दिल्ली की एक अदालत के सामने सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से अधिक की कथित हानि से जुड़े राष्ट्रमंडल खेलों के एक घोटाले के मामले में बुधवार को सुनवाई शुरू हुई। इस मामले में सुरेश कलमाड़ी और नौ अन्य आरोपी हैं।
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नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत के सामने सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से अधिक की कथित हानि से जुड़े राष्ट्रमंडल खेलों के एक घोटाले के मामले में बुधवार को सुनवाई शुरू हुई। इस मामले में सुरेश कलमाड़ी और नौ अन्य आरोपी हैं।
अदालत ने आज राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी एक महिला अधिकारी के बयान दर्ज किए। राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के निष्कासित अध्यक्ष कलमाड़ी के अलावा अन्य आरोपियों में समिति के पूर्व महासचिव ललित भानोट और पूर्व महानिदेशक वीके वर्मा शामिल हैं।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रविन्द्र कौर ने सीबीआई की पहली गवाह और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान संचार एवं प्रकाशन निदेशक रहीं आनंदा स्वरूप के बयान दर्ज किए।
विशेष न्यायाधीश ने ही भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत आरोप तय करके सुनवाई का रास्ता साफ किया था।
अदालत में आज दिनभर बयान दर्ज किये गये और इस दौरान आनंदा ने उस आशय पत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) के बारे में बयान दिए जिसे टाइमिंग, स्कोरिंग एंड रिजल्ट (टीएसआर) उपकरण खरीद के संबंध में आयोजन समिति की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था।
कलमाड़ी और अन्य राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टीएसआर प्रणाली लगाने के लिए एक कंपनी ‘स्विस टाइमिंग’ से ‘अवैध’ तरीके से अनुबंध करने से संबंधित है। इस दौरान सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से अधिक की हानि हुई।
इस मामले की जांच के दौरान आनंदा ने सीबीआई को बताया था कि उन्हें आयोजन समिति के महासचिव के कार्यालय के एक अधिकारी से 21 मार्च 2009 को एक ईमेल आया था जिसमें कहा गया था कि वेबसाइट पर आशय पत्र से संबंधित दस्तावेजों को वेबसाइट पर डाल दिया जाए।
सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश, फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और अन्य अपराधों का आरोप है जिसमें अधिकतम उम्रकैद का प्रावधान है।
अदालत ने आज राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी एक महिला अधिकारी के बयान दर्ज किए। राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के निष्कासित अध्यक्ष कलमाड़ी के अलावा अन्य आरोपियों में समिति के पूर्व महासचिव ललित भानोट और पूर्व महानिदेशक वीके वर्मा शामिल हैं।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रविन्द्र कौर ने सीबीआई की पहली गवाह और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान संचार एवं प्रकाशन निदेशक रहीं आनंदा स्वरूप के बयान दर्ज किए।
विशेष न्यायाधीश ने ही भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत आरोप तय करके सुनवाई का रास्ता साफ किया था।
अदालत में आज दिनभर बयान दर्ज किये गये और इस दौरान आनंदा ने उस आशय पत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) के बारे में बयान दिए जिसे टाइमिंग, स्कोरिंग एंड रिजल्ट (टीएसआर) उपकरण खरीद के संबंध में आयोजन समिति की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था।
कलमाड़ी और अन्य राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टीएसआर प्रणाली लगाने के लिए एक कंपनी ‘स्विस टाइमिंग’ से ‘अवैध’ तरीके से अनुबंध करने से संबंधित है। इस दौरान सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से अधिक की हानि हुई।
इस मामले की जांच के दौरान आनंदा ने सीबीआई को बताया था कि उन्हें आयोजन समिति के महासचिव के कार्यालय के एक अधिकारी से 21 मार्च 2009 को एक ईमेल आया था जिसमें कहा गया था कि वेबसाइट पर आशय पत्र से संबंधित दस्तावेजों को वेबसाइट पर डाल दिया जाए।
सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश, फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और अन्य अपराधों का आरोप है जिसमें अधिकतम उम्रकैद का प्रावधान है।
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