पदक के प्रबल दावेदारों में से एक भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने लंदन ओलिंपिक की महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 51 किलोग्राम भार वर्ग में विजयी शुरुआत करते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है।
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लंदन:
पदक के प्रबल दावेदारों में से एक भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने लंदन ओलिंपिक की महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 51 किलोग्राम भार वर्ग में विजयी शुरुआत करते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है।
इस शानदार जीत के बाद मैरीकॉम से पदक की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
उधर, सम्मान के लिए दक्षिण कोरिया से खेलने उतरी पुरुष हॉकी टीम को लगातार चौथी हार का सामना करना पड़ा।
एथलेटिक्स में पदक की उम्मीद कृष्णा पूनिया से थी लेकिन पूनिया ने भी निराश किया।
रविवार को खेले गए प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पांच बार की विश्व चैम्पियन मैरीकॉम ने पोलैंड की केरोलिना निखाजुक को 19-14 से हराकर अंतिम-8 में प्रवेश किया। क्वार्टर फाइनल में मैरीकॉम का मुकाबला ट्यूनीशिया की मारॉवा राहाली से सोमवार को होगा।
पहले राउंड में मुकाबला बेहद कड़ा रहा और 3-3 की बराबरी पर खत्म हुआ। दूसरे राउंड में मैरीकॉम ने आक्रामक रुख अख्तियार किया जिसका विपक्षी मुक्केबाज के सामने कोई जवाब नहीं था। मैरीकॉम ने दूसरा राउंड 5-4 से अपने नाम किया।
मैरीकॉम ने तीसरा राउंड 7-3 से जीता जबकि चौथे राउंड में दोनों मुक्केबाज 4-4 की बराबरी पर रहीं। 29 वर्षीय मैरीकॉम से देश को पदक की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि महिला मुक्केबाजी को ओलिंपिक में पहली बार शामिल किया गया है।
दूसरी ओर, भारतीय पुरुष हॉकी टीम की हार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। रीवरबैंक एरीना में खेले गए ग्रुप-'बी' के अपने चौथे मुकाबले में भारतीय टीम, दक्षिण कोरिया से 1-4 से हार गई।
आठ बार की ओलिंपिक चैम्पियन भारतीय टीम, दक्षिण कोरिया के सामने कभी भी मुकाबले में नहीं दिखी। दक्षिण कोरिया को पिछले मुकाबले में अपने से नीची रैंक वाली बेल्जियम की टीम से हार का सामना करना पड़ा था।
कोरिया ने इसका बदला भारतीय टीम को हराकर निकाला। इस मैच में कोरिया को पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले जिनमें से उसने तीन को गोल में परिवर्तित किया। उसकी ओर से ह्यून वू नेम (60वें और 70वें), जोंग ह्यून जांग (छठे) तथा ली सेउंग ने मैच के 68वें मिनट में गोल किए।
भारत को इस मुकाबले में चार पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन भारतीय खिलाड़ी उसे गोल में परिवर्तित करने में असफल रहे। भारत की ओर से गुरविंदर चांडी ने मैच के 10वें मिनट में एकमात्र गोल किया।
एक बार फिर इस मैच में भारतीय रक्षापंक्ति असहाय नजर आई। दक्षिण कोरिया की ओर से जांग ने मैच के छठे मिनट में गोल कर अपनी टीम को शुरुआती बढ़त दिला दी थी।
जांग का अंतरराष्ट्रीय मैचों में यह 103वां गोल था। चार मैच खेलने के बाद भारतीय टीम अपने ग्रुप में सबसे निचले पायदान पर है। दक्षिण कोरिया की टीम नीदरलैंड्स और जर्मनी के बाद तीसरे स्थान पर है।
भारत अपना अंतिम ग्रुप मुकाबला मंगलवार को बेल्जियम से खेलेगा। इससे पहले, भारत को नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड और जर्मनी ने पराजित किया था। भारतीय टीम खिताब की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी है।
उधर, पूनिया ने शनिवार को फाइनल में 63.62 मीटर चक्का फेंका जोकि उनके व्यक्तिगत श्रेष्ठ प्रदर्शन 64.76 से कम रहा। पूनिया के नाम इस स्पर्धा का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पूनिया ने अपने पहले प्रयास में 62.42 मीटर की दूरी नापी जो उन्हें शीर्ष आठ में पहुंचाने के लिए काफी था, लेकिन तीसरे प्रयास में वह 61.61 मीटर की दूरी ही नाप सकी। उनका दूसरा प्रयास फाउल था।
फाइनल में हिस्सा लेने वाली 12 एथलीटों में से 4 तीन दौर के बाद ही बाहर हो गई थी। तीसरे दौर के बाद पूनिया सातवें स्थान पर थीं, लेकिन चौथे प्रयास के फाउल होने और पांचवें प्रयास में 63.62 मीटर की औसत दूरी के कारण वह सातवें स्थान पर ही रह गई।
इस शानदार जीत के बाद मैरीकॉम से पदक की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
उधर, सम्मान के लिए दक्षिण कोरिया से खेलने उतरी पुरुष हॉकी टीम को लगातार चौथी हार का सामना करना पड़ा।
एथलेटिक्स में पदक की उम्मीद कृष्णा पूनिया से थी लेकिन पूनिया ने भी निराश किया।
रविवार को खेले गए प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पांच बार की विश्व चैम्पियन मैरीकॉम ने पोलैंड की केरोलिना निखाजुक को 19-14 से हराकर अंतिम-8 में प्रवेश किया। क्वार्टर फाइनल में मैरीकॉम का मुकाबला ट्यूनीशिया की मारॉवा राहाली से सोमवार को होगा।
पहले राउंड में मुकाबला बेहद कड़ा रहा और 3-3 की बराबरी पर खत्म हुआ। दूसरे राउंड में मैरीकॉम ने आक्रामक रुख अख्तियार किया जिसका विपक्षी मुक्केबाज के सामने कोई जवाब नहीं था। मैरीकॉम ने दूसरा राउंड 5-4 से अपने नाम किया।
मैरीकॉम ने तीसरा राउंड 7-3 से जीता जबकि चौथे राउंड में दोनों मुक्केबाज 4-4 की बराबरी पर रहीं। 29 वर्षीय मैरीकॉम से देश को पदक की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि महिला मुक्केबाजी को ओलिंपिक में पहली बार शामिल किया गया है।
दूसरी ओर, भारतीय पुरुष हॉकी टीम की हार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। रीवरबैंक एरीना में खेले गए ग्रुप-'बी' के अपने चौथे मुकाबले में भारतीय टीम, दक्षिण कोरिया से 1-4 से हार गई।
आठ बार की ओलिंपिक चैम्पियन भारतीय टीम, दक्षिण कोरिया के सामने कभी भी मुकाबले में नहीं दिखी। दक्षिण कोरिया को पिछले मुकाबले में अपने से नीची रैंक वाली बेल्जियम की टीम से हार का सामना करना पड़ा था।
कोरिया ने इसका बदला भारतीय टीम को हराकर निकाला। इस मैच में कोरिया को पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले जिनमें से उसने तीन को गोल में परिवर्तित किया। उसकी ओर से ह्यून वू नेम (60वें और 70वें), जोंग ह्यून जांग (छठे) तथा ली सेउंग ने मैच के 68वें मिनट में गोल किए।
भारत को इस मुकाबले में चार पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन भारतीय खिलाड़ी उसे गोल में परिवर्तित करने में असफल रहे। भारत की ओर से गुरविंदर चांडी ने मैच के 10वें मिनट में एकमात्र गोल किया।
एक बार फिर इस मैच में भारतीय रक्षापंक्ति असहाय नजर आई। दक्षिण कोरिया की ओर से जांग ने मैच के छठे मिनट में गोल कर अपनी टीम को शुरुआती बढ़त दिला दी थी।
जांग का अंतरराष्ट्रीय मैचों में यह 103वां गोल था। चार मैच खेलने के बाद भारतीय टीम अपने ग्रुप में सबसे निचले पायदान पर है। दक्षिण कोरिया की टीम नीदरलैंड्स और जर्मनी के बाद तीसरे स्थान पर है।
भारत अपना अंतिम ग्रुप मुकाबला मंगलवार को बेल्जियम से खेलेगा। इससे पहले, भारत को नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड और जर्मनी ने पराजित किया था। भारतीय टीम खिताब की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी है।
उधर, पूनिया ने शनिवार को फाइनल में 63.62 मीटर चक्का फेंका जोकि उनके व्यक्तिगत श्रेष्ठ प्रदर्शन 64.76 से कम रहा। पूनिया के नाम इस स्पर्धा का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पूनिया ने अपने पहले प्रयास में 62.42 मीटर की दूरी नापी जो उन्हें शीर्ष आठ में पहुंचाने के लिए काफी था, लेकिन तीसरे प्रयास में वह 61.61 मीटर की दूरी ही नाप सकी। उनका दूसरा प्रयास फाउल था।
फाइनल में हिस्सा लेने वाली 12 एथलीटों में से 4 तीन दौर के बाद ही बाहर हो गई थी। तीसरे दौर के बाद पूनिया सातवें स्थान पर थीं, लेकिन चौथे प्रयास के फाउल होने और पांचवें प्रयास में 63.62 मीटर की औसत दूरी के कारण वह सातवें स्थान पर ही रह गई।
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