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This Article is From Jun 08, 2011

हिजाब पर प्रतिबंध को ईरान ने अमानवीय करार दिया

ईरानी राष्ट्रपति अहमदीनेजाद ने फुटबॉल खेलने वाली लड़कियों के हिजाब पहनने पर फीफा द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को उपनिवेशवादी सोच करार दिया है।
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तेहरान: ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने फुटबॉल खेलने वाली लड़कियों के हिजाब पहनने पर फीफा द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को उपनिवेशवादी सोच करार दिया है। जॉर्डन में ईरान के राजदूत मुस्तफा मुसलेह जादेह ने यहां तक कहा कि यह प्रतिबंध अमानवीय और राजनीति से प्रेरित है। अहमदीनेजाद की यह टिप्पणी उस समय आई है, जब गत शुक्रवार को ईरानी टीम ने 2012 में होने वाले ओलिंपिक खेलों में जाने का अधिकार जॉर्डन के हाथों खो दिया, क्योंकि यह बिना हिजाब के नहीं खेलेगी। अहमदीनेजाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ये लोग तानाशाह और उपनिवेशवादी हैं, जो अपनी जीवनशैली को दूसरों पर थोपना चाहते हैं। दूसरी ओर जादेह ने कहा कि वह इस बारे में एशियाई फुटबॉल परिसंघ से शिकायत करेंगे। फीफा ने कहा है कि इस्लामी हिजाब पर सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध लगाया गया है। जादेह ने इस प्रतिबंध को चरमपंथ करार दिया और कहा कि यह अफगानिस्तान के तालिबानी फरमान जैसा है, जो महिलाओं के खेलने पर रोक लगाता है। फीफा ने 2007 में हिजाब पर रोक लगाई थी और सुरक्षा नियम का विस्तार सिर के अलावा गर्दन ढकने वाले कपड़े तक कर दिया था। 2010 के यूथ ओलिंपिक में ईरानी लड़कियों ने खास तौर पर बनाई गई टोपियों से अपने बालों को ढका था।

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