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This Article is From May 17, 2011

भारतीय हॉकी को नए खिलाड़ियों की जरूरत : भास्करन

भास्करन ने कहा कि ओलिंपिक क्वालीफायर से पहले भारतीय हॉकी को नए खिलाड़ियों की जरूरत है।
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New Delhi: अजलन शाह कप में भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए हॉकी प्रशासन को कसूरवार ठहराते हुए पूर्व मुख्य कोच वासुदेवन भास्करन ने मंगलवार को कहा कि ओलिंपिक क्वालीफायर से पहले भारतीय हॉकी को नए खिलाड़ियों की जरूरत है। पिछली दो बार की चैम्पियन भारतीय टीम इपोह में पांच से 15 मई तक हुए अजलन शाह कप में छठे स्थान पर रही। मास्को ओलिंपिक (1980) में आठवां और आखिरी स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान रहे भास्करन ने चेन्नई से कहा, हमें हर हालत में लंदन ओलिंपिक 2012 के लिए क्वालीफाई करना है। बीजिंग ओलिंपिक 2008 नहीं खेल पाने की शर्मिंदगी दोबारा नहीं झेलनी है लेकिन इसके लिए टीम को युवा खिलाड़ियों की जरूरत है। जर्मनी में हुए 2006 विश्व कप में आखिरी बार भारत के कोच रहे भास्करन ने कहा, जब मैं कोच था तब भी खिलाड़ियों का पूल लगभग यही था और पांच साल में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। हमारे यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन हॉकी इंडिया और आईएचएफ के आपसी सत्ता संघर्ष को भुलाकर उन्हें मौका देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, अजलन शाह कप में मिडफील्डर सरदारा सिंह की कमी खली लेकिन हमारे पास हर पोजिशन के लिए तीन चार खिलाड़ियों का बैकअप होना जरूरी है। यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। यदि नियमित ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह टीम में होता तो शायद जूनियर टीम से आए रूपिंदर पाल सिंह को मौका नहीं मिल पाता और वह छुपी हुई प्रतिभा ही रह जाता। भास्करन ने कहा, खिलाड़ियों का पूल बड़ा करने के लिये क्षेत्रीय आधार पर टूर्नामेंट कराये जाने जरूरी है। राष्ट्रीय शिविर के लिये खिलाड़ियों का चयन किस आधार पर होता है, कोई नहीं जानता। ट्रायल में अधिक खिलाड़ियों को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,मेरी और मेरे बाद जोस ब्रासा की यही शिकायत रही कि चयन के लिए अधिक विकल्प नहीं मिलते। नए कोच (हरेंद्र सिंह) को यह दायरा बढ़ाना चाहिए तभी प्रदर्शन में सुधार आएगा। उन्होंने अजलन शाह कप में खराब प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को भी दोषी ठहराते हुए कहा, हमने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को ड्रा पर रोकने के बाद हम उस लय को कायम नहीं रख पाए। डिफेंस में सुधार की सख्त जरूरत है। वहीं अपनी कप्तानी में भारत को पहली बार अजलन शाह कप खिताब दिलाने वाले मोहम्मद शाहिद ने अजलन शाह कप में खराब प्रदर्शन के लिए टीम में किए गए प्रयोगों को कसूरवार ठहराते हुए कहा कि किसी भी टूर्नामेंट को हलके में नहीं लिया जाना चाहिए। शाहिद ने कहा, टूर्नामेंट हारने के बाद यह बहाना नागवार है कि नए खिलाड़ियों को मौका दिया गया था। मेरा मानना है कि ओलिंपिक क्वालीफायर से पहले कोई प्रयोग नहीं होना चाहिए। हमें किसी भी तरह लंदन ओलंपिक 2012 के लिये क्वालीफाई करके ओलिंपिक नहीं खेल पाने की शर्मिंदगी से बचना होगा। उन्होंने कहा, इसके लिए जरूरी है कि हर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत टीम उतारी जाए ताकि जीत के साथ आत्मविश्वास बढ़े। हिन्दुस्तान की जनता टीम को जीतते देखने के लिए तरस गई है। यदि यही हाल रहा तो एक दिन भारतीय हॉकी खत्म हो जाएगी और ना ही कोई इस खेल को अपनाएगा।

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