गौरतलब है कि फिलीपींस के मुक्केबाज मैनी पैक्वियाओ एक सीनेटर भी हैं और सक्रिय मुक्केबाज भी. जब मैरीकॉम से उनसे तुलना के बारे में पूछा गया तो वह हंसने लगीं. उन्होंने कहा, ‘मैं महिला होने के नाते काफी कुछ कर रही हूं. ट्रेनिंग, संसद और फिर घर का काम और निश्चित रूप से अपने बच्चों की देखभाल करना.’ पिछले साल मई में वर्ल्ड चैम्पियनशिप के बाद मैरीकॉम ने किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया है और अब उन्होंने अपना वजन वर्ग 51 किग्रा फ्लाईवेट से 48 किग्रा लाइट फ्लाईवेट करने का फैसला किया है. राष्ट्रीय शिविर में वह कोच जीएस संधू के साथ ट्रेनिंग कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं शिविर से खुश हूं. मैं ज्यादातर हल्की ट्रेनिंग कर रही हूं, तीन चार घंटे इसमें बिता रही हूं. अगले महीने चीन और कजाखस्तान में दो ट्रेनिंग कम टूर्नामेंट दौरे हैं. ’
गौरतलब है कि फिलीपींस के मुक्केबाज मैनी पैक्वियाओ एक सीनेटर भी हैं और सक्रिय मुक्केबाज भी. जब मैरीकॉम से उनसे तुलना के बारे में पूछा गया तो वह हंसने लगीं. उन्होंने कहा, ‘मैं महिला होने के नाते काफी कुछ कर रही हूं. ट्रेनिंग, संसद और फिर घर का काम और निश्चित रूप से अपने बच्चों की देखभाल करना.’ पिछले साल मई में वर्ल्ड चैम्पियनशिप के बाद मैरीकॉम ने किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया है और अब उन्होंने अपना वजन वर्ग 51 किग्रा फ्लाईवेट से 48 किग्रा लाइट फ्लाईवेट करने का फैसला किया है. राष्ट्रीय शिविर में वह कोच जीएस संधू के साथ ट्रेनिंग कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं शिविर से खुश हूं. मैं ज्यादातर हल्की ट्रेनिंग कर रही हूं, तीन चार घंटे इसमें बिता रही हूं. अगले महीने चीन और कजाखस्तान में दो ट्रेनिंग कम टूर्नामेंट दौरे हैं. ’
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