पहलवान सुशील कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ट्रायल्स की मांग को लेकर अदालत पहुंचे और खुद भी अपने कोच सतपाल सिंह और कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष राज सिंह के साथ वकीलों की दलील सुनते रहे। सुशील ने अदालत पहुंच कर बड़ा दांव लगाया है। ओलिंपिक्स के शुरू होने में क़रीब 80 दिनों का क़ीमती वक्त बचा है और खिलाड़ियों का फ़ोकस यकीनन पूरी तरह रियो की तैयारी से बंटा हुआ है। कोर्ट ने इस बारे में खिलाड़ियों और फ़ेडरेशन को नसीहत भी दी कि इस वक्त उनका ध्यान तैयारी पर होना चाहिए।
अदालत ने कहा कि सीधे तौर पर सुशील की दलील को पूरी तरह से मान लेना नरसिंह के साथ ज़्यादती हो सकती है। अदालत ने फ़ेडरेशन को सुशील से बात करने और उन्हें समझाने के बारे में कहा। कोर्ट ने सुशील के लिए खेल भावना का भी हवाला दिया। लेकिन सुशील के कोच सतपाल सिंह ने कहा, "कोर्ट ने फ़ेडरेशन से बात करने के बाद फिर से 27 मई को बुलाया है। ये कोई सेटबैक नहीं है।"
यानी सुशील और नरसिंह में रियो जाने का मौक़ा किस पहलवान को मिल पाएगा ये मामला फिर से फ़ेडरेशन के पास पहुंच गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा कि वो कुश्ती का एक्सपर्ट नहीं है और ना ही कुश्ती के चयन समिति का काम कर सकता है। कोर्ट ने इतना ज़रूर कहा कि मामला आपस में नहीं सुलझा तभी वो इस मसले में दखल देगा।
प्रधानमंत्री, खेल मंत्रालय और भारतीय कुश्ती संघ को पत्र लिखने के बाद डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ने ट्रायल्स के लिए अदालत का दरवाज़ा तो खटखटाया। लेकिन कोर्ट ने इस मसले पर सीधे तौर पर फ़ैसला लेने में असमर्थता जताई।
फ़ेडरेशन ने दलील दी कि ट्रायल्स करवाना मुमकिन नहीं है। क्योंकि इसमें नरसिंह के चोटिल होने का ख़तरा तो है ही। उन्होंने ये भी कहा कि सुशील पहले भी प्रोफ़ेशनल कुश्ती लीग और दूसरे मौक़ों पर नरसिंह से भिड़ने से बचते रहे हैं।
अदालत की सुनवाई के बाद भारतीय कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष ने कहा कि चोटिल होने के ख़तरे से कोई पहलवान मुक़बले लड़ने की बात कैसे कर सकता है?
अदालत ने कुश्ती संघ मसले को सुलझाकर 22 तारीख़ को फिर से सुनवाई की बात की है। फ़िलहाल इतना ज़रूर लग रहा है कि अगर ट्रायल्स को लेकर बात नहीं हुई तो सुशील के लिए रियो का टिकट कटवाना मुश्किल हो जाएगा।
रियो ओलिंपिक खेलों में 74 किग्रा वर्ग कुश्ती में दावेदारी का मामला हाइकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने साफ़ कहा कि वो तभी इस मामले में दखल देगा जब कोई चारा नहीं होगा। कोर्ट ने साफ कहा कि दोनों पहलवान शानदार हैं। नरसिंह का दावा बनता है और ये कोटा उन्हें मेहनत से मिला है।
वहीं कोर्ट ने सुशील कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि सुशील भी किसी से कम नहीं हैं और उनको पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए। इस बीच कोर्ट ने कहा है कि भारतीय कुश्ती संघ सुशील से बात करे और अपना जवाब दे। कोर्ट ने इस मामले में 27 तारीख को सुनवाई रखी है और कहा है कि पहलवानों को अभ्यास में पसीना बहाना चाहिए, कोर्ट में बैठकर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
अदालत ने कहा कि सीधे तौर पर सुशील की दलील को पूरी तरह से मान लेना नरसिंह के साथ ज़्यादती हो सकती है। अदालत ने फ़ेडरेशन को सुशील से बात करने और उन्हें समझाने के बारे में कहा। कोर्ट ने सुशील के लिए खेल भावना का भी हवाला दिया। लेकिन सुशील के कोच सतपाल सिंह ने कहा, "कोर्ट ने फ़ेडरेशन से बात करने के बाद फिर से 27 मई को बुलाया है। ये कोई सेटबैक नहीं है।"
यानी सुशील और नरसिंह में रियो जाने का मौक़ा किस पहलवान को मिल पाएगा ये मामला फिर से फ़ेडरेशन के पास पहुंच गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा कि वो कुश्ती का एक्सपर्ट नहीं है और ना ही कुश्ती के चयन समिति का काम कर सकता है। कोर्ट ने इतना ज़रूर कहा कि मामला आपस में नहीं सुलझा तभी वो इस मसले में दखल देगा।
प्रधानमंत्री, खेल मंत्रालय और भारतीय कुश्ती संघ को पत्र लिखने के बाद डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार ने ट्रायल्स के लिए अदालत का दरवाज़ा तो खटखटाया। लेकिन कोर्ट ने इस मसले पर सीधे तौर पर फ़ैसला लेने में असमर्थता जताई।
फ़ेडरेशन ने दलील दी कि ट्रायल्स करवाना मुमकिन नहीं है। क्योंकि इसमें नरसिंह के चोटिल होने का ख़तरा तो है ही। उन्होंने ये भी कहा कि सुशील पहले भी प्रोफ़ेशनल कुश्ती लीग और दूसरे मौक़ों पर नरसिंह से भिड़ने से बचते रहे हैं।
अदालत की सुनवाई के बाद भारतीय कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष ने कहा कि चोटिल होने के ख़तरे से कोई पहलवान मुक़बले लड़ने की बात कैसे कर सकता है?
अदालत ने कुश्ती संघ मसले को सुलझाकर 22 तारीख़ को फिर से सुनवाई की बात की है। फ़िलहाल इतना ज़रूर लग रहा है कि अगर ट्रायल्स को लेकर बात नहीं हुई तो सुशील के लिए रियो का टिकट कटवाना मुश्किल हो जाएगा।
रियो ओलिंपिक खेलों में 74 किग्रा वर्ग कुश्ती में दावेदारी का मामला हाइकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने साफ़ कहा कि वो तभी इस मामले में दखल देगा जब कोई चारा नहीं होगा। कोर्ट ने साफ कहा कि दोनों पहलवान शानदार हैं। नरसिंह का दावा बनता है और ये कोटा उन्हें मेहनत से मिला है।
वहीं कोर्ट ने सुशील कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि सुशील भी किसी से कम नहीं हैं और उनको पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए। इस बीच कोर्ट ने कहा है कि भारतीय कुश्ती संघ सुशील से बात करे और अपना जवाब दे। कोर्ट ने इस मामले में 27 तारीख को सुनवाई रखी है और कहा है कि पहलवानों को अभ्यास में पसीना बहाना चाहिए, कोर्ट में बैठकर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
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