दक्षिण कोरिया के शहर इंचियोन में आयोजित 17वें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर रविवार को देश लौटी भारत की पुरुष हॉकी टीम हॉकी प्रशंसकों और हॉकी इंडिया (एचआई) के अधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया।
इंदिरा गांधी हवाई अड्डा पर हॉकी टीम के स्वागत के लिए प्रशंसकों की भारी भीड़ एकत्रित हुई। स्वागत करने पहुंचे अनेक प्रशंसकों के खुशी के मारे आखों से आंसू निकल पड़े।
भारत ने खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान को पेनाल्टी शूटआउट के माध्यम से हराकर 16 साल बाद एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता। साथ ही भारत ने रियो डी जेनेरियो में 2016 में होने वाले ओलिम्पिक खेलों में खेलने की योग्यता हासिल की। भारत ने एशियाई खेलों में पाकिस्तान पर 48 साल बाद जीत हासिल की।
हवाई अड्डे पर एचआई की अध्यक्ष मरियम्मा कोशे, कोषाध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद, संयुक्त सचिव सुदर्शन पाठक और तपन कुमार दास, सीईओ एलेना नॉर्मन तथा एचआई के कई अधिकारियों ने खिलाड़ियों और सहयोगी दल का स्वागत किया।
फाइनल मैच के हीरो गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने इस अवसर पर कहा, "हम पर पाकिस्तान के खिलाफ खेलने का दबाव नहीं था क्योंकि हम जानते थे कि हम ही फाइनल जीत रहे हैं। पहले क्वार्टर में गोल करके जब पाकिस्तान ने बढ़त बना ली थी तब भी हम अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे, क्योंकि हम जानते थे कि बराबरी करने और आगे निकलने के लिए अभी तीन क्वार्टर का खेल बाकी है।"
गौरतलब है कि पेनाल्टी शूटआउट के दौरान श्रीजेश ने दो शानदार गोल बचाए और भारत को 16 वर्ष बाद चैम्पियन बना दिया। एशियाई खेलों में भारत का यह तीसरा स्वर्ण पदक है।
कप्तान सरदार सिंह ने कहा कि उन्हें अपने साथियों पर गर्व है और सबने जितनी मेहनत की है, उसका फल उन्हें मिला है। सरदार ने कहा, "हमने इस स्वर्ण के लिए काफी मेहनत की थी। मुझे अपने साथियों पर गर्व है। हम आने वाले समय में लगातार सुधार करते रहेंगे और इस बार की तरह हमेशा आक्रामक हॉकी खेलने का प्रयास करेंगे।"
एचआई के महासचिव नरिंदर बत्रा ने खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल जैसे बेहद कड़े मुकाबले में भी वे अपने लक्ष्य से भटके नहीं।
बत्रा ने कहा, "मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि भारतीय खिलाड़ियों ने मैच के आखिर तक दबाव से निपटने में कामयाब रहे। स्वर्ण पदक जीतकर टीम ने हमें गौरवान्वित किया है और सबसे अच्छी बात यह है कि वे अपनी रणनीति और योजना में सफल रहे।"
बत्रा ने कहा, "हालांकि मेरा मानना है कि अभी भी सुधार करने की काफी गुंजाइश है।"
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