 
                                            प्रतीकात्मक फोटो
                                                                                                                        - भारतीय टीम ने मुकाबले के लिए कमर कसी
- आठ से 18 दिसंबर तक लखनऊ में होगा जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप
- 24 से 30 अक्टूबर के बीच फोर नेशंस टूर्नामेंट
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                                        लखनऊ में ठीक दो महीने बाद शुरू होने वाले जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम ने कमर कस ली है. टीम अपनी तैयारियों को आखिरी अंजाम दे रही है. आठ से 18 दिसंबर तक लखनऊ में होने वाले वर्ल्ड कप से पहले जूनियर टीम स्पेन (वालेंसिया) में 24 से 30 अक्टूबर के बीच फोर नेशंस टूर्नामेंट खेलेगी, जहां उसे यह अहसास हो जाएगा कि वह कितने पानी में है.
वालेंसिया में भारतीय टीम को जूनियर वर्ल्ड चैंपियन जर्मनी, बेल्जियम और मेजबान स्पेन के खिलाफ मुकाबले खेलने हैं. कोच हरेंद्र सिंह कहते हैं कि यह टूर्नामेंट उनके लिए बेहद अहम होने वाला है. इस टीम के खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई हॉकी लीग में खेलने के अनुभवों का फायदा भी मिलेगा.
कोच के मुताबिक जूनियर वर्ल्ड कप के लिए टीम का फैसला भी स्पेन दौरे के बाद ही किया जाएगा. इतना जरूर तय है कि जूनियर वर्ल्ड कप में कोर ग्रुप के खिलाड़ियों को ही जगह मिलेगी.
पूर्व चैंपियन भारतीय टीम अब तक सिर्फ दो बार मेडल जीतने में कामयाब रही है (2001 में गोल्ड और 1997 में रजत). 2005 में भारतीय टीम चौथे नंबर तक पहुंचने में कामयाब रही थी. जूनियर टीम की कामयाबी से अंदाजा लग पाएगा कि अगले चार-छह साल में सीनियर भारतीय टीम हॉकी किस स्तर तक पहुंचने में कामयाब हो पाएगी.
                                                                        
                                    
                                वालेंसिया में भारतीय टीम को जूनियर वर्ल्ड चैंपियन जर्मनी, बेल्जियम और मेजबान स्पेन के खिलाफ मुकाबले खेलने हैं. कोच हरेंद्र सिंह कहते हैं कि यह टूर्नामेंट उनके लिए बेहद अहम होने वाला है. इस टीम के खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई हॉकी लीग में खेलने के अनुभवों का फायदा भी मिलेगा.
कोच के मुताबिक जूनियर वर्ल्ड कप के लिए टीम का फैसला भी स्पेन दौरे के बाद ही किया जाएगा. इतना जरूर तय है कि जूनियर वर्ल्ड कप में कोर ग्रुप के खिलाड़ियों को ही जगह मिलेगी.
पूर्व चैंपियन भारतीय टीम अब तक सिर्फ दो बार मेडल जीतने में कामयाब रही है (2001 में गोल्ड और 1997 में रजत). 2005 में भारतीय टीम चौथे नंबर तक पहुंचने में कामयाब रही थी. जूनियर टीम की कामयाबी से अंदाजा लग पाएगा कि अगले चार-छह साल में सीनियर भारतीय टीम हॉकी किस स्तर तक पहुंचने में कामयाब हो पाएगी.
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                                        जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप, भारतीय टीम, तैयारी, Junior World Cup Hockey, Indian Team, Harendra Singh, Indian Team Coach
                            
                        