
खास बातें
- भारत के शीर्ष वरीय टेबल टेनिस स्टार शरत कमल को शुक्रवार को पुरुषों के एकल वर्ग में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। भारत को राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में कुल नौ पदक मिले लेकिन एक भी सोना हाथ नहीं लगा।
भारत के शीर्ष वरीय टेबल टेनिस स्टार शरत कमल को शुक्रवार को पुरुषों के एकल वर्ग में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। भारत को राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में कुल नौ पदक मिले लेकिन एक भी सोना हाथ नहीं लगा।
शरत के हाथ से स्वर्ण जीतने के दो मौके फिसल गए। पहले तो वह एकल के सेमीफाइनल में सिंगापुर को ली ह्यू से 10-12, 7-11, 13-11, 10-12, 4-11 से हारे और फिर पुरुष युगल के फाइनल में शुभोजीत साहा के साथ इंग्लैंड के क्रिस्टोफर डोरान और सैमुएल वाल्कर से हार गए।
शरत और साहा यह मैच 11-4, 8-11, 11-6, 10-12, 7-11 से हारे। इन दोनों ने 2009 में ग्लासगो में युगल का खिताब जीता था और साथ ही साथ दोनों ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान थ्यागराज स्टेडियम में ही सोना हासिल किया था।
शुक्रवार को जब दिन के खेल शुरू हुए तो भारत को महिला एकल एवं महिला युगल भी दो पदक थे लेकिन कोई भी खिलाड़ी सेमीफाइनल से आगे नहीं पहुंच सका और उसे कांस्य से संतोष करना पड़ा। भारत को इस चैम्पियनशिप में कुल दो रजत और सात कांस्य पदक मिले।
महिला वर्ग में दिग्गज मौमा दास को एकल सेमीफाइनल में सिंगापुर की यू मेनग्यू ने 8-11, 17-15, 11-7, 8-11, 5-11, 4-11 से हराया। इसी तरह 18 साल की मोनिका बत्रा के पास फाइनल में पहुंचने का अच्छा मौका था लेकिन वह कनाडा की झांग मो से 9-11, 12-10, 10-12, 11-6, 7-11, 12-10, 6-11 से हार गईं।
महिला युगल में मौमा और शामिनी कुमारेशन को फेंग तियानवेई और यू मेंगयू से 11-9, 11-9, 11-2 से हारीं जबकि नेहा अग्रवाल और मघुरिका पाटकर को इंग्लैंड की जोआना पारकर और केली शिबले ने 8-11, 11-9, 7-11, 9-11 से हराया।
मौमा ने प्रत्येक दो साल पर होने वाले इस टूर्नामेंट में कुल चार पदक हासिल किए। इसमें सौम्यजीत के साथ जीता गया मिश्रित युगल का रजत भी शामिल है।